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जब एक डुबकी में ऋषि च्यवन बन गए फेयर एंड हैंडसम

तपस्या में लीन ऋषि च्यवन की आंखें फोड़ दी थी मनु की पोती ने. ऋषि एकदम बुढ़ा चले थे. वो खोज रहे थे फिर जवान होने के तरीके.

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एक बार ऋषि च्यवन के आश्रम पर दोनों अश्विनीकुमार (सूर्य और प्रभा के दो बेटे) आए. ऋषि च्यवन तब बुढ़ा रहे थे. उनकी पत्नी सुकन्या खेल खेल में उनकी आंखें पहले ही फोड़ चुकी थीं. उन्होंने अश्विनीकुमारों से कहा कि भाई लोग हमको फिर से जवान बना दो. हमारा ऐसा मेकओवर करो कि हमको देख के लड़कियों की आंखें निकल आएं. हमको ये भी पता है कि तुम दोनों तो सोमरस पीने वालों की कैटेगरी में हो नहीं. पर अगर तुम हमको जवान बना दो तो बदले में हम तुम्हें सोमरस देंगे. अश्विनीकुमार च्यवन को एक सिद्ध कुण्ड में ले गए और बोले ऋषिवर मार आइए डुबकी. एकै गोते में सारुक्खान बन जाएंगे. च्यवन जब नहा के निकले तो इत्ते हैंडसम हो गए कि पत्नी सुकन्या ही नहीं पहचान पाईं. फिर अश्विनीकुमारों की मदद से अपने पति की पहचान कर उन्हें घर ले गयीं. वो उनके साथ बैठ के गप्पे मार रही थीं कि उनके पापा शर्याति आ गए. वो अपने दामाद को पहचान नहीं पाए और बिटिया को एक पराये मर्द के साथ बैठने के लिए गरियाने लगे. फिर उनको सुकन्या ने सच बताया. अपनी पत्नी और ससुर को troll करने के बाद च्यवन ने सोमयज्ञ करवाया. वादे के मुताबिक जब वो अश्विनीकुमारों को सोमरस देने चले, तो इंद्र को बड़ा इनसिक्योर फील हुआ. उन्होंने अश्विनीकुमारों को मारने के लिए उठाया हथियार. इत्ते में च्यवन कूद पड़े और और इंद्र को बोले "स्टैचू !". बस इंद्र का हाथ रुक गया और अश्विनीकुमारों पर से 'सोमरस बैन' हट गया.

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