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एक कविता रोज़ में सुनिए अनामिका अनु की कविता- क्षमा

तुम साँझ से पाप करोगे/ मैं डूबकर क्षमा दूँगी.

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कविताओं से जुड़ा हमारा कार्यक्रम - एक कविता रोज़. आज के एपिसोड में हम आपको अनामिका अनु की कविताएं सुनाएंगे. अनामिका केरल में रहती हैं, पोएट हैं और क्या खूब लिखती हैं. उन्हें 2020 में भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है. इसके अलावा अनामिका हंस, समकालीन भारतीय साहित्य, स्त्रीकाल, चौथी दुनिया, और न जाने कितनी जगह छप चुकी हैं. आज हम आपको उनकी दो कविताएँ सुनाने जा रहे हैं. पहली कविता का शीर्षक है - क्षमा. देखिए वीडियो.

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