सोशल मीडिया पर एक वीडियो जबर वायरल हो रहा है. आपने भी देख ही लिया होगा अब तक. नहीं देखा तो बता दें. एक आदमी पैराग्लाइडिंग कर रहा है. पैराग्लाइडिंग यानी हवा में पैराशूट की मदद से उड़ना. हाथ में सेल्फ़ी स्टिक पकड़ी है. अपना वीडियो बना रहा है. उसकी हवा एकदम टाइट हो रखी है. बार-बार गाइड से एक ही बात बोल रहा है-‘भाई तू लैंड करा दे!’
देखने में वीडियो बड़ा मज़ेदार है. डर के मारे गालियां देते इस आदमी को देखकर बड़ी हंसी आती है. मीम बन रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग शेयर कर रहे हैं. मज़े ले रहे हैं. पर जब हंसने से फ़ुर्सत मिले तो एक बात पर गौर करियेगा. ये आदमी इतना डरा हुआ क्यों है? जवाब है एक्रोफ़ोबिया. यानी उंचाई का डर. ये कोई नॉर्मल डर नहीं है. ये एक तरह का फ़ोबिया है. इसके बारे में और जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर संजीव कालरा से. वो साइकिएट्रिस्ट हैं और नोएडा में निर्म्या माइंड सेंटर नाम की क्लिनिक चलाते हैं.
क्या होता है एक्रोफ़ोबिया
डॉक्टर संजीव कालरा कहते हैं-
‘ये बहुत ही आम फ़ोबिया है. इसमें उंचाई से इतना डर लगता है कि पैनिक की स्थिति बन जाती है. भयानक एंग्जायटी होती है. धड़कन बहुत तेज़ हो जाती है. सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऊंचाई से थोड़ा डर सबको लगता है. उंचाई से नीचे देखते समय कभी-कभी सिर चकराता है. घबराहट होती है. पर इतनी नहीं कि दहशत का एहसास हो. फ़ोबिया हद से ज़्यादा डर का नाम है.’ये कैसा महसूस होता है?
सोचिए आपको छिपकली से डर लगता है. बहुत ज़्यादा. आप एक छोटी सी लिफ्ट में बंद है. बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. कोई दरवाज़ा, कोई खिड़की नहीं है. अब इस लिफ्ट में आपके साथ 10 छिपकलियां और हैं. मोटी-मोटी. आप पर कूद रही हैं. ये सब सोचकर जिस दहशत का एहसास होता है उसे 100 गुना ज़्यादा कर लीजिए. फ़ोबिया में कुछ इस तरह का डर लगता है.

फ़ोबिया कोई आम डर नहीं होता.
अगर आपको एक्रोफ़ोबिया है तो आपको पुल पार करने से लेकर पहाड़ों की तस्वीर देखने से भी डर लगता है. इतना की आपकी डेली लाइफ़ पर असर पड़ता है.
एक्रोफ़ोबिया के क्या लक्षण हैं
-बीमार महसूस करना या चक्कर आना.
-शरीर में कंपकंपी होना.
-उंचाई से नीचे देखते ही चक्कर आना या ऐसा महसूस करना जैसा आप गिर रहे हैं.
-कुछ भी करके उंचाई को अवॉयड करना भले ही इससे ज़िंदगी पर असर पड़े.
-उंचाई देखते ही पसीने छूटने लगते हैं, सीने में दर्द या खिंचाव होने लगता है, धड़कन बहुत तेज़ हो जाती है, भयानक डर महसूस होता है.
क्यों होता है एक्रोफ़ोबिया
ज़्यादातर ऐसा पास्ट में हुए किसी डरावने अनुभव की वजह से होता है. जैसे:
-किसी उंचाई से गिरना
-किसी और को उंचाई से गिरते हुए देखना
-उंचाई पर भयानक डर महसूस होना
इसके अलावा कभी-कभी एक्रोफ़ोबिया की कोई एक पर्टिकुलर वजह नहीं होती. अगर आपके परिवार में किसी को ये फ़ोबिया है तो हो सकता है ये आपको भी हो. दूसरी वजह से भी हो सकती है कि बचपन से आपको ऊंचाई से बचकर रहना सिखाया गया हो.
इसका क्या इलाज है
आपको एक्रोफ़ोबिया है कि नहीं, इस बात की पुष्टि कोई मनोचिकत्सक ही कर सकता है. एक बार इसकी पुष्टि हो जाए तो इसका इलाज मुमकिन है.
इसकी शुरुआत थैरेपी से होती है. आपको मनोचिकत्सक उंचाई या पहाड़ों की तस्वीरें दिखाता है. लोगों को उंचाई से उतरते, चड़ते या पुल पार करते हुए वीडियो दिखाए जाते हैं. थैरेपी के और भी तरीके होते हैं. ये डॉक्टर पर निर्भर करेगा कि वो किस तरह की थैरेपी आपको देता है. इसके अलावा दवाइयां भी एक उपाय है.
एक्रोफ़ोबिया बहुत ही आम है. इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं.
वीडियो