The Lallantop

PM मोदी ने कांग्रेस की रेणुका चौधरी को मां सीता माना है

संसद में PM मोदी रेणुका चौधरी की हंसी पर बोले थे.

post-main-image
कांग्रेस की सांसद रेणुका चौधरी को देखकर प्रधानमंत्री मोदी को रामायण की याद आ गई. उनकी हंसी सुनकर उन्हें रामायण के एक खास किरदार का ध्यान आया. सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए ऐसा लगता है कि वो पक्का सीता माता का ध्यान कर रहे होंगे.
7 फरवरी को प्रधानमंत्री जी बोले. संसद में बजट सत्र के दौरान बोलते हुए खूब जोरदार भाषण दिया उन्होंने. और बोलते-बोलते कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी को 'मां सीता' बोल गए.
नोट: ऊपर के पैराग्राफ की तीसरी लाइन का 10वां और 11वां शब्द एक व्याख्या है.
असल में ये शब्द मोदी जी और बीजेपी की छवि को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं. आपको बीजेपी का वो नारा याद है- बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार. ये तो 2014 का चुनावी वादा था. इसके बाद भी बीजेपी ने एक प्यारा सा नारा उछाला था. ये वाला:
महिलाओं के सम्मान में, बीजेपी मैदान में
ये तब का पोस्टर है जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेता दयाशंकर ने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ बदतमीज टिप्पणी की थी. इसके बाद बसपा की ओर से भी एक अभद्र टिप्पणी की गई. इसके बाद बीजेपी 'मां-बेटी' के सम्मान में मैदान में उतर गई.
ये तब का पोस्टर है जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेता दयाशंकर ने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ बदतमीज टिप्पणी की थी. इसके बाद बसपा नेता की ओर से भी एक अभद्र टिप्पणी की गई. इसके बाद बीजेपी 'मां-बेटी' के सम्मान में मैदान में उतर गई.

'रामायण सीरियल के बाद पहली बार ऐसी हंसी सुनी है' मोदी जी और बीजेपी भले इस वादे को भूल जाएं, मगर हम नहीं भूले हैं. इसीलिए मान ले रहे हैं कि मोदी जी ने अपनी विपक्षी नेता को 'माता सीता' कहा. हुआ कुछ यूं था कि मोदी अपनी जगह पर खड़े होकर बोल रहे थे. विपक्ष नारेबाजी कर रहा था. बीच में जिक्र आया सरकार की उपलब्धियों का. मोदी बोले कि कांग्रेस उनकी सरकार के किए अच्छे कामों की वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है. उनकी बातें सुनकर कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी हंसने लगीं. सभापति थे वेंकैया नायडू. वो रेणुका चौधरी की हंसी पर उखड़ पड़े. बिल्कुल वैसे ही जैसे क्लास में होता है. टीचर के स्टाइल में उन्होंने रेणुका से कहा- अगर आपको कोई परेशानी है, तो डॉक्टर के पास चली जाइए.
ठीक इसी वक्त मोदी जी की दोबारा तस्वीर में एंट्री हुई. चेहरे पर चौड़ी मुस्कान ओढ़कर वो बोले:
नहीं. नहीं. उनको हंसने दीजिए. रामायण सीरियल के बाद आज पहली बार हमने इस तरह की हंसी सुनी है.
रामायण सीरियल वाली शूर्पणखा बहुत जोर से हंसती थी. एकदम खुलकर ठहाके लगाती थी.
रामायण सीरियल वाली शूर्पणखा बहुत जोर से हंसती थी. एकदम खुलकर ठहाके लगाती थी.

'राक्षसियां' जोर से ठहाका लगाती थीं आपने रामायण देखी है? पढ़ी है? तो फिर तुक्का लगाइए. कि मोदी जी रामायण के किस महिला किरदार का जिक्र कर रहे थे. नाम नहीं लिया उन्होंने, मगर बिना बोले ही नाम ले भी लिया. चूंकि रेणुका चौधरी महिला हैं, तो जाहिर है कि मोदी जी उनकी तुलना किसी महिला चरित्र से ही कर रहे होंगे. विरोध में भी लिंग का कितना खयाल रखा जाता है! खैर. तो रामायण में जिन महिला किरदारों ने जोरदार ठहाका लगाया, वो सब 'राक्षसियां' थीं. क्योंकि बाकी सब तो 'संभ्रांत और अच्छे' घरों की महिलाएं थीं.
महिलाओं के सम्मान में... राक्षसियां, जैसे शूर्पणखा. अच्छी स्त्रियां, जैसे सीता. और अच्छी स्त्रियां ऐसे हंसती हैं कि पता भी नहीं चलता. 'मर्द का नहाना और औरत का खाना, किसी ने देखा कि बाकी रहा' की तर्ज पर. 'अच्छी स्त्रियां' ठहाके तो नहीं ही लगाती हैं! मगर मोदी जी ने जिस अंदाज में कहा, उसके बाद लोगों के मन में कोई शक नहीं बचा कि वो रेणुका चौधरी को असल में कह रहे होंगे. लोग कहने लगे कि पीएम मोदी ने रेणुका चौधरी की तुलना शूर्पणखा से की है. मगर ठीक इसी जगह हमको वो वाला वादा याद आता है.
महिलाओं के सम्मान में, बीजेपी मैदान में.
ये रेणुका चौधरी और स्मृति ईरानी की तस्वीर है. दोनों हंस रही हैं. कितनी प्यारी लग रही हैं.
ये रेणुका चौधरी और स्मृति ईरानी की तस्वीर है. दोनों हंस रही हैं. कितनी प्यारी लग रही हैं.

ऐसा वादा करने वाले लोग, खासतौर पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, किसी महिला के खिलाफ ऐसी टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? ऐसा तो हो नहीं सकता. कतई नहीं हो सकता. क्योंकि बीजेपी 'संस्कारियों' की पार्टी है. उनमें महिलाओं का सम्मान करने का 'संस्कार' भरा है. उनके लिए तो दुनिया ऐसी है:

चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है.

इस संस्कार की एक और मिसाल है:

यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमण्ते तत्र देवता


2014 को बीते चौथा साल आ गया है. मगर फिर भी उस साल चुनाव में जो नारे लगे, नारे दिए गए, सब याद हैं. जैसे ये वाला.
2014 को बीते चौथा साल आ गया है. मगर फिर भी उस साल चुनाव में जो नारे लगे, नारे दिए गए, सब याद हैं. जैसे ये वाला.

मोदी जी को 'माता सीता' की याद आ गई होगी और कितनी मिसालें दें हम आपको? मान लीजिए कि मोदी जी और बीजेपी 'जी' भले रेणुका चौधरी का अपमान करने की मंशा से टिप्पणी करते देखे गए, मगर वो महिला का अपमान नहीं कर सकते. पक्का हमें कोई सामूहिक गलतफहमी हुई है. कोई शक नहीं कि वो रेणुका चौधरी को 'माता सीता' कहना चाहते होंगे. रेणुका चौधरी ने उन्हें 'माता सीता' की याद दिला दी होगी. सभी सबूतों और गवाहों को ध्यान में रखकर देखें, तो ये ही सच लगता है.
नोट: इस लेख का मकसद 'राक्षस-राक्षसी' की बौद्धिक-अकादमिक बहस में पड़ना नहीं है.
स्पेशल नोट: जय मोदी, जय बीजेपी. जय भारत, जय भारती.


ये भी पढ़ें: 
मोदी जी, संसद में पाप कहना और उस पाप पर चुप रहना भी एक पाप है

क्या यूपी पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया है, जिसमें 8 साल के बच्चे की मौत हुई है?

क्या 'बलात्कारी बाबा' से मिलने उसके आश्रम गई थीं स्मृति ईरानी?



नरेंद्र मोदी की लाइफ की पूरी कहानी और उनकी वो विशेषताएं जो पहले नहीं सुनी होंगी