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लैपटॉप-साइकिल छोड़िए, यहां पार्टियां गोल्ड लोन माफ करने का वादा कर चुनाव जीत जाती हैं

तमिलनाडु में गोल्ड का कल्चर इतना ज्यादा क्यों है?

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प्रतीकात्मक फोटो
ये साल 2016 की बात है. तमिलनाडु में विधानसभा के चुनाव चल रहे थे. राज्य की दो प्रमुख पार्टियां DMK यानी द्रविड मुनेत्र कड़गम और AIADMK  यानीऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम मतदाताओं को लुभाने में लगी थीं. जयललिता की पार्टी AIADMK ने महिलाओं के लिए कई ऐलान किए. इनमें से सबसे बड़ा ऐलान था मंगलसूत्र के लिए आठ ग्राम सोना देने का. जब नतीजे आए, तो जयललिता की AIADMK ने वह कर दिखाया जो 1984 के बाद से तमिलनाडु की राजनीति में नहीं हुआ. और वो था लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटना. 1984 में जयललिता के मेंटॉर और AIADMK के संस्थापक रहे एमजी रामचंद्रन ने यह करिश्मा किया था. उसके बाद से तमिलनाडु के लोग हर पांच साल बाद सरकार बदल देते थे.
Jayalalitha 2016 में जयललीता लगातार दूसरी बार सीएम बनी.

थोड़ा आगे बढ़ते हैं. राज्य की सत्ता से दो टर्म से बाहर चल रही DMK के नेता एमके स्टालिन ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में उनके समर्थन वाली सरकार बनती है, तो गोल्ड लोन माफ कर देंगे. इस चुनाव में तमिलनाडु की जनता ने DMK को दिल खोलकर वोट दिया. और राज्य की 39 में से 38 सीटें जीता दीं. लेकिन केंद्र में यूपीए की सरकार नहीं बनी DMK जिसका हिस्सा थी.
एमके स्टालिन एमके स्टालिन, DMK प्रमुख.

AIADMK पिछले दो साल से इस मुद्दे को को उठा रही है. राज्य के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी जनता के बीच कई मौकों पर कह चुके हैं कि DMK ने आपका गोल्ड लोन माफ करने का ऐलान किया था, आपने उनके 38 सासंदों को दिल्ली भेजा, लेकिन उन्होंने आपका गोल्ड लोन माफ नहीं किया. आप DMK को वोट मत दीजिए.AIADMK और मुख्यमंत्री के आरोपों पर DMK का जवाब रहा है कि केंद्र में AIADMK के समर्थन वाली सरकार बनी. ऐसे में हम अपना वादा कैसे निभा सकते हैं. अगर कांग्रेस की सरकार बनती तो हम ऐसा करते.
तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी

गोल्ड लोन माफी का वादा कितना बड़ा है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि इस साल विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले AIADMK ने 48 ग्राम तक के गोल्ड लोन माफी की घोषणा कर दी. तमिलनाडु में सहकारी संस्थाओं द्वारा बांटे गए 20 हजार करोड़ के ऋण में लगभग 7000 करोड़ गोल्ड लोन के हैं.
द हिन्दू के एडिटर सुरेश दी लल्लनटॉप से बातचीत में कहते हैं
मुथुड फाइनेंस जैसी कंपनियां गोल्ड पर लोन देती हैं. AIADMK सरकार ने यही किया है कि कोऑपरेटिव सोसायटी से जिन लोगों ने गहना गिरवी रखकर लोन लिया है, उनका लोन माफ करने की घोषणा की है. इंट्रेस्ट के साथ. हालांकि ये घोषणा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले की है, इसलिए जो सरकारी आदेश देना है, जो नियम बनने हैं, वो अभी तक नहीं हुआ. चुनावों के दौरान AIADMK की सरकार कोई फैसला ले भी नहीं सकती है. हां अगर वे अगली सरकार बनाने में सफल रहते हैं, तो ही कोई फैसला ले सकते हैं.
गोल्ड लोन माफी की घोषणा चुनाव नतीजों पर तगड़ा असर डाल सकती है. 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों में देखने को भी मिल चुका है.
तमिलनाडु में 40 से ज्यादा कोऑपरेटिव बैंक 4000 से ज्यादा प्राथमिक सहकारी संस्थाओं के नेटवर्क के जरिए सोना गिरवी रख उसके बदले लोन देते हैं. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारी संस्थाओं द्वारा बांटे गए 20 हजार करोड़ के लोन में से लगभग 7000 करोड़ गोल्ड लोन के हैं. अगर गोल्ड लोन माफी पर बात आगे बढ़ती है, तो इसका फायदा महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप की लगभग 15.5 लाख सदस्यों को मिल सकेगा. तमिलनाडु में गोल्ड का कल्चर इतना ज्यादा क्यों है? इस सवाल के जवाब में द हिन्दू के एडिटर सुरेश का कहना है,
तमिलनाडु में सेविंग्स इकॉनमी ज्यादा है. बाकी राज्यों में आपको देखने को मिलेगा कि लोग पार्टी में, शॉपिंग में पैसे खर्च करते हैं, लेकिन ऐसा कल्चर तमिलनाडु में नहीं है. तमिलनाडु, खासकर दक्षिण तमिलनाडु में आप देखेंगे मीडिल क्लास हो या लोअर मीडिल क्लास हो, 50 से 100 सोवरन सोना तो जमा करके रखते ही हैं. खासकर जिनके घर में लड़कियां है, क्योंकि उनकी शादी में ये गोल्ड दिया जाता है. कही कहीं तो 100 सोवरेन दिया जाता है. गोल्ड का इस्तेमाल शादियों के साथ इमरजेंसी के लिए भी होता है. ज्यादातर घरों के लिए गोल्ड एक ऐसा सिक्युरिटी सिस्टम है जिससे लोग आसानी से लोन ले सकते हैं.
सोने के गहने रखना राज्य की संस्कृति का हिस्सा है. जरूरत पड़ने पर लोग इसी सोने को गिरवी रख लोन लेते हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों में सोने के प्रति कितना लगाव है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि पूरे देश के हॉलमार्क सेंटर में से एक तिहाई यहीं हैं. तमिलनाडु में गोल्ड इकॉनमी बहुत बड़ी है. गोल्ड से जुड़ी ज्यादातर कंपनियां इसी राज्य से हैं. यहां मंदिर में भी सोने के गहने दान किए जाते है.
मुथूत गोल्ड जैसी एनबीएफ़सीज़ में ही नहीं, अब आप सोना बैंक में रखकर भी लोन ले पाएंगे. शयाद ज़्यादा पैसा मिलेगा और कम ब्याज़ दर पर. (सांकेतिक तस्वीर: PTI) मुथूत गोल्ड जैसी एनबीएफ़सीज़ सोना गिरवी रखकर लोन देती हैं. (सांकेतिक तस्वीर: PTI)
तमिलनाडु की राजनीति में freebies का कल्चर 2006 के चुनाव में करुणानिधि के नेतृत्व वाली DMK ने फ्री कलर टेलीविजन देने का ऐलान किया. इसी चुनाव में DMK ने दो रुपए किलो चावल देने का भी ऐलान किया. बाकी पार्टियों ने उनके इस ऐलान पर सवाल उठाए तो उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही उनका पहला सिग्नेचर इसी से जुड़ा होगा. इस चुनाव में DMK और उसकी सहयोगी पार्टियों ने शानदार प्रदर्शन किया और राज्य की 70 प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल की.
अपनी हार से निराश AIADMK को करुणानिधि का फैसला भा गया. इसके अगले चुनाव यानी 2011 के चुनाव में उसने भी इस तरह के कई ऐलान किए. इस चुनाव में DMK ने मिक्सी या ग्राइंडर का वादा किया तो AIADMK ने दोनों चीजें देने का वादा किया. DMK ने ऐलान किया कि वह कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को फ्री लैपटॉप देगी तो AIADMK ने कहा कि वह हाईस्कूल से ही छात्रों को लैपटॉप देगी. इसके साथ ही चार सेट स्कूल ड्रेस, जूते और 20 किलो फ्री चावल देने का वादा किया.
जयललिता (बाएं) और करुणानिधि (दाएं) जयललिता (बाएं) और करुणानिधि (दाएं)

केबल टेलीविजन डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस में उस समय तक DMK से जुड़े लोगों का दबदबा था, उस दबदबे को खत्म करने के लिए AIDMK ने फ्री केबल टीवी कनेक्शन देने का वादा किया. इन वादों ने काम किया और जयललिता 2011 में सरकार बनाने में सफल रहीं.
फिर आया 2016 का चुनाव. DMK के सामने यह चुनौती थी कि वह इससे भी बड़े ऐलान करे. लेकिन जयललिता सीधे किसानों के पास पहुंच गईं. उन्होंने किसानों की लोन माफी, 100 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं के लिए दोपहिया वाहनों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी, शादी का इंतजार कर रही महिलाओं के लिए one sovereign gold का ऐलान किया. इन ऐलानों का असर हुआ और जयललिता की पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रही. जो कि इतिहास था.
द हिन्दू के एडिटर सुरेश का कहना है,
फ्रीबीस का कल्चर तमिलनाडु की राजनीति में शुरू से रहा है. 2006 के चुनाव में करुणानिधि के नेतृत्व वाली DMK ने सभी हाउस होल्ड के लिए फ्री कलर टेलीविजन देने का ऐलान किया था. इसी चुनाव में DMK ने दो रुपए किलो चावल देने का ऐलान किया था. उस समय से अब तक चुनावों के दौरान फ्री चीजें बांटने का कल्चर चला आ रहा है. और ये नए रूप में आ रहा है, जैसे कि इस चुनाव में AIADMK ने ऐलान किया है कि वो हर एक घर में साल में 6 गैस सिलेंडर फ्री देंगे.