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भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीद रहा है, पाकिस्तान का नंबर भी जान लीजिए

SIPRI के डेटा के मुताबिक रूस से हथियार की खरीद घटी, फ्रांस से करीब 500 फीसदी बढ़ गई

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भारत सबसे बड़ा हथियारों का आयातक है (फोटो सोर्स- PTI)

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश बना हुआ है. SIPRI यानी स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute ) के नए डेटा में ये बात सामने आई है. हालांकि साल 2013 से 2017 के पांच साल के टेन्योर के मुकाबले साल 2018 से 2022 के दौरान भारत ने 11 फीसद कम हथियार आयात किए हैं. इस 11 फीसद की गिरावट के बावजूद भी भारत दुनिया का सबसे बड़ा इम्पोर्टर बना हुआ है. SIPRI ने बीते सोमवार 13 मार्च को ये डेटा रिलीज किया है. 

डेटा में जो बातें सामने आईं उन्हें संक्षिप्त में जान लेते हैं-

#सबसे ज्यादा हथियार खरीदने और बेचने वाले देश कौन?

-हथियार खरीद के मामले में भारत साल 1993 से अब तक नंबर एक की पोजीशन पर बना हुआ है.  
- साल 2018 से 2022 के बीच दुनिया भर में हथियारों के कुल आयात में 11 फ़ीसद की हिस्सेदारी भारत की रही. ये किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा थी. 
-रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में हथियारों की भारी मांग के पीछे बड़ी वजह उसका चीन और पाकिस्तान से तनाव है.
-हथियार खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर सउदी अरब, तीसरे पर क़तर, चौथे पर ऑस्ट्रेलिया और पांचवें नंबर पर चीन है. 
-वही हथियार बेचने वाले सबसे बड़े पांच देशों में पहले नंबर पर अमेरिका है. अमेरिका के बाद दूसरे पर रूस. फिर फ़्रांस, चीन और जर्मनी का नंबर आता है. साल 2018 से 2022 तक दुनिया के टोटल आर्म्स एक्सपोर्ट में इन 5 देशों की हिस्सेदारी 76 फीसद है. जबकि अकेले अमेरिका ही कुल हथियारों के निर्यात में 40 फ़ीसद की हिस्सेदारी रखता है. अमेरिका ने साल 2018 से 2022 तक 41 फीसदी हथियार अकेले मिडिल ईस्ट के देशों को बेचे हैं.

सबसे बड़े हथियार निर्यातक देशों की लिस्ट (फोटो सोर्स- SIPRI डॉक्यूमेंट)
#भारत अब रूस से कम हथियार खरीद रहा है-

- साल 2013 से 2017 के दौरान भारत ने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदे थे. और भारत ने इन 5 सालों में कुल इम्पोर्टेड हथियारों का 64 फ़ीसद रूस से खरीदा. 
- साल 2018 से 2022 के दौरान भी रूस ही भारत के लिए हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर बना रहा. लेकिन इन 5 सालों में भारत की रूस से हथियारों की खरीद घटकर 45 फीसद हो गई.
-रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिया के लिए सबसे बड़े आर्म्स सप्लायर वाली रूस की पोजीशन अब कमजोर हो रही है. इसकी मुख्य तीन वजहें हैं. एक कि हथियारों के दूसरे एक्सपोर्टर देशों से उसका कम्पटीशन बढ़ा है, दूसरा भारत का अपना आर्म्स प्रोडक्शन बढ़ा है और तीसरा कि साल 2022 से यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस को हथियारों के एक्सपोर्ट में दिक्कतें आई हैं.

सबसे बड़े हथियार आयात करने वाले देशों की लिस्ट (फोटो सोर्स- SIPRI डॉक्यूमेंट)
#रूस, चीन को भी कम हथियार नहीं बेचता-

- साल 2018 से साल 2022 के दौरान रूस ने करीब दो तिहाई आर्म्स एक्सपोर्ट भारत, चीन और मिस्र को किया. ब्रेक करें तो 31 फीसद भारत को, 23 फीसद चीन को और 9.3 फीसद इजिप्ट को. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 से साल 2022 में रूस का कुल आर्म्स एक्सपोर्ट पिछले पांच सालों के मुकाबले 37 फीसद घटा. लेकिन इस दौरान चीन और इजिप्ट को उसका एक्सपोर्ट क्रमशः 39 फीसद और 44 फीसद बढ़ा है. बावजूद इसके कि साल 2021-22 में रूस ने इजिप्ट को कोई हथियार एक्सपोर्ट नहीं किए थे और चाइना को भी 2020 से 22 के बीच, 2018-19 के मुकाबले कम हथियार एक्सपोर्ट किए. 
-रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले सालों में इन दो देशों को रूसी हथियारों की सप्लाई और घटेगी.

#फ्रांस से भारत ने हथियारों की खरीद बढ़ाई है-

-फ्रांस ने साल 2018 से 2022 तक कुल 11 फीसद हथियार एक्सपोर्ट किए हैं. सबसे बड़े एक्सपोर्टर्स की लिस्ट में फ़्रांस तीसरे नंबर पर आता है. इतना ही नहीं, फ़्रांस ने साल 2013 से 2017 तक के 5 सालों के मुकाबले, बीते 5 सालों के पीरियड में 44 फ़ीसद ज्यादा हथियार बेचे हैं.
-फ़्रांस से सबसे ज्यादा हथियार इंडिया, क़तर और इजिप्ट ने खरीदे हैं. 
- भारत ने साल 2018 से 2022 के दौरान 30 फ़ीसद हथियार फ़्रांस से खरीदे, जबकि 11 फ़ीसद अमेरिका से. 
-फ्रांस ने इंडिया को 62 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और 4 सबमरीन बेची हैं. और 2013 से 2017 के मुकाबले साल 2018 से 2022 में फ़्रांस का भारत को आर्म्स एक्सपोर्ट 489 फ़ीसद बढ़ा है. और इस तरह बीते पांच सालों में अमेरिका को पीछे छोड़ फ़्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार विक्रेता देश बन गया है.

#भारत ने बीते पांच सालों में कम हथियार क्यों खरीदे?

- रिपोर्ट के मुताबिक बीते 5 सालों में भारत की कुल हथियार खरीद क्षमता 11 फीसद कम होने की कई वजहें हैं. मसलन भारत की हथियार खरीदने की प्रक्रिया जटिल और धीमी हुई है. और भारत अपने आर्म्स सप्लायर्स को डाइवर्सीफ़ाई करना चाहता है. बीते 5 सालों में रूस, फ़्रांस और अमेरिका के अलावा भारत ने इजराइल, साउथ कोरिया और साउथ अफ्रीका से भी हथियार खरीदे हैं.

#खस्ताहाली के बावजूद पाकिस्तान ने हथियार खरीद बढ़ाई है-

डेटा के मुताबिक, रूस और चीन के बाद भारत म्यांमार के लिए तीसरा बड़ा हथियारों का सप्लायर है. म्यांमार करीब 14 फीसद हथियार भारत से खरीदता है. जबकि पाकिस्तान ने साल 2018 से साल 2022 के दौरान 77 फ़ीसद हथियार चीन से खरीदे हैं. ये उसकी और चीन की पुरानी व्यापारिक दोस्ती को पुख्ता करता है. पाकिस्तान पूरी दुनिया के कुल आर्म्स इम्पोर्ट में 3.7 फीसद की हिस्सेदारी रखता है. यानी हमारे हथियार इम्पोर्ट का करीब एक तिहाई. जबकि बीते पांच साल में उसने 2013 से 2017 के मुकाबले 14 फीसद ज्यादा हथियार खरीदे हैं.

वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थितियों में यूरोपीय देशों में बीते पांच सालों में हथियारों की खरीद 47 फीसद बढ़ी है. और पूरी दुनिया में हथियारों की कुल बिक्री में 5.1 फीसद की गिरावट आई है.

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