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ट्विटर ब्लू टिक सर्विस का 'इंसुलिन कांड' जिस पर डायबिटीज पेशेंट तालियां बजा रहे होंगे

'सबको ब्लू टिक' वाली पॉलिसी के साइडइफेक्ट सामने आने लगे हैं. कई फेक अकाउंट पैसे देकर खुद को वेरीफाई करा ले रहे हैं. इंसुलिन बनाने वाली कंपनी Eli Lilly के साथ भी ऐसा हुआ.

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बाएं से दाएं: एलन मस्क, इंसुलिन, Eli Lilly कंपनी (साभार: Twitter)

"8 डॉलर दो और ब्लू टिक लो."

एलन मस्क के टेकओवर के बाद ट्विटर इस नई पॉलिसी पर काम कर रहा है. 8 डॉलर में सभी को ब्लू टिक वाली पॉलिसी को खुद मस्क ने ट्वीट कर बताया. कई बड़े नामों ने इसका विरोध किया और कइयों ने सपोर्ट. ट्विटर ने इसका ट्रायल भी चालू कर दिया. सबसे पहले अमेरिका में अकाउंट्स को 8 डॉलर में वेरीफाई किया जाने लगा. अब इस 'सबको ब्लू टिक' वाली पॉलिसी के साइडइफेक्ट आने लगे हैं. कई फेक अकाउंट पैसे देकर खुद को वेरीफाई करा ले रहे हैं. पेप्सिको से लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से फर्जी अकाउंट वेरीफाई करा लिए गए. खुद की मस्क की अपनी कंपनियां टेस्ला और स्पेसएक्स भी नहीं बच पाईं. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान हुआ अमेरिका की एक दवा कंपनी को.

हुआ ये कि किसी ने अमेरिका में इंसुलिन बनाने वाली बड़ी फार्मा कंपनी Eli Lilly and Company के नाम से एक पैरोडी (सेम नाम से नकल किया हुआ) अकाउंट बनाया. उसे 8 डॉलर देकर ट्विटर से वेरीफाई कराया. फिर एक ट्वीट किया, 

'हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अब इंसुलिन फ्री है.'

नकली अकाउंट से किया गया ट्वीट

ट्वीट 10 नवंबर को किया गया. 11 नवंबर की शाम तक इसका असर भी दिख गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के शेयर में गुरूवार की अपेक्षा 4.37 फीसदी की गिरावट आई. इसे रूपये में समझें तो 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान. अमेरिका में New York Stock Exchange में कंपनी के एक शेयर का भाव 11 नबंबर की सुबह मार्केट खुलते समय 366.1 डॉलर था, जो शाम को मार्केट बंद होते 355.1 डॉलर पर आ गया. इस नुकसान को सीधे-सीधे उसी ट्वीट से जोड़कर देखा गया.

इस बीच असली Eli Lilly and Company ने सफाई दी. अपने असली वाले ट्विटर हैंडल से Eli Lilly ने लिखा,

‘हम उन लोगों से माफी मांगते हैं जिन्हें नकली लिली अकाउंट से गलत संदेश दिया गया है. हमारा आधिकारिक ट्विटर अकाउंट @LillyPad है.’

Elon Musk reaction?

विवाद यहीं नहीं रूका. इसमें अमेरिका की सत्ताधारी पार्टी डेमोक्रेट के सीनियर सांसद बर्नी सेंडर्स और ट्विटर के मालिक एलन मस्क भी कूदे हैं. Eli Lilly की माफी वाले ट्वीट पर जबाव देते हुए बर्नी सेंडर्स ने लिखा,

‘ये साफ रखें कि Eli Lilly को 1996 से इंसुलिन की कीमत 1200% से अधिक बढ़ाकर 275 डॉलर करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. जबकि इसे बनाने में 10 डॉलर से कम खर्च आता है. इंसुलिन का आविष्कार करने वालों ने लोगों का जीवन बचाने के लिए इसका पेटेंट 1923 में केवल 1 डॉलर में बेच दिया था, न कि Eli Lilly  कंपनी के सीईओ को अमीर बनाने के लिए.’

बाद में ट्विटर के मालिक एलन मस्क भी इस बहस में कूदे. उन्होंने भी इंसुलिन के महंगे दामों पर लिखा, 

‘इंसुलिन की कीमत के सवाल का पूरा जवाब जटिल है. सीधा कहें तो 1921 (1923 नहीं) में खोजा गया ऑरिजनल इंसुलिन सस्ता है, जिसकी कीमत 25 डॉलर जितनी कम है. इंसुलिन के नए, उच्च प्रभाव वाले एनालॉग अधिक महंगे हैं.’

अमेरिका में इंसुलिन और Eli Lilly

इस बहस में पहले आपको बताते हैं इंसुलिन क्या होता है. दी लल्लनटॉप में काम करने वाले हमारे साथी सूर्यकांत मिश्रा 15 साल की उम्र से इंसुलिन ले रहे हैं. उन्होंने बताया,  

‘इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो शरीर के अंदर प्राकृतिक रूप से बनता है और खून में मिलकर ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करता है. जब शरीर के अंदर इंसुलिन नहीं बनता है तो हम डायबिटीज पेशेंट हो जाते हैं. ऐसे में जिन लोगों को टाइप-1 डायबिटीज होता है, उनके शरीर में इंसुलिन बिल्कुल नहीं बनता. तब उन्हें इंसुलिन अलग से लेना होता है. आम तौर पर लोग इंजेक्शन से इसे लेते हैं.’

सूर्यकांत ने हमें बताया कि 10 मई 1876 में अमेरिका में स्थापित हुई Eli Lilly कंपनी और इंसुलिन का नाम साथ में ही चलता है, क्योंकि इस कंपनी को इंसुलिन बनाने में महारथ हासिल है. दी इन्वेस्टर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में इंसुलिन की 100 पर्सेंट सप्लाई Eli Lilly से ही होती है. ये उन तीन कंपनियों में शामिल है जो दुनियाभर में इंसुलिन की 90 पर्सेंट सप्लाई के लिए जिम्मेदार हैं. बाकी दो कंपनियां हैं डेनमार्क की नोवो नॉर्डिस्क (NVO) और फ्रांस की सनोफी (SNY). बता दें कि 11 नबंबर को Eli Lilly के साथ इन दो कंपनियों को भी नुकसान हुआ है. नोवो नॉर्डिस्क के शेयर 3.5% गिरे, वहीं सनोफी के स्टॉक में 3.4% की गिरावट आ गई.

दवा महंगी क्यों? 

अमेरिकी ग्लोबल थिंक टैंक रैंड कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में इंसुलिन की एक डोज या इंजेक्शन की कीमत 98 डॉलर तक है. जबकि जापान या कनाडा जैसे देश इसी इंजेक्शन के लिए 12 से 14 डॉलर देते हैं. हालांकि अमेरिका में 25 डॉलर तक में भी इंसुलिन का इंजेक्शन मिल जाता है, लेकिन ये उतना असरदार नहीं रहता. वहीं भारत की बात करें तो यहां इंसुलिन की कीमत 200 रुपये से 700 रुपये के बीच है. मतलब करीब 4 से 10 डॉलर के बीच.  

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में इंसुलिन के दाम 2007 और 2016 के बीच 252 पर्सेंट तक बढ़े हैं. हालांकि Eli Lilly ने अपनी वेबसाइट पर 35 डॉलर के अंदर इंसुलिन के प्रोग्राम का दावा भी किया है. लेकिन उस पर और इंसुलिन बनाने वाली बाकी कंपनियों पर लगातार सवाल उठते रहते हैं. इसीलिए जब Eli Lilly के नकली अकाउंट से फ्री इंसुलिन वाला ट्वीट आया तो दोबारा इंसुलिन के दामों पर बहस छिड़ गई. 

पेड ब्लू टिक देना रोका!

ब्लू टिक वेरीफिकेशन सर्विस आने के बाद कई बड़ी कंपनियों और हस्तियों के पैरोडी अकाउंट बनाकर भ्रामक पोस्ट किए गए हैं. मिसाल के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को लीजिए. उनके नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर ट्वीट किया गया,

"इराकी नागरिकों की हत्या करना याद आता है."

जॉर्ज बुश का नकली ट्वीट

रायता फैलता देख मस्क या कहें कि ट्विटर ने इसे समेटने की कोशिश की और पेड ब्लू टिक की सुविधा फिलहाल के लिए सस्पेंड कर दी. ट्विटर ने कुछ ऑफिस वालों और बड़ी हस्तियों के अकाउंट पर एक ब्लू टिक के साथ ऑफिशियल वाला टैग भी लगाया जिससे लोगों को भ्रम न हो. 

कुछ दिन पहले ही पैरोडी या किसी दूसरे की नकल करते अकाउंट बनाने को लेकर मस्क ने नियमों का हवाला देते एक ट्वीट किया था. उन्होंने बताया, “आगे चलकर पैरोडी करने वाले अकाउंट को अपने नाम में भी 'पैरोडी' शामिल करना होगा, केवल बायो में लिखने से काम नहीं चलेगा.”

Video: एनेस्थीसिया, वायग्रा, इंसुलिन जैसी दवाइयों की खोज के पीछे की कहानी दिलचस्प है