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रानी लक्ष्मीबाई से धोखे के इल्ज़ाम पर क्या बोले सिंधिया?

1857 के घटनाक्रम को लेकर सिंधिया परिवार को आज भी घेरा जाता है. बीते दिनों ज्योतिरादित्य रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर भी गए थे.

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14 अगस्त 2022 को ज्योतिरादित्य सिंधिया रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गए थे.

साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया BJP में शामिल हुए. मोदी सरकार ने साल 2021 में उन्हें नागर विमानन मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय की ज़िम्मेदारी दी. इसके बाद विपक्ष ने उन्हें कई बार "गद्दार" कहा. 5 अप्रैल 2023 को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा, 

‘’क्या ये सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा झांसी की रानी पर लिखी अमर कविता भूल गए हैं? 

अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, 
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी."

इस ट्वीट में जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीर नत्थी की थी. तो सवाल ये बना, कि ज्योतिरादित्य अपने परिवार पर झांसी की रानी से धोखे के इल्ज़ाम को कैसे भूल गए. ऐसे सवालों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने दावा किया कि लोगों ने इतिहास नहीं पढ़ा है. झूठी कहानियों के आधार पर झूठ फ़ैलाया जा रहा है.

1857 में जयाजीराव सिंधिया ग्वालियर के महाराजा थे. उन पर आरोप लगता है कि उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की बजाय अंग्रेजों का साथ दिया. इसी बात का जवाब देते हुए ज्योतिरादित्य ने कहा कि सिंधिया परिवार की एक-एक पीढ़ी ने शुरुआत से इस देश की अखंडता और एकता के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. उन्होंने कहा, 

“मेरे पूर्वज जनकोजी राव महाराज को पानीपत की लड़ाई के बाद अहमद शाह अब्दाली ने कैद कर लिया था. उनसे कहा कि मेरी सेना में आओ. लेकिन जनकोजी राव महाराज ने कहा कि मैं मराठा हूं, मर जाऊंगा लेकिन ऐसा नहीं करूंगा. बाद में अहमद शाह अब्दाली ने आग में लोहे को डालकर उनकी आंखों में डाला. उनके शरीर के 50 टुकड़े किए. ये सिंधिया परिवार का इतिहास है.”

1857 वाले घटनाक्रम पर ज्योतिरादित्य बोले,

“झांसी की रानी की मदद जयाजीराव सिंधिया ने अंत तक की थी. अंग्रेज़ों ने सेना का इस्तेमाल करने के लिए कहा था. लेकिन जयाजीराव ने मना कर दिया था. अंग्रेज़ों ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया था. उन्हें जेल में डाला गया.”

सिंधिया ने बात का ज़िक्र भी किया कि रानी लक्ष्मीबाई और ग्वालियर राजपरिवार, दोनों मराठा समुदाय से आते थे. और उनके बीच पारिवारिक संबंध भी थे. 

जयराम रमेश के "गद्दार" वाले आरोप पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा,  

“मेरे पिताजी कांग्रेस के उपनेता थे. तब उनसे कोई सवाल क्यों नहीं किया गया. जब मैं कांग्रेस की तरफ़ था, तब विपक्ष चुप था. मेरे पिता और मेरी तारीफ़ करते थे. अब मैं BJP में आ गया हूं तो मुझे टारगेट बना दिया गया है.”

यह सारी बातें ज्योतिरादित्य ने दी लल्लनटॉप की पॉलिटिकल इंटरव्यूज़ की सीरीज़ जमघट में कहीं. आप पूरा इंटरव्यू यहां देख सकते हैं-

जमघट: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने PM मोदी, राहुल गांधी और 'तहखाने' पर क्या बताया?

वीडियो: जमघट: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने PM मोदी, राहुल गांधी और 'तहखाने' पर क्या बताया?