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जब मौत के कुछ महीनों बाद चार्ली चैपलीन की लाश उनकी कब्र से गायब हो गई

किस्सा बहुतै दिलचस्प है गुरु.

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चार्ली फिल्मी जगत के सबसे बड़े सितारे थे.
स्विट्ज़रलैंड के एक गांव कॉर्सियर-सर-वेवे के लोग रोज़ की तरह चैन से सो रहे थे. उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि गांव के कब्रिस्तान में कुछ ऐसा चल रहा था जो पूरी दुनिया के अखबारों की हेडलाइन बनने वाला था. दो लोग गांव के कब्रिस्तान में घुसते हैं. इस कब्रिस्तान में कुल 400 कब्रें हैं. वो एक खास कब्र को ढूंढते हुए बढ़ते जाते हैं. आख़िर वो एक कब्र के सामने रूकते है. बाकी कब्रों से ज़्यादा बड़ी और सजी हुई कब्र जिस पर लिखा था-
‘चार्ली चैपलिन (1889-1977)’
अगले दिन चार्ली की कब्र खाली थी.
जब चार्ली भारत आए थे.
जब चार्ली भारत आए थे.

क्या हुआ था उस दिन
चार्ली चैपलिन की पूरी ज़िंदगी लाइम लाइट में बीती. ये लाइम लाइट चैपलिन की ज़िंदगी से कुछ इस तरह चिपक गया कि मर के भी उन्हें सुकून नहीं मिला.
मरा हुआ हाथी भी नौ लाख का होता है. ये तो अपने समय के सबसे बड़े स्टार चार्ली चैपलिन थे.
चार्ली चैपलिन अपनी मौत के दो महीने बाद कब्र से गायब हो गए. हंगामा मचना था, सो मचा. किसी ने कहा कि फैंस बॉडी को ले गए, किसी ने कहा कि नाराज़ नाज़ियों ने उनकी बॉडी चुरा ली. कुछ लोगों को नाज़ियों वाली बात ज्यादा सही लग रही थी. अपनी फिल्म ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ से चार्ली ने नाज़ियो की नाराज़गी मोल ले ली थी.
चार्ली ने अपनी फिल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' में हिटलर की धज्जियां उड़ा दी थी.
चार्ली ने अपनी फिल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' में हिटलर की धज्जियां उड़ा दी थी.

सब अपने-अपने तुक्के लगा रहे थे. मगर बात तब साफ हुई जब चार्ली की पत्नी ऊना को एक फोन आया -
‘छ लाख डॉलर दो, और अपने पति की बॉडी ले जाओ.’
छ लाख डॉलर माने आज की तारीख के तकरीबन चार करोड़ रुपए. ऊना ने इन लोगों को पैसे देने से साफ मना कर दिया. बहुत गर्व से उन्होंने जवाब दिया-
 ‘मेरे पति इस वक्त स्वर्ग में हैं और मेरे दिल में भी. मैं बॉडी के लिए पैसे नहीं दूंगी.'
इतना ही नहीं ऊना का मानना था कि अगर चार्ली जिंदा होते तो उन्हें भी ये फिरौती वाली बात बकवास ही लगती.
ऊना चार्ली की चौथी पत्नी थीं.
ऊना चार्ली की चौथी पत्नी थीं. (साभार-विकीमीडिया)

खैर पुलिस ने दिन रात एक करके अपराधियों को ढूंढ ही लिया. कब्र चुराने वाले दो लोगों में एक का नाम रोमन वारदास और दूसरे का नाम गैंचो गैनेव था. दोनों मोटर मैकेनिक थे. रिफ्यूजी भी. पैसों के लिए उन्होंने ये काम किया था. पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि इन्होंने चार्ली की बॉडी को कॉर्सियर से एक मील दूर मक्के के खेत में दफना दिया था. बाद में परिवार ने चैपलिन की बॉडी को कंक्रीट की कब्र में दफनाया ताकि फिर कोई इस तरह का काम न कर दे. वारदास घटना का मास्टरमाइंड था इसलिए उसे साढ़े चार साल की बामशक्कत कैद हुई. गैनेव का ज्यादा रोल नहीं था तो उसे 18 महीने की सज़ा हुई.


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