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GITN: कुमार विश्वास अरविंद केजरीवाल को 'आत्मबुग्ध बौना' क्यों कहते हैं? जवाब दिया...

कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी छोड़ने, अरविंद केजरीवाल और बचपन के दोस्त मनीष सिसौदिया से मतभेद के सवाल पर क्या कहा?

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कुमार ने शिक्षक से कवि बनने, राजनीति में आने और अपने राम कथा के सफर के बारे में बात की. (फ़ोटो/आजतक, लल्लनटॉप)

कुमार विश्वास. जाने-माने कवि, जिन्होंने कभी सियासत का दामन भी थामा था. आम आदमी पार्टी के साथ उनके राजनीतिक सफर को लोग भूले नहीं हैं. पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ उनकी दोस्ती और उनके बीच आई दूरी पर आज तक बात होती है.

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कुमार विश्वास हाल ही में दी लल्लनटॉप के चर्चित वीकली शो गेस्ट इन दी न्यूज़रूम (GITN) में आए थे. उनसे कविता, देश, समाज और राजनीति पर काफी सवाल किए गए. संपादक सौरभ द्विवेदी ने कुमार विश्वास से उनके शिक्षक से कवि बनने, राजनीति में आने और अपनी राम कथा के सफर के बारे में बात की. इस सिलसिले में अरविंद केजरीवाल का भी जिक्र आया. 

जवाब में कुमार ने आम आदमी पार्टी छोड़ने, अरविंद केजरीवाल और बचपन के दोस्त मनीष सिसौदिया से मतभेद की भी बात कही. पूछा गया, 

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“जब-जब अरविंद केजरीवाल का जिक्र आता है तो आप एक शब्द लगातार इस्तेमाल करते हैं. ‘आत्ममुग्ध बौना’. उस पर क्या कहना है?”

जवाब में कुमार  विश्वास ने कहा, 

“मैंने कभी उनका नाम नहीं लिया. आपने लिया. मैंने तो सिर्फ आत्ममुग्ध बौना कहा है. आप समझ गए.”

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इसके बाद पूछा गया,

“आपके बचपन के मित्र मनीष सिसोदिया, जो इस वक्त जेल में हैं. क्या अभी आप उनके परिवार के संपर्क में हैं?”

जवाब में मनीष सिसोदिया के लिए कुमार विश्वास ने कहा कि वो अभी उनके परिवार के संपर्क में नहीं हैं. उन्होंने कहा,

“जिन्हें इश्क हुआ है, वो जानते हैं कि जब पहला और सच्चा इश्क फेल होता है, वो आदमी बहुत दिन तक रोता है. बहुत दिन तक उसे उस दिन की याद आती रहती है. और वो खरोंच उसके चेहरे से कभी नहीं हटती है.”

उन्होंने आगे कहा, 

“मुझे दुख होता है. मुझे पीड़ा होती है. पहली क्लास से लेकर शादियां होने तक, बच्चे होने तक, एक-दूसरे के बच्चों को अपने साथ रखने तक हम साथ थे. उसके बाद ये दिन देखना और सुनना मेरे लिए कष्टदायी है. और मुझे लगता है कि ये स्थायी कष्ट है. इसका निवारण ईश्वर कैसे करवाएगा मुझे पता नहीं.”

विश्वास ने ये भी कहा कि वो बहुत सारी बातें इसलिए भी नहीं बोलते हैं क्योंकि इससे किसी राजनीतिक दल का फायदा तो हो जाएगा, लेकिन ‘जनमानस की चेतना का बहुत नुकसान’ हो जाएगा.

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूज़रूम: कुमार विश्वास ने रामकथा और कविता के भविष्य पर बात की, केजरीवाल और सिसोदिया से रिश्तों पर भी बोले

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