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ये एसएचयू एक नया शब्द लग रहा है न? आइए इसके बारे में जानते हैं और जानते हैं कि दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची कौन सी है. तो मित्रो, अमेरिकी फार्मासिस्ट विल्बर स्कोविल ने 1912 में स्कोविल ऑर्गेनोलेप्टिक टेस्ट को विकसित किया था. इसे किसी मिर्च की स्पाइसनेस को मापने के लिए बनाया गया था. और इस स्पाइसनेस या मिर्चीदार की इकाई इसी टेस्ट के नाम पर है – एसएचयू. मतलब स्कोविल हीट यूनिट. हीट यूनिट को आसान भाषा में यूं समझिए कि अगर किसी मिर्च की एक बूंद को डायल्यूट करने के 4,000 बूंद पानी की ज़रूरत पड़ेगी तो उस मिर्च की लिए स्पाइसनेस 4,000 एसएचयू कही जाएगी. 
# 1 - कैरोलिना रीपर
इसका औसत एसएचयू 1,641,000 होता है लेकिन अधिकतम 2,200,000 तक जा सकता है. इस मिर्च को आप दूर से ही पहचान सकते हैं इसकी अद्भुत पूंछ के चलते. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने 2012 में इसे दुनिया में सबसे तीखी मिर्च घोषित किया था. इससे पहले ये रिकॉर्ड त्रिनिदाद की एक मिर्च ‘बुच टी’ के नाम था. अब ज्ञान के बाद ये वीडियो देखकर इसके खतरे को नज़दीक के जानें -# 2 – त्रिनिदाद स्कॉर्पियन ‘बुच टी’
2011 में जब ये टेस्ट की गई थी तो दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची बन गई. तब इसका एसएचयू 1,463,700 पाया गया था. ये वही ‘बुच टी’ है जिसका ज़िक्र हमने ऊपर किया था, जिसका रिकॉर्ड 2013 में जाकर टूटा. लेकिन उसके बाद से कई मिर्च इसको एसएचयू माप में हरा चुकी हैं. ये अलग बात है कि इसकी लीजेसी अब तक खत्म नहीं हुई. वीडियो देखकर जानिए कि क्या होता है जब कोई इस मिर्च को खाता है –# 3 – नागा वाइपर
1,382,118 एसएचयू के साथ 2011 में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने से सबसे तीखी मिर्च घोषित किया था. इसे इंग्लैंड में उगाया जाता है. इन सबके अलावा भारत की नागा मोरीच और भूत जोलोकिया भी विश्व की सबसे खतरनाक मिर्चियों में आती हैं. और हां नागा मोरीच और कुछ अन्य मिर्चियों के हाइब्रिड से ही नागा वाइपर उगाई जाती है. अब जाते-जाते एक और वीडियो देख लीजिए –वीडियो देखें:
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