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60 किमी से पहले टोल प्लाजा होना 'अवैध' है तो सरकार इन्हें बनाती क्यों है?

नितिन गडकरी ने गैरकानूनी टोल प्लाजा खत्म करने की बात कही है.

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नितिन गडकरी ने टोल प्लाज़ा के आस-पास रहने वाले लोगों को आधार कार्ड दिखाकर टोल पास जारी करने को कहा है (फोटो साभार- आज तक)
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) मंगलवार, 22 मार्च को संसद में रोड ट्रांसपोर्ट की बेहतरी पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 2024 तक देश में अमेरिका जैसी सड़कें होंगी. हर 60 किलोमीटर पर सिर्फ एक टोल प्लाज़ा (Toll Plaza) होगा. अगर इससे कम दूरी पर कोई टोल प्लाज़ा है तो उसे 3 महीने के अंदर बंद कर दिया जाएगा. ये भी कहा कि टोल प्लाज़ा के आस-पास के स्थानीय लोगों के लिए एक पास जारी किया जाएगा.
नितिन गडकरी राज्यसभा के बजट सत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कई दावे किए. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी के एक कथन का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा,
'अमेरिका की सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है, बल्कि अमेरिका इसलिए अमीर है क्योंकि अमेरिका की सड़कें अच्छी हैं. मैं इस सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि 2024 समाप्त होने से पहले हिंदुस्तान का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर होगा.'
नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि जयपुर, हरिद्वार और देहरादून जैसे शहरों से सिर्फ 2 घंटे में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा. जम्मू-कश्मीर में 60,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम चल रहा है. गडकरी के मुताबिक परियोजना पूरी होने के बाद कश्मीर से मुंबई का सफ़र तय करने में 20 घंटे से भी कम समय लगेगा.

टोल प्लाजा के नियमों पर क्या बोले?

नितिन गडकरी ने टोल प्लाजा नियमों पर भी बात की. उन्होंने कहा,
'टोल प्लाजा के पास रहने वाले लोगों को आधार कार्ड के बेसिस पर पास बनाकर देंगे. टोल प्लाज़ा 60 किलोमीटर की दूरी पर होता है. लेकिन कई जगह इससे कम दूरी पर है. मैं बार-बार कहता हूं कि ये गलत काम है, गैर कानूनी है. मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि अब 60 किलोमीटर के अंदर केवल एक टोल प्लाज़ा होगा, और अगर दूसरा टोल प्लाजा है तो उसे बंद कर दिया जाएगा.’
बता दें कि नेशनल हाईवे यूजर फ़ी रूल, 2008 के मुताबिक़, किन्हीं दो टोल प्लाज़ा के बीच की दूरी कम से कम 60 किलोमीटर होनी चाहिए. लेकिन व्यावहारिक रूप से ऐसा नहीं है. कई जगह 60 किलोमीटर से पहले ही अगले टोल प्लाज़ा पर टोल टैक्स देना पड़ता है.
क्यों बनते हैं 'अवैध' टोल?
हमने मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज़ की वेबसाइट देखी
 तो एक नोटिफिकेशन मिला. इसमें 60 किलोमीटर से कम दूरी पर दूसरा टोल नाका बनाए जाने के कई कारण बताए गए हैं.
#कहा गया है कि जमीन की उपलब्धता, पर्याप्त लंबी एक समान सड़क, प्लाज़ा से बाईपास और प्रमुख रोड डायवर्जन की दूरी, राज्य की सीमाएं, दूसरे चेक पोस्ट, राजस्व क्षमता आदि को ध्यान में रखते हुए टोल प्लाज़ा बनाए जाते हैं.
#नेशनल हाईवे के विकास कार्य जरूरत के हिसाब से होते हैं. परियोजना के तहत टोल प्लाजा काम में लाने लायक हो, इसलिए अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट्स के तहत बने दो टोल प्लाज़ा के बीच की दूरी 60 किलोमीटर से कम हो सकती है.
#इसके अलावा उचित जमीन न मिलना, ज्यादा ट्रैफिक और सही लोकेशन की दिक्कतों के चलते टोल प्लाज़ा कम दूरी पर हो सकते हैं.
नियमतः 60 किलोमीटर से कम दूरी पर दूसरा टोल प्लाज़ा नहीं होना चाहिए (फोटो साभार- आज तक)
नियमतः 60 किलोमीटर से कम दूरी पर दूसरा टोल प्लाज़ा नहीं होना चाहिए (फोटो साभार- आज तक)


बीते साल 15 फरवरी से देश के सभी टोल प्लाज़ा पर फ़ास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स का भुगतान अनिवार्य कर दिया गया था. वो कैटेगरीज़ भी बढ़ा दी गई थीं जिनमें आने वाली गाड़ियों को टोल नहीं देना पड़ता है. और साथ ही टोल प्लाज़ा के आस-पास 20 किलोमीटर तक के दायरे में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए एक टोल पास जारी करने की बात कही गई थी.
द हिंदू की एक खबर के मुताबिक़, गाड़ी मालिकों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और एड्रेस प्रूफ के साथ टोल टैक्स से छूट के लिए एक एप्लिकेशन देने को कहा गया था, जिसके आधार पर पास जारी किए जाने का प्रावधान था. कहा गया था कि ऐसे वाहनों के लिए मुफ्त फ़ास्टैग जारी किया जाएगा और 260 रुपए मासिक की दर से एक पास जारी किया जाएगा. इस पास के जरिए किसी टोल प्लाज़ा के आस-पास 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले वाहन मालिकों को टैक्स नहीं देना पड़ेगा. ये स्थानीय लोग जितनी बार चाहें इस टोल प्लाज़ा से गुजर सकते हैं. लेकिन दूसरे टोल पर उसी तरह से टैक्स लिया जाएगा जिस तरह अन्य वाहनों से लिया जाता है.
फ़ास्टैग आने के बाद बने नए नियमों में ये भी कहा गया था कि किसी भी टोल पर अगर 10 सेकेंड से ज्यादा का वेटिंग टाइम है या फिर 100 मीटर से ज्यादा की दूरी तक गाड़ियों की कतार लगी है तो टोल नहीं देना होगा. लेकिन अक्सर ऐसी खबरें आती रहती हैं जहां समय और दूरी का ये नियम टूटने के बावजूद भी टोल टैक्स देना पड़ता है.
बहरहाल, हमने सड़क परिवहन मंत्रालय से पूछा है कि टोल पास के पिछले और नए नियमों में क्या अंतर है और आधार कार्ड के बेसिस पर जारी होने वाले पास की फीस क्या होगी. जैसे ही जवाब मिलता है, हम आपसे साझा करेंगे.