केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया था. उस समय कहा गया था कि इसमें 15 सदस्य होंगे. इनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे. स्थायी सदस्यों को वोट देने का अधिकार होगा. गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि सदस्यों में से एक दलित समाज से होगा. केंद्र ने 10 नामों की जानकारी दे दी थी.

राम मंदिर का मॉडल. (File Photo)
राम मंदिर ट्रस्ट में एक-एक प्रतिनिधि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से नामित होगा. ये सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में कार्यरत होंगे. इसके साथ ही अयोध्या के जिलाधिकारी पदेन ट्रस्टी होंगे. सभी सदस्यों का हिंदू होना अनिवार्य है. ट्रस्ट के सदस्यों के बारे में संक्षेप में जान लीजिए.
1.नाम- केशवन आयंगर पराशरण क्या करते हैं- वकालत. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील. शहरः नई दिल्ली
पराशरण ने अयोध्या मामले में 9 साल तक हिंदू पक्ष की पैरवी की. पराशरण को हिन्दू ग्रंथों की जबरदस्त जानकारी है. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे हैं. 1927 में तमिलनाडु के श्रीरंगम में उनका जन्म हुआ. इनके पिता भी वकील थे. पराशरण के तीनों बेटे भी वकील हैं. पराशरण 1958 से प्रैक्टिस कर रहे हैं. 2003 में NDA सरकार थी, तब उन्हें पद्म भूषण दिया गया. उन्हें 2011 में UPA के पहले कार्यकाल में पद्म विभूषण मिला. भारत के सॉलिसिटर जनरल रहे. उसके बाद अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया भी बने. अभी इनके घर से ही ट्रस्ट का काम चलेगा.

के पराशरण के बेटे मोहन पराशरण भी सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं. (तस्वीर साभार: बार एंड बेंच )
2. नाम- जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज क्या हैं- शंकराचार्य. शहर- प्रयागराज
बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ. संन्यास लेने से पहले उनका नाम सोमनाथ द्विवेदी था. राम मंदिर निर्माण के लिए आयोजित शिलापूजन में शामिल होते रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में भी शामिल हुए हैं. इन्हें शंकराचार्य की पदवी दिए जाने पर विवाद हुआ था. द्वारका पीठ के शंकराचार्य ने इनके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था.

शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज. (File)
3. नाम- जगद्गुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ महाराज क्या करते हैं- पेजावर मठ के प्रमुख शहर- उडुपी
ये कर्नाटक के पेजावर मठ के 35वें पीठाधीश्वर हैं. इनका जन्म 1964 में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में हुआ था. बचपन का नाम देवीदास भट था. वे 2019 में स्वामी विश्वेश तीर्थ के निधन के बाद पेजावर मठ के प्रमुख बने थे. स्वामी विश्वेश तीर्थ राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे. 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी ने स्वामी विश्वेश तीर्थ से आशीर्वाद लेकर ही रथ यात्रा शुरु की थी.

स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ पेजावर पीठ के प्रमुख हैं. (File Photo)
4. नाम- युगपुरुष परमानंद महाराज क्या करते हैं- अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख शहर- हरिद्वार
इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मावी धाम गांव में हुआ. उनके उपदेशों पर 150 से ज्यादा किताबें लिखी गई हैं. इनकी अपनी वेबसाइट भी हैं. इस पर बताया गया है कि ये 'अखंड परमधाम' नाम का नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन चलाते हैं. देशभर में इनके आश्रम हैं. आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से भी उनका जुड़ाव रहा है.

परमानंद महाराज. ( Twitter)
5. नाम- स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज क्या करते हैं- धार्मिक उपदेशक शहर- पुणे
इनका जन्म 1949 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुआ. उनके बचपन का नाम किशोर मदनगोपाल व्यास था. उन्होंने फिलॉसफी में ग्रेजुएशन कर रखा है. इनका परिवार शुरू से ही कथा वाचन से जुड़ा रहा. स्वामी गोविंददेव गिरि ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया. 17 साल की उम्र में उन्होंने गांव में श्रीमद्भागवत पर उपदेश दिया था.

स्वामी गोविंद गिरि का आश्रम पुणे में हैं. (Facebook)
6. नाम- विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र क्या करते हैं- समाजसेवा शहर- अयोध्या
अयोध्या के पूर्व राज परिवार के सदस्य हैं. 55 साल के विमलेंद्र समाजसेवा से जुड़े रहे हैं. वे अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य भी हैं. 2009 में BSP के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. साल 2002 में BJP ने शिलादान कार्यक्रम शुरू किया था. लेकिन विमलेंद्र के दखल के बाद इस अभियान को ज्यादा उछाल नहीं दिया गया. उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र से मदद मांगी थी.

विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र.
7. नाम- डॉ. अनिल मिश्र क्या करते हैं- होम्योपैथिक चिकित्सक शहर- फैजाबाद
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के पतौना गांव में जन्म हुआ. अभी में फैजाबाद रहते हैं. राम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ रहे. बाद में आरएसएस में शामिल हो गए. अभी यूपी होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद पर हैं.
8. नाम- कामेश्वर चौपाल क्या करते हैं- राजनीति/समाजसेवा शहर- पटना
ये दलित समाज से आते हैं. पटना में रहते हैं. कामेश्वर ने अपनी पढ़ाई-लिखाई मधुबनी जिले में की. उनके एक अध्यापक संघ के कार्यकर्ता हुआ करते थे. उन्हीं के जरिए कामेश्वर संघ के संपर्क में आए. 1989 में राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहे. उन्हें मंदिर के शिलान्यास में पहली ईंट रखने के लिए चुना गया था. आरएसएस ने उन्हें पहले कारसेवक का दर्जा दे रखा है. 1991 में रामविलास पासवान और 2014 में रंजीता रंजन के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

कामेश्वर चौपाल लंबे समय से राम मंदिर मामले से जुड़े रहे हैं. (Photo Twitter)
9. नाम- महंत धीरेंद्र दास क्या करते हैं- निर्मोही अखाड़े के महंत शहर- अयोध्या
अयोध्या के मठिया सरैया गांव के रहने वाले हैं. अयोध्या में बीए की पढ़ाई करने के दौरान निर्मोही अखाड़े के करीब आए. 1992 में अखाड़े के नागा बन गए. 2017 में महंत भास्कर दास के निधन के बाद अयोध्या में निर्मोही अखाड़े के महंत बने.

महंत धीरेंद्र नाथ निर्मोही अखाड़े के प्रमुख हैं. (ANI)
10. नाम- नृत्य गोपाल दास क्या करते हैं- राम जन्मभूमि न्यास के महंत शहर- अयोध्या
इनका जन्म 11 जून 1938 को मथुरा में हुआ. 1965 में 27 साल की उम्र में वह महंत भी बन गए थे. वे अयोध्या के सबसे बड़े मंदिर मणि राम दास की छावनी के पीठाधीश्वर हैं. साथ ही 1993 में विश्व हिंदू परिषद की ओर से बनाए गए ट्र्स्ट राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख भी हैं. 2003 से वे इस पद पर हैं. उनके पास श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास की जिम्मेदारी भी है. नृत्य गोपाल दास पर बाबरी विध्वंस में शामिल रहने का आरोप भी है. इस मामले में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है. नृत्य गोपाल दास दशकों तक राम मंदिर आंदोलन के संरक्षक की भूमिका में रहे हैं. इनकी अगुवाई में लंबे समय से राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी एकत्र किया जाता रहा है. उनके नेतृत्व में ही राम मंदिर के लिए पत्थर तराशी का काम तेज हुआ.

नृत्य गोपाल दास को राम मंदिर ट्र्स्ट का अध्यक्ष चुना गया है. (Photo: PTI)
11. नाम- चंपत राय क्या करते हैं- विश्व हिंदू परिषद के अतरराष्ट्रीय महामंत्री शहर- अयोध्या/दिल्ली
लंबे समय से विहिप में हैं. इनका जन्म 18 नवंबर 1946 को हुआ. ये बिजनोर के नगीना के रहने वाले हैं. शुरू से ही ये आरएसएस से जुड़े रहे हैं. फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद 1969 में अध्यापक बन गए. 1981 में नौकरी छोड़ दी. इसके बाद पूरी तरह संघ से जुड़ गए. ये भी बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी हैं.

चंपत राय विहिप के बड़े नेताओं में शामिल हैं.
12. नाम- नृपेंद्र मिश्रा क्या करते हैं- पीएम मोदी के पूर्व प्रधान सचिव रहे हैं शहर- दिल्ली
इन्हें राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन बनाया गया है. वे 1967 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं. 2014 में नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के बाद नृपेंद्र मिश्रा को अपना प्रिंसीपल सेक्रेटरी बनाया था. उन्हें कैबिनेट मंत्री का स्टेटस दिया गया था. उन्हें सबसे ताकतवर अफसर माना जाता था. 30 अगस्त 2019 को उन्होंने पद छोड़ दिया था. इससे पहले केंद्र सरकार में इन्होंने कई बड़े पद संभाले. इनमें टेलीकॉम सेक्रेटरी, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई के चेयरपर्सन का पद शामिल हैं.

नृपेंद्र मिश्रा आईएएस रहते हुए कई अहम पदों पर रहे हैं.
13. अयोध्या के कलेक्टर. अगर इस पद पर हिंदू नहीं होता है, तो एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ट्रस्ट के सदस्य होंगे. इस वक्त अनुज कुमार झा अयोध्या के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हैं.
14. केंद्र सरकार का प्रतिनिधि. आईएएस होना चाहिए. जॉइंट सेक्रेटरी की पोस्ट तक का कोई अफसर. केंद्र सरकार की ओर से प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त सचिव गृह विभाग ज्ञानेश कुमार शामिल हुए.
15. राज्य सरकार का प्रतिनिधि. राज्य सरकार के अधीन आईएएस अफसर. सेक्रेटरी की पोस्ट तक का कोई अफसर.ट्रस्ट की पहली मीटिंग में यूपी सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी पदेन सदस्य शामिल हुए. वे लोकगायिका मालिनी अवस्थी के पति हैं.
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