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भारत ने जिस फतेह मिसाइल को हवा में ढेर किया, उसकी असली ताकत और कमज़ोरियां जानिए

India Pakistan Today News Updates: भारत.पाकिस्तान संघर्ष में दागी गई Fateh missile को भारत की Air Defense System ने हवा में ही नाकाम कर दिया. जानिए इस Pakistani missile की तकनीकी खूबियां (Technical specifications), इसकी range, हथियार क्षमता (Warhead Capacity), मारक क्षमता (Lethality) और इसकी छुपी हुई कमियां.

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पाकिस्तान की फतेह मिसाइल की खूबियां और कमियां (फोटो- ISPR)

भारत.पाकिस्तान के बीच शुरू हुई गोलाबारी के बीच 9 और 10 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान ने भारत पर ‘फतेह’ मिसाइल से हमला किया, जिसे भारत की एयर डिफेंस ने हवा में ही उड़ा दिया.

अब सवाल उठता है – आख़िर ये फतेह मिसाइल है क्या बला? चलिए, ज़रा गहराई से जानते हैं कि ये मिसाइल है कितनी ताक़तवर और कितनी बेअसर.

क्या है फतेह मिसाइल?

'फतेह' यानी जीत. पाकिस्तान ने इस मिसाइल का नाम ऐसा रखा मानो युद्ध में हर हाल में जीत उसी की हो. लेकिन असलियत में ये एक शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है. मतलब ये ज़्यादा दूर नहीं जाती, लेकिन सामने वाले के ठीक माथे पर वार करने के लिए बनी है.
क्या है फतेह मिसाइल?

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पाकिस्तान की फतेह मिसाइल एक टैक्टिकल शॉर्ट.रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे ‘Fateh.1’ के नाम से जाना जाता है. यह पाकिस्तान की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का हिस्सा है, और इसे सेना की आधुनिक जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है. इसका उद्देश्य कम दूरी में दुश्मन के सटीक ठिकानों को निशाना बनाना है. इसका इस्तेमाल थल सेना द्वारा फ्रंटलाइन पर किया जा सकता है.

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पाकिस्तान की फतेह मिसाइल (फोटो- AP)
फतेह मिसाइल की तकनीकी विशेषताएं

फतेह मिसाइलें पाकिस्तान की मुख्य अटैक मिसाइलों में शुमार की जाती हैं. इनकी खूबियों और कमियों को समझने से पहले जान लेते हैं कि ये दिखने में कैसी हैं.

लंबाई और गोलाई: फतेह मिसाइल की लंबाई लगभग 8 से 9 मीटर होती है, जबकि इसका व्यास (गोलाई) लगभग 0.6 से 0.8 मीटर होता है.

वजन: इसका कुल वजन लगभग 2,500 से 3,000 किलोग्राम के बीच होता है.

वॉरहेड क्षमता (Payload): फतेह मिसाइल 500 किलोग्राम तक के हथियार ले जाने में सक्षम है. इसमें उच्च विस्फोटक (High Explosive), क्लस्टर बम, थर्मोबारिक हथियार और रासायनिक हथियार भी लगाए जा सकते हैं, हालांकि पाकिस्तान ने रासायनिक हथियारों के उपयोग की कभी पुष्टि नहीं की है.

रेंज (Range):
फतेह.1 की रेंज 140 किलोमीटर से 150 किलोमीटर के बीच है. हालांकि कुछ रिपोर्टों के अनुसार इसकी अगली पीढ़ी — फतेह.2 की रेंज 250 किलोमीटर तक बताई जाती है.

मार्गदर्शन प्रणाली (Navigation System): इसमें GPS और INS (Inertial Navigation System) आधारित गाइडेंस सिस्टम लगा होता है, जिससे यह निशाने पर सटीक हमला कर सकती है.

कितनी फतेह मिसाइलें हैं पाकिस्तान के पास?

पाकिस्तान सरकार ने इसकी सही संख्या सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के पास कम से कम 50 से 100 यूनिट फतेह मिसाइलें उपलब्ध हो सकती हैं. इनका निर्माण लगातार जारी है और इन्हें सेना की दक्षिणी व पूर्वी कमांड को सौंपा जा चुका है.

कब और कैसे बनाई गई?

फतेह मिसाइल पर काम 2013-14 के आसपास शुरू हुआ था. इसे पाकिस्तान की रक्षा निर्माण संस्था नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) और NESCOM (National Engineering and Scientific Commission) ने मिलकर विकसित किया. इसमें चीन की तकनीकी सहायता की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, खासकर मार्गदर्शन प्रणाली और रॉकेट प्रपल्शन में.

कितना आया खर्च?

सरकार ने इसकी लागत की सार्वजनिक घोषणा नहीं की है, लेकिन प्रति यूनिट इसकी लागत लगभग 10 से 15 करोड़ पाकिस्तानी रुपये आंकी जाती है. इसकी विकास लागत अरबों में पहुंचती है, जो पाकिस्तान की रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा है.

क्यों मानी जाती है फतेह मिसाइल घातक?

अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि इन मिसाइलों में ऐसा भी क्या खास है, जो पाकिस्तान इन पर इठलाता फिरता है. तो आइये इसका जवाब भी एक-एक करके जान लेते हैं. डिफेंस मैगजीन Quwa के मुताबिक ऐसी कई बातें हैं जो फतेह का घातक मिसाइल बनाती हैं.

सटीकता (Accuracy): यह मिसाइल सटीक निशाना लगाने में सक्षम है, जिससे दुश्मन की रणनीतिक संपत्तियों जैसे बंकर, कमांड सेंटर, गोदाम आदि को नष्ट किया जा सकता है.

मल्टीपल टारगेट क्षमता: आसान भाषा में समझे तो एक साथ, कई लक्ष्यों को भेजने की क्षमता. फतेह मिसाइल सिस्टम में एक लॉन्चर से कई मिसाइलें दागी जा सकती हैं, जिससे यह बड़े इलाके में नुकसान पहुंचा सकती है.

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फतेह-2 (फोटो- विकिमीडिया)


लो.फ्लाइट प्रोफाइल: इसकी उड़ान ऊंचाई कम होती है, जिससे यह रडार की पकड़ में आने से बच सकती है.

स्वदेशी निर्माण: पाकिस्तान की यह मिसाइल आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम मानी जाती है, जिससे बाहरी देशों पर निर्भरता कम होती है.

फतेह मिसाइल की कमियां

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान का हर दावा सही है. जिन फतेह मिसाइलों पर वो इतराता है, जानी मानी वेबसाइट डिप्लोमेट समेत दुनियाभर के तमाम रक्षा विशेषज्ञों को उनमें कई कमियां भी नजर आती हैं.

सीमित रेंज: इसकी रेंज केवल 150 किमी के आसपास है, जिससे यह केवल सीमावर्ती लक्ष्यों पर ही कारगर हो सकती है. गहरे इलाकों में इसका उपयोग सीमित है.

कम फायरिंग गति: मिसाइल को दागने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है. आधुनिक युद्ध में जहां तेजी महत्वपूर्ण है, वहां यह इसकी कमजोरी है.

एयर डिफेंस सिस्टम से गिराना मुमकिन: भारत जैसे देशों के पास S.400 और BMD सिस्टम जैसे शक्तिशाली डिफेंस तंत्र हैं, जो फतेह जैसी मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकते हैं. 9 और 10 मई की दरमियानी रात भारत ने इसका प्रमाण भी दुनिया को दे दिया है.

सीमित वॉरहेड विकल्प: यह मिसाइल अभी केवल पारंपरिक विस्फोटकों को ले जाने में सक्षम है. हालांकि भविष्य में परमाणु वॉरहेड जोड़ने की अटकलें हैं, लेकिन यह अभी अस्थिरता और वैश्विक प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है.

फतेह मिसाइल पाकिस्तान की क्षेत्रीय सामरिक रणनीति का एक हिस्सा है, लेकिन भारत जैसी शक्ति के सामने यह अब भी सीमित उपयोगिता रखती है. 9.10 मई की दरमियानी रात फतेह मिसाइल को भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, जिससे स्पष्ट हो गया कि तकनीकी श्रेष्ठता का पलड़ा भारत के पक्ष में झुका है. यह घटना न केवल भारत की सुरक्षा क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मिसाइल युद्ध के युग में भी सटीकता और डिफेंस दोनों बेहद जरूरी हैं.

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