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जब अपनी ही पार्टी के नेता प्रतिपक्ष बने घनश्याम तिवाड़ी: Ep 48

पॉलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में आप राजस्थान के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी के राजनीतिक करियर को जानेंगे. जानिए उनके कॉलेज के दिनों में छात्रसंघ का अध्यक्ष बनने से लेकर राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री बनने तक के सफर को. क्यों घनश्याम तिवाड़ी को यूनेस्को द्वारा कन्फ्यूशियस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. जानिए तत्कालीन उप प्रधानमंत्री ने अपने ही नेता घनश्याम तिवाड़ी के लिए ऐसा क्या कहा की वो चुनाव हार गए. घनश्याम तिवाड़ी के रिकॉर्ड मतों से चुनाव हारने और रिकॉर्ड मतों से ही वापस चुनाव जीतने की कहानी को भी आप एपिसोड में सुनेंगे. इसके अलावा जानिए एपिसोड में कि बीजेपी में रहने के बावजूद वसुंधरा राजे की सरकार में क्यों घनश्याम तिवाड़ी अपनी ही पार्टी के लिए नेता प्रतिपक्ष बन गए.

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पॉलिटिकल किस्से के इस पॉडकास्ट में सौरभ द्विवेदी, राजस्थान सरकार में मंत्री रहे और अब राज्यसभा के सांसद घनश्याम तिवाड़ी के सियासी किस्सों को साझा कर रहे हैं. इमरजेंसी के दौर में राजनीति में अपने शुरुआती दिनों में घनश्याम तिवाड़ी को आरएसएस से नज़दीकियों के चलते गिरफ्तार किया गया. जानिए एपिसोड में डिफेंस ऑफ़ इंडिया रूल (डीआईआर) और इंदिरा गाँधी द्वारा विपक्ष को कुचलने के लिए इसके इस्तेमाल के बारे में. जानिए एपिसोड में डीआईआर जैसे कानून के खिलाफ घनश्याम तिवाड़ी की लड़ाई के बारे में.  

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पॉलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में आप घनश्याम तिवाड़ी के कॉलेज के दिनों में छात्रसंघ अध्यक्ष बनने और उसके बाद राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री बनने के बारे में जानेंगे. सुनिए एपिसोड में कि क्यों पहली बार विधायकी का टिकट मिलने के बाद घनश्याम तिवाड़ी ने चुनाव लड़ने से इंकार किया और कैसे दूसरी बार विधायकी का टिकट मिलने पर अपनी पुश्तैनी ज़मीन बेच कर विधायकी का चुनाव लड़ा. जानिए घनश्याम तिवाड़ी ने ऐसा क्या किया कि खुद जयप्रकाश नारायण जैसा बड़ा नेता उनके लिए तीन दिन अनशन पर बैठा रहा. घनश्याम तिवाड़ी अब राजस्थान के वरिष्ठ राजनेता हैं, जिन्हें यूनेस्को द्वारा कन्फ्यूशियस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. एपिसोड में आप घनश्याम तिवारी और वसुंधरा राजे के बीच तल्खी को भी समझेंगे. इसके अलावा इस एपिसोड में आप जसवन्त सिंह और वसुन्धरा राजे के बीच मतभेदों को भी जानेंगे.

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