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बचपन और परिवार की बात पर भावुक हुए सौरभ द्विवेदी, गिरिजा ओक के साथ सुनिए 'घर जैसी बातें'

सौरभ द्विवेदी और गिरिजा ओक के साथ देखिए ‘घर जैसी बातें.’

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त्योहारों के मौसम में घर से दूर काम के बीच, अक्सर घर के त्योहार याद आते हैं. आंखों के सामने तैर जाती हैं वो सारी पुरानी यादें, जो गांव-घर के आंगन में बसी हैं. बाबा-दादी के किस्से, मम्मी की कहानियां. नानी का वो घर जो नानी के जाने के बाद नानी का घर नहीं रहता. गांव-घर के ऐसे ढ़ेरों किस्से जो शहर की भाग दौड़ के बीच कहीं पीछे छूट गए. देखिए, सौरभ द्विवेदी और गिरिजा ओक के साथ ‘घर जैसी बातें.’

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