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नवीन जिंदल: RSS-BJP में रहकर पत्रकारिता की, अफजल गुरु का इंटरव्यू किया, मदरसों पर किताब लिख बवाल काटा

नवीन सबसे पहले 1982 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जरिये बीजेपी से जुड़े. उन्होंने पत्रकारिता, संघ और बीजेपी में साथ साथ काम किया.

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नवीन कुमार जिंदल. (PTI)

साल 2008. एक किताब लॉन्च होती है. नाम, 'इस्लामिक मदरसे बेनकाब'. किताब का विमोचन तब के RSS प्रमुख केएस सुदर्शन करते हैं. इस किताब को लिखा था एक पत्रकार ने. देश भर, खास तौर पर सीमा से सटे इलाकों के मदरसों के बारे में. किताब में मदरसों को लेकर कई खुलासे करने का दावा किया गया. आगे आप समझ ही गए होंगे. किताब पब्लिक हुई और बवाल मच गया. किताब लिखने वाले पत्रकार कहते हैं कि बवाल इतना बढ़ गया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने उनके सिर पर 20 लाख का इनाम रख दिया. ये पत्रकार थे नवीन कुमार जिंदल, जो फिलवक्त पैगंबर मोहम्मद पर अपने कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए बेहद कड़ी आलोचना का सामना कर रहे हैं. पत्रकार से नेता बने नवीन जिंदल को बीजेपी ने 5 जून को निष्कासित कर दिया.

बचपन में ही RSS से जुड़े

नवीन पश्चिमी यूपी के मेरठ जिले के रहने वाले हैं. बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS से जुड़ गए थे. शुरुआती शिक्षा संघ के शिशु भारती विद्या मंदिर में हुई. हालांकि जल्द ही वो सरकारी स्कूल में पढ़ने चले गए. स्कूलिंग के बाद मेरठ यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई की. साथ ही संघ के कार्यक्रमों से जुड़े रहे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए.

कैसे बने पत्रकार?

नवीन के पत्रकार बनने के पीछे एक किस्सा है. उस समय घरों में अखबार आने का उतना चलन नहीं था. कारण पैसा था और अखबार की उपलब्धता भी. किसी किसी के घर में एक अखबार आता था. नवीन को अखबार पढ़ने का शौक था. मेरठ में एक जगह ऐसी थी जहां लगभग सारे अखबार आते थे. नवीन वहां जाने लगे. वो बताते हैं कि वहां एक वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन शर्मा भी अखबार पढ़ने आते थे. मनमोहन से नवीन की बातचीत शुरू हुई. उन्होंने नवीन से कहा, ‘सिर्फ खबरें पढ़ो मत, लिखो भी.’ और फिर नवीन एक पत्रकार बन गए.

रिपोर्टर से संपादक तक

नवीन कुमार ने बतौर पत्रकार अपनी पहली नौकरी साल 1990 में पंजाब केसरी अखबार से शुरू की. कुछ समय काम करने के बाद वो दैनिक जागरण गए और उसके बाद राष्ट्रीय सहारा अखबार. राष्ट्रीय सहारा में नवीन 6 साल तक रहे. और फिर समय की मांग के साथ टीवी की दुनिया में आ गए. टीवी पत्रकारिता में नवीन की पहली, सबसे लंबी और आखिरी पारी ज़ी न्यूज़ के साथ रही.

टीवी में नवीन ने आतंकवाद और क्राइम पर अपनी पकड़ बनाई. कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में लंबे समय तक रिपोर्टिंग की. उन्होंने संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरू और आतंकी सरगना गाजी बाबा का इंटरव्यू किया. नवीन दावा करते हैं कि उन्होंने नॉर्थ ईस्ट में रिपोर्टिंग के दौरान स्टिंग ऑपरेशन किए जिससे सेना को बड़ी जानकारी मिली और सेना ने नॉर्थ ईस्ट में बड़ा ऑपरेशन चलाया.

यही नहीं, नवीन कहते हैं,

कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान आतंकियों को पाकिस्तान और नेपाल के जरिये पैसा दिया जा रहा था. इसको लेकर मैंने नेपाल में जाकर स्टिंग ऑपरेशन किया. इससे जांच एजेंसियों को काफी मदद मिली. यही नहीं, मैंने जेल में बंद अमरमणि त्रिपाठी का भी स्टिंग ऑपरेशन किया था. इस स्टिंग में मैंने खुद की 50 लाख की सुपारी दी और अमरमणि को एक्सपोज़ किया.

बतौर पत्रकार नवीन ने ज़ी न्यूज़ में दो पारियां खेलीं. वे वहां कुल 16 साल तक काम करते रहे. नवीन बताते हैं कि यहां पहली बार उनकी भर्ती रिपोर्टर के तौर पर हुई थी और यहीं वो ग्रुप एडिटर के पद तक पहुंचे. नवीन दावा करते हैं कि टीवी में क्राइम का पहला शो वही लेकर आए थे. नाम था ‘क्राइम फाइल्स’. जिसे बाद में क्राइम रिपोर्ट के नाम से जाना गया.

BJP के साथ राजनीति

नवीन सबसे पहले बीजेपी के साथ 1982 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जरिये जुड़े. उन्होंने पत्रकारिता, संघ और बीजेपी में साथ-साथ काम किया. यानी जब वो पत्रकारिता कर रहे थे, उसी समय वो RSS और बीजेपी का हिस्सा भी थे. पॉलिटिकल करियर में उन्हें पहला ब्रेकथ्रू मिला साल 2003 में. दिल्ली में विधानसभा चुनाव थे. शीला दीक्षित की सरकार थी. बीजेपी ने नवीन कुमार जिंदल को गीता कॉलोनी से टिकट दिया. गीता कॉलोनी सीट को अब लक्ष्मी नगर सीट के नाम से जाना जाता है. शीला दीक्षित को चुनाव जीतने में कोई दिक्कत नहीं हुई. 47 सीटें जीतकर वो लगातार दूसरी बार सीएम बनीं. लेकिन शीला की जीत में नवीन को नुकसान हो गया. कांग्रेस के अशोक कुमार वालिया के सामने नवीन जिंदल चुनाव हार गए. अशोक वालिया को 45,163 वोट मिले. जबकि नवीन को 20,311 वोट ही मिल सके.

इसके बाद नवीन को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. लेकिन वो संगठन में एक्टिव रहे. बीजेपी युवा मोर्चा के जरिये नवीन राजनीति में अपना करियर आगे बढ़ाते रहे. बीजेपी की तरफ से भारतीय जनता युवा मोर्चा एंटी टेररिस्ट सेल बनाया गया था. क्योंकि नवीन टेररिज्म पर पहले भी काम कर चुके थे, इसलिए उनको इस सेल का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया.

दी इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र में जब बीजेपी के नेतृत्व वाली वाजपेयी सरकार थी, तब नवीन को सुरक्षा दी गई थी. बाद में कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2008 में नवीन से सुरक्षा वापस ले ली गई. मई 2014 में मोदी सरकार बनने के दो साल बाद 2016 में उनको फिर से सुरक्षा दी गई. लेकिन पिछले साल अक्टूबर में उनसे एक बार फिर से सुरक्षा वापस ले ली गई थी.

मदरसों पर किताब लिखी

2008 में नवीन ने मदरसों पर किताब लिखी. वो कहते हैं कि नॉर्थ ईस्ट और सीमा से सटे इलाकों में रिपोर्टिंग के दौरान उन्हें कई मदरसों के बारे पता चला. नवीन दावा करते हैं,

इन मदरसों में मौलानाओं की लिखी किताबें पढ़ाई जाती हैं जिनमें शिक्षा के नाम पर कुछ नहीं होता. इन्हीं को एक्सपोज़ करने के लिए मैंने किताब लिखी. किताब के विमोचन के बाद काफी बवाल मचा. देशभर के उलेमा ने सम्मेलन बुलाया. इस सम्मेलन में कहा गया कि देश में पहला हिंदू आतंकवादी नाथू राम गोडसे था और दूसरा नवीन कुमार जिंदल. कुछ दिन बाद मुझ पर लश्कर ए तैयबा ने 20 लाख का इनाम रख दिया.

2014 में नवीन ने मीडिया को गुडबाय बोल दिया. और पूरी तरह राजनीति के हो गए. दिल्ली में जब मनोज तिवारी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे तब नवीन को दिल्ली बीजेपी का प्रवक्ता बनाया गया था. उनके बाद आदेश गुप्ता दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष बने तो नवीन को मीडिया प्रभारी बना दिया गया. लेकिन 5 जून, 2022 को बीजेपी ने नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया. पार्टी ने उन्हें निकालते हुए कहा कि नवीन ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सदभावना भड़काने वाले विचार प्रकट किए हैं.

हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब नवीन विवादों में आए. हाल में जब तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब नवीन जिंदल पर भी पंजाब पुलिस ने केस दर्ज किया था. पुलिस ने नवीन जिंदल पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का डॉक्टर्ड वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया.

बीजेपी से निष्कासित किए जाने के बाद नवीन ने कहा कि उनका ऐसा उद्देश्य नहीं था कि कि उनकी बातों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे. दी लल्लनटॉप से बातचीत में नवीन ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को धमकियां मिल रही हैं. ये भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ घंटों से उनके घर पर बाहर कुछ लोग रेकी कर रहे हैं.

वीडियो: BJP से निकाले जाने के बाद नवीन जिंदल क्या कहा?