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S-400 तो दूर की बात, भारत के इन 3 शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम से ही पार नहीं पा सका पाकिस्तान

India's Low-Level Air Defence: भारत अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए LLAD Guns, MANPADS और Short Range SAMs जैसे हथियारों से लैस हो रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशन्स (DGAO) भी बता चुके हैं कि इन कम ऊंचाई पर मार करने वाले एयर डिफेंस सिस्टम ने कैसे पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन अटैक को हवा में ही फुस्स कर दिया.

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कम ऊंचाई पर मार करने वाले हथियार: भारत की एयर डिफेंस की पहली दीवार (फोटो- आजतक)

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इंटरनेशनल मीडिया से लेकर खुद पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारियों तक ने माना है कि भारत के एयर अटैक ने पाकिस्तान को करारी चोट पहुंचाई है. वहीं दूसरी तरफ भारत के शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस हथियारों ने पाकिस्तान के ज्यादातर हवाई हमले को जमीन तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया. खुद भारतीय वायुसेना ने भी इस बात को माना है. आम तौरपर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की चर्चा तो खूब होती है. मगर शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस हथियारों की चर्चा कम ही होती है. जिन्होंने भारत-पाकिस्तान टकराव के दौरान अहम भूमिका निभाई.

छोटे हथियार, बड़ी मार: भारत की Low-Level Air Defence ताकत

आज के युद्ध सिर्फ टैंकों और तोपों तक सीमित नहीं रह गए हैं. आसमान से आने वाला खतरा ड्रोन, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट और क्रूज मिसाइलें, अब सबसे बड़ा सिरदर्द हैं. ऐसे में ज़रूरत होती है ऐसी तकनीक की जो कम ऊंचाई पर आने वाले इन दुश्मन परिंदों को तुरंत गिरा सके. यही काम करते हैं - LLAD Guns, Shoulder-fired MANPADs और Short-Range Surface-to-Air Missiles (SRSAMs).

तो आइए, आसान भाषा में समझते हैं ये हथियार क्या हैं, कैसे काम करते हैं, और भारत के पास इनका क्या ज़खीरा है.

क्या होते हैं LLAD Guns, MANPADS और SRSAMs?

शॉर्ट रेंज के एयर डिफेंस हथियारों को भी कई श्रेणी में बांटा जा सकता है. आइये एक-एक करके उनके बारे में जानते हैं.

LLAD Guns (Low Level Air Defence Guns):
ये वो भारी मशीनगन या ऑटोमैटिक गन होती हैं जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट (जैसे हेलिकॉप्टर, ड्रोन या फाइटर जेट) को निशाना बनाती हैं. भारत में सबसे चर्चित LLAD गन है L-70 Bofors. यह 40mm की गन है जो सेकंडों में सैकड़ों राउंड फायर कर सकती है.

MANPADS (Man Portable Air Defence System):
ये कंधे पर रखकर चलाने वाली मिसाइलें होती हैं. सिपाही इसे अपने कंधे से लॉन्च करता है और यह दुश्मन के हेलिकॉप्टर या एयरक्राफ्ट को हीट-सिग्नेचर से ट्रैक करके गिरा देती है. जैसे - Igla, Igla-S और अब Very Short Range Air Defence System (VSHORADS) जो भारत में DRDO बना रहा है.

Short Range Surface-to-Air Missiles (SRSAMs):
ये ज़मीन से दागी जाने वाली मिसाइलें हैं जो 15-30 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के हवाई जहाज, ड्रोन या मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम होती हैं. मिसाल के तौरपर Akash, Spyder, Maitri (प्रस्तावित), QRSAM (DRDO का नया प्रोजेक्ट).

ये कैसे काम करते हैं?

इन तीनों शॉर्ट रेंज हथियारों का मकसद एक ही है, हवा में दुश्मन के हमले को नाकाम करना. मगर काम करने का तरीका थोड़ा अलग है.

  • LLAD गन रडार से मिले डाटा के आधार पर दुश्मन की दिशा और ऊंचाई जानकर फायर करती है.
  • MANPADS दुश्मन की गर्मी (heat) पहचानती है, जैसे इंजन का तापमान और उसी ओर मिसाइल दौड़ पड़ती है.
  • SRSAMs आधुनिक रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और इनफ्रारेड सेंसर से जुड़ी होती हैं. इन्हें एक मोबाइल वाहन या ट्रक से चलाया जा सकता है.
भारत के पास कितनी संख्या में हैं और कब से हैं?

भारत के पास कितनी संख्या में ये हथियार हैं इनका आधिकारिक ब्यौरा तो जारी नहीं किया गया है, मगर पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारियों के आधार पर विशेषज्ञ अंदाज़ा लगाते हैं.

LLAD Guns: भारत के पास लगभग 1000 से ज्यादा L-70 और ZU-23-2 AA Guns हैं. L-70s 1960s से भारत में हैं और अब इन्हें BEL (Bharat Electronics) द्वारा अपग्रेड किया गया है.

MANPADS: भारत ने सोवियत संघ से Igla-M और बाद में Igla-S (2000s में) खरीदीं. 2018 में रूस से 300 Igla-S मिसाइलें और 24 लॉन्चर खरीदे गए. अब DRDO अपनी घरेलू VSHORADS बना चुका है, जिसका सफल परीक्षण हो चुका है.

SRSAMs:

Akash Missile System: 25+ स्क्वॉड्रन सेना और वायुसेना के पास हैं.

Spyder (इजरायली सिस्टम): 2012-13 से भारतीय सेना के पास है, खासकर बॉर्डर इलाकों में.

QRSAM: DRDO का प्रोजेक्ट, भारतीय सेना के लिए 2020s में तैयार किया गया.

इन हथियारों की ताकत, रेंज और एक्यूरेसी

Low Level Air Defence हथियारों की सबसे बड़ी खासियत है इनका तेज़ और सटीक जवाब देने की क्षमता. L-70 गन की बात करें तो यह लगभग 4 किलोमीटर तक के हवाई टारगेट को निशाना बना सकती है. इसकी फायरिंग रेट बहुत तेज़ है और यह रडार गाइडेंस के साथ आती है, जिससे इसकी एक्यूरेसी काफी बढ़ जाती है. भारत में BEL द्वारा इन गनों को आधुनिक बनाकर अब यह नाइट विज़न और ऑटोमैटिक टारगेट ट्रैकिंग जैसे फीचर से लैस हो चुकी है.

MANPADS, जैसे Igla-S, करीब 6 किलोमीटर की रेंज रखते हैं और दुश्मन के हेलिकॉप्टर या ड्रोन को इंजन की गर्मी पहचानकर सीधे निशाना बनाते हैं. इनकी सबसे बड़ी ताकत है – पोर्टेबिलिटी और एक्यूरेसी. एक सिपाही इसे कंधे से दाग सकता है और टारगेट को भेद सकता है. भारत में अब DRDO द्वारा विकसित VSHORADS मिसाइलें भी आ चुकी हैं जिनकी रेंज 6 से 8 किलोमीटर के बीच है और इनमें डुअल-वेव इंफ्रारेड सीकर जैसी अत्याधुनिक तकनीक है, जो हर मौसम में काम करती है और टॉप-एक्यूरेसी देती है.

Short Range Surface-to-Air Missiles (SRSAMs) जैसे Akash मिसाइल की रेंज करीब 25 किलोमीटर है और यह एक साथ कई टारगेट को ट्रैक और नष्ट कर सकती है. यह मिसाइल 2.5 मैक (यानि आवाज़ से ढाई गुना तेज़) की स्पीड से उड़ती है और 30 किलो तक के वॉरहेड ले जाने में सक्षम है. वहीं, इजरायली Spyder सिस्टम की रेंज करीब 15 किलोमीटर है और यह क्रूज मिसाइल जैसे तेज़ और चपल टारगेट को भी गिराने में सक्षम है. इन दोनों मिसाइलों की एक्यूरेसी काफी हाई है, क्योंकि इन्हें मल्टी-सेंसर और एडवांस रडार से गाइड किया जाता है.

कुल मिलाकर, ये हथियार कम दूरी पर आने वाले हवाई खतरों को रोकने में भारत की पहली दीवार हैं - तेज़, घातक और बेहद सटीक.

खर्चा और निर्माण
  • Akash मिसाइल भारत में बनी है. एक यूनिट की लागत लगभग ₹25 करोड़ है. 
  • Igla-S डील की लागत करीब ₹1,500 करोड़ बताई गई थी.
  • VSHORADS और QRSAM पूरी तरह "Make in India" के तहत DRDO बना रहा है, जिससे लागत में काफी कमी आई है.
ये हथियार क्यों ज़रूरी हैं?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से की गई हिमाकत ने यूं तो इस सवाल का जवाब सबको दे दिया है, मगर हम आपको इन शॉर्ट रेंज हथियारों की तीन खासियत बता रहे हैं, जिसके बाद इनकी जरूरत पर किसी को शक नहीं रह जाएगा.

  • तेज रिएक्शन टाइम – दुश्मन का हेलिकॉप्टर हो या ड्रोन, इन्हें सेकंडों में जवाब दिया जा सकता है.
  • बॉर्डर प्रोटेक्शन – खासकर LoC और LAC जैसे इलाकों में यह बेहद काम आते हैं.
  • कम लागत, ज्यादा असर – एक सटीक मिसाइल या गन फायर से करोड़ों के दुश्मन एयरक्राफ्ट को गिराया जा सकता है.

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भारत बना रहा है लो लेवल एयर डिफेंस का लोहे का दीवार

जहां एक तरफ दुनिया हाई-टेक जेट और हाइपरसोनिक हथियारों की दौड़ में लगी है, भारत जमीन से आसमान तक अपनी सुरक्षा कवच को और भी मजबूत बना रहा है. LLAD Guns, MANPADS और Short Range SAMs अब सिर्फ बंकरों तक सीमित नहीं, बल्कि हर फॉरवर्ड पोस्ट का हिस्सा बन चुके हैं. और जब अगली बार दुश्मन आसमान से हमला करने की सोचेगा, भारत के ये "शॉर्ट रेंज योद्धा" उसे ज़मीन पर ला गिराएंगे – वो भी चुपचाप, सटीक और घातक अंदाज़ में.

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