आठवीं सदी का दूसरा दशक शुरू हो चुका था. अरबी आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर चढ़ाई कर दी. उनका सामना हुआ दाहिर से, जो सिंध में ब्राह्मण वंश के आख़िरी शासक माने जाते हैं. सिंधु नदी के किनारे अरोड़ की जमीन पर एक भीषण युद्ध हुआ. राजा दाहिर की हार हुई और सिंध की जमीन पर उमैय्यद साम्राज्य का परचम लहराने लगा. पहली बार इस्लामी हुकूमत भारतीय उपमहाद्वीप में अपने पैर जमा रही थी। जहां एक तरफ अरबी तलवारों की झंकार भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर गूंज रही थी, वहीं दूसरी तरफ गुहिलों के गढ़ आनंदपुर में एक तूफान ने जन्म लिया, नाम था - बप्पा रावल. कौन थे बप्पा रावल, क्या है इनकी कहानी, जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: कहानी बप्पा रावल की जिन्होंने आक्रांताओं को भगा-भगाकर मारा
अरबी आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर चढ़ाई कर दी. उनका सामना हुआ दाहिर से, जो सिंध में ब्राह्मण वंश के आख़िरी शासक माने जाते हैं.
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