'Does God Exist', "क्या भगवान मौजूद हैं?" इस विषय पर हाल ही में हुई बहस की खूब चर्चा हो रही है. बहस के कई हिस्से सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुए. इसी बहस में एक टर्म आया- Argument of Contingency. मुफ्ती शमील नदवी ने ईश्वर के विचार के सपोर्ट में इसका इस्तेमाल किया था. जावेद अख्तर ने इस तर्क पर सवाल भी उठाए थे. ऐसे में आज के 'आसान भाषा में' के एपिसोड में समझिए कि आखिर यह 'आर्गुमेंट ऑफ़ कंटिंजेंसी' है क्या चीज. वीडियो में अरस्तू और इब्न सिना से लेकर थॉमस एक्विनास और लाइबनिज़ इस विचार के इतिहास के बारे में भी जानिए. साथ ही बताया गया है कि बाद में इसकी क्या आलोचनाएं हुईं. एक मुश्किल दार्शनिक यानी फिलोसोफिकल बहस का संतुलित, आसान और साफ एक्सप्लेनेशन देखिए वीडियो में.
आसान भाषा में: क्या है Argument of Contingency, जिसका Does God Exist की बहस में किया गया जिक्र?
'Does God Exist' की बहस में मुफ्ती शमील नदवी ने ईश्वर के विचार को सपोर्ट करने के लिए Argument of Contingency शब्द का इस्तेमाल किया था. यह एक फिलोसोफिकल और बहुत ही पुरानी बहस है. इस शब्द का आसान भाषा में मतलब समझने के लिए देखें यह वीडियो.
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