नेपाल के पोखरा में रविवार, 15 जनवरी को एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त (Nepal Plane Crash) हो गया. विमान में कुल 72 लोग सवार थे. इसमें से 68 पैसेंजर और 4 क्रू मेंबर थे. हादसे में 69 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. क्रैश हुआ विमान येति एयरलाइंस (Yeti Airlines) का था.
ये हैं दुनिया के 9 सबसे खतरनाक एयरपोर्ट, लैंडिंग के समय पायलट को आने लगता है पसीना!
केवल 400 मीटर के रनवे पर कैसे उतरेगा हवाई जहाज?
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नेपाल की एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ. विमान के पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी, जो मिल गई थी. थोड़ी देर बाद पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और वो भी उसे दे दी गई.
इसी खबर पर काम करते-करते हमें सूझा कि दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट्स (Worlds deadliest airports) के बारे में बात करनी चाहिए. वो एयरपोर्ट्स जहां लैंडिंग कराना कठिन है.

सबा एयरपोर्ट समुद्र के किनारे एक छोटी सी चोटी पर बना हुआ है. देखने से तो ये लगता है कि कैसे यहां कोई विमान लैंड होता होगा? यही नहीं सब एयरपोर्ट का रनवे दुनिया का सबसे छोटा रनवे है. केवल 400 मीटर का. रनवे के दोनों छोर पर खाई है. यानी पायलट के पास गलती करने का कोई भी स्कोप नहीं है. एक गलती और विमान सीधा खाई में.
# लुकला एयरपोर्ट, नेपाल

इस एयरपोर्ट को तेनजिंग-हिलेरी एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है. लुकला एयरपोर्ट दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट्स की लिस्ट में सबसे ऊपर है. 527 मीटर लंबे रनवे वाला ये एयरपोर्ट 9 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है. रनवे खुलता है सीधे खाई में. सामने पहाड़. तेज हवाएं. इस वजह से इस एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक ऑफ कराना किसी भी पायलट के लिए आसान नहीं होता है. रनवे की लेंथ भी छोटी है.x अब लैंडिंग और टेकऑफ की दिशा भी एक ही है. वो खाई वाली दिशा. इसलिए एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेकऑफ के पहले तक जहाजों का वेटिंग लगा रहता है.
# कौरशेवेल एयरपोर्ट (CVF), फ्रांस
कौरशेवेल एयरपोर्ट अपने रनवे के लिए खासा फेमस है. एक तो 537 मीटर का छोटा रनवे. ऊपर से वो भी सीधा नहीं. इस एयरपोर्ट के रनवे में आगे की और ढ़ाल है. और फिर खाई. दुनिया के किसी भी पायलट के लिए इस एयरपोर्ट पर लैंडिंग का कोई दूसरा चांस नहीं होता. एक बार में परफेक्ट लैंडिंग करनी होती है. यहां तक इस एयरपोर्ट पर किसी भी लाइट की व्यवस्था नहीं है. और खराब मौसम में यहां लैंडिंग करना असंभव है.
# आइस रनवे (NZIR), अंटार्कटिका
यह आइस रनवे रॉस आइलैंड पर एक ज्वालामुखी की चट्टान पर बनाया गया है. इस रनवे को पूरी तरह से "सफेद बर्फ" (चार इंच की बर्फ) से बनाया गया है. ठंड के मौसम में इस इलाके में 24 घंटे अंधेरा रहता है. आइस रनवे में कोई भी लाइट न होने के कारण पायलट को ऐसे ट्रेन किया जाता है कि वो अंधेरे में भी लैंडिंग करा सके.
# पारो एयरपोर्ट, भूटान
अगर आप पायलट हैं, और कोई आपसे कहे कि बिना किसी रडार वाले एयरपोर्ट पर विमान को लैंड कराना है, तो इससे खतरनाक क्या हो सकता है? भूटान के पारो एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग को गाइड करने के लिए कोई भी रडार उपलब्ध नहीं है. इस एयरपोर्ट के 2265 मीटर के रनवे पर पायलट को मैनुअल मोड में ही ये सब करना होता है. यही वजह है कि इस एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए 20 से भी कम पायलट ही योग्य हैं. इस एयरपोर्ट की खास बात ये है कि यहां दिन की रोशनी में ही विमानों की आवाजाही की अनुमति दी जाती है. बादल होने पर भी विमानों को डायवर्ट कर दिया जाता है.
# प्रिंसेस जुलियाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सेंट मार्टिन
इस एयरपोर्ट का रनवे लगभग 2300 मीटर का है. जो कि बड़े जेट विमानों की लैंडिंग के लिए काफी नहीं है. रोचक बात ये है कि इस एयरपोर्ट से पहले समुद्र का किनारा भी पड़ता है. पायलट को लैंडिंग और टेक ऑफ से पहले इसका खासा ध्यान रखना होता है. यही वजह है कि समुद्र के बीच (Beach) पर मौजूद लोगों के सिर के करीब से यहां विमान गुजरते हैं.
# जिब्राल्टर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिब्राल्टर
जिब्राल्टर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक सिविलियन एयरपोर्ट है. ये ब्रिटेन के ओवरसीज क्षेत्र जिब्राल्टर में मौजूद है. इस एयरपोर्ट की खास बात ये है कि इसका 1776 मीटर का रनवे शहर की सबसे व्यस्त सड़क से होकर गुजरता है. जी हां, ठीक सुना. रनवे शहर की सड़क के बीच से गुजरता है. इसका मतलब ये है कि जब भी यहां से विमान गुजरता है तो सड़क पर मौजूद ट्रैफिक को रोकना पड़ता है. यानी पायलट को एयर ट्रैफिक के अलावा रोड ट्रैफिक पर भी ध्यान देना होता है.
# वेलिंगटन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, न्यूजीलैंड
एयरपोर्ट के दोनों तरफ पानी है. वेलिंगटन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे के दोनों छोरों पर पानी ही पानी दिखता है. एयरपोर्ट का रनवे भी सिर्फ 2081 मीटर का है. नॉर्मल एयरपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो ये काफी छोटा रनवे है. इस एयरपोर्ट पर पायलट की एक गलती से विमान सीधे पानी में जाकर गिर सकता है.
# नरसरसुअक एयरपोर्ट, ग्रीनलैंड
इस एयरपोर्ट के लिए अगर कहा जाए कि यहां का रनवे पायलट को दिखता ही नहीं है, तो ये गलत नहीं होगा. बर्फ से ढके इस एयरपोर्ट के 1830 मीटर के रनवे पर लैंडिंग और टेक ऑफ बेहद ठंडे तापमान और तेज हवाओं के बीच होता है. बर्फ के कारण न केवल इस एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम होती है, बल्कि इसके आसपास सक्रिय ज्वालामुखी भी मौजूद हैं. क्या दिक्कत है, समझ जाइए.
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