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तैमूर जिंदगी भर इस खान की नकल करता रहा, पर कभी बन नहीं पाया

कहानी दुनिया के सबसे बड़े खान की.

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दुनिया में हमेशा कोई ना कोई ऐसा आता है, जिसका नाम उसके जाने के बाद भी गूंजता रहता है. सेंट्रल एशिया से दो लोग निकले थे. यूरोप और एशिया के बाकी हिस्सों में दहशत भरने. दहशत की कहानियां रह गईं. उनके योगदान की कहानियां नहीं गुनी गईं. ये वो जमाना था, जब जीने के लिए मारना पड़ता था. वो नहीं मारेगा, तो आप मार देंगे. पर इन दोनों ने अपनी ताकत और हिम्मत के दम पर हर किसी को गलत साबित किया. इनमें से एक गुलाम हुआ करता था. एक गड़ेरिया था.
ये लोग थे- चंगेज खान और तैमूर लंग.

चंगेज खान, जो गुलामी से निकल कर आधी दुनिया का बादशाह बना

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ये नाम यूरोप और एशिया में आज तक गूंजता है. कहते हैं कि चंगेजी खानदान के लोग पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. मात्र 25 साल की बादशाहत में चंगेज खान ने इतना जीता था जितना रोमन साम्राज्य ने चार सौ सालों में जीता था. लाखों लोग जो चंगेजी तलवार का सामना नहीं कर पाये, उनके लिए चंगेज खान शैतान का अवतार था. पर सेंट्रल एशिया में चंगेज खान का नाम इज्जत से लिया जाता है. आज भी लोग अपने बच्चों का नाम चंगेज रखते हैं.
चंगेज के बाप ने दूसरी शादी की थी. इससे वो दूसरा बच्चा पैदा हुआ था. कहते हैं कि चंगेज के हाथ में पैदा होने के वक्त ही खून जमा हुआ था. उसी वक्त लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि ये लड़का दुनिया जीतेगा. नौ की उम्र में चंगेज को को एक लड़की पसंद आई थी. चंगेज का बाप तैयार हो गया था. पर उसकी हत्या हो गई. चंगेज के परिवार को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर दिया गया. एक लड़ाई हो गई जिसमें चंगेज ने अपने सौतेले भाई का कत्ल कर दिया. इसके बाद उसे गुलाम बना लिया गया.


16 की उम्र में छूट कर आने के बाद चंगेज अपनी प्रेमिका के पास गया. वो उसका इंतजार कर रही थी. दोनों ने शादी कर ली. अब यहां ट्विस्ट आ गया. चंगेज के बाप ने मां को किडनैप किया था. तो मां के खानदान वालों ने बदला लेने के लिए चंगेज की बीवी को किडनैप कर लिया. चंगेज ने पहली जंग जीती. इसके नौ महीने बाद उसका पहला बेटा जोची पैदा हुआ. चंगेज अपनी ताकत इकट्ठा करता रहा.


 
इसके बाद 27 की उम्र में चंगेज ने मंगोलों की मीटिंग बुलाई. उसको खान चुन लिया गया. चंगेज ने कभी अपने रिश्तेदारों को जगह नहीं दी. बल्कि हमेशा उन लोगों को चुना जो ज्यादा काबिल थे. जमूका जो कि चंगेज का सबसे बड़ा दुश्मन था, उसने हमला कर दिया. चंगेज की गर्दन में तीर लगा था, इसके बावजूद वो जीत गया.
पहले चंगेज का नाम तेमुजिन हुआ करता था. मंगोलिया को पूरा जीतने के बाद नाम पड़ा चंगेज. मतलब समुद्र का राजा. इसके बाद राड़ा लगा चीन के राजा से. बीजिंग के पास के राजा ने चंगेज को झुकने को कहा. चंगेज ने जवाब में थूक दिया. लड़ाई हुई. चंगेज जीता. कम सेना के साथ.
कजाकिस्तान और किर्गिजस्तान तक नाम पहुंचा चंगेज का. 1219 तक चंगेज ने चीन, अफगानिस्तान से लेकर साइबेरिया, तिब्बत तक अपना राज फैला लिया था. फिर अफगानिस्तान से ब्लैक सी तक फैले राज के राजा ख्वारिज्म के पास अपना दल भेजा व्यापार के लिये. पर ख्वारिज्म ने पूरे दल को मरवा दिया. क्रोधानल हुआ खान ख्वारिज्म के पास अपनी सेना लेकर पहुंचा. टर्की से लेकर रशिया तक का एरिया अपने कमांड में लिया.
1227 में चंगेज की मौत हो गई. इसके बेटों ने बहुत नाम नहीं कमाया. पर पोते कुबलई खान ने बहुत नाम कमाया.
चंगेज खान नाम सुन के लोगों को लगता है कि ये बहुत क्रूर शासक था. जिसे किसी चीज से मतलब नहीं था. सिर्फ बर्बादी करना चाहता था. खूंखार और क्रोधी. पर चंगेज के बारे में ये मिथ्या है. सच कुछ और है.
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चंगेज खान की लीगेसी-
1. चंगेज ने अपना साम्राज्य इतना बड़ा बनाया जो इतिहास में कभी नहीं बना था. सिकंदर भी इतना नहीं जीत पाया था. तैमूर भी नहीं. इस साम्राज्य की बात चंगेज के दुश्मन यूरोप वाले भी बड़ी इज्जत से करते हैं.
2. चंगेज खान ने सोशल स्ट्रक्चर और कानूनों में भी बहुत बदलाव किये. चंगेज खान के राज में कोई गुलाम भी कुछ भी बन सकता था. जीता गया माल सबको बराबर मिलता था. स्टेटस के हिसाब से नहीं. चंगेज ने हमेशा लायक लोगों को प्रधानता दी, रिश्तेदारों को नहीं.
3. औरतों की किडनैपिंग की सख्त मनाही थी. चंगेज ने खुद अपनी मां और बीवी को लेकर ये झेला था.
4. जानवरों का बेवजह शिकार नहीं किया जाता था. पहले के राजा यूं ही मारते फिरते थे जानवरों को.
5. सबसे मजेदार बात थी कि चंगेज खान का समाज सेक्युलर था. उसके राज में सबको अपने धर्म को मानने की छूट थी. बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सब फ्री थे. चंगेज खान खुद आसमान की पूजा करता था. पर दूसरे धर्मों के गुरूओं को मारने की मनाही थी. उस वक्त यूरोप में भी ये नहीं चलता था. सेक्युलरिज्म.
6. चंगेज खान के राज में पकड़े गये लोगों को टॉर्चर नहीं किया जाता था. ये उन दिनों के लड़ाई के नियमों से अलग बिल्कुल आश्चर्यचकित करने वाला था. चंगेज खान खुद को भी कानून से ऊपर नहीं मानता था.


 
गुलामी और गरीबी से निकला ये लड़का दुनिया में ऐसी बादशाहत कायम कर गया था, जिसे आने वाली सदियां लगातार याद रखती रहीं. दुश्मनों के लिए कहर और प्रजा के लिए खुदा था चंगेज खान. आज से मुड़कर पहले की तरफ देखने पर लगता है कि कैसे लोग थे. पर ये भी तो सच है कि उतनी कठिन परिस्थितियों में भी इन लोगों ने बहुत चीजों का मान रखा.
तैमूर लंग चंगेज खान के लगभग सौ साल बाद पैदा हुआ. उसने हमेशा ही खुद को चंगेज खान से जोड़ना चाहा. पर तैमूर की इमेज हमेशा ही एक आक्रांता की रही. तैमूर कभी कोई लड़ाई नहीं हारा. पर कभी भी चंगेज खान की तरह का रुतबा हासिल नहीं कर पाया. क्योंकि सिर्फ खून पीना ही पर्याप्त नहीं होता. राजाओं को हमेशा अपने शासन के लिए ही जाना गया है.


 

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