"जंग रहमत है या लानत, ये सवाल अब न उठा... जंग जब आ ही गई सिर पे तो रहमत होगी." कैफ़ी आज़मी का ये शेर यूं तो जंग की त्रासदी पर लिखा गया था, लेकिन जब लड़ाई सिर पर हो तो सिर्फ सवाल नहीं, तैयारी भी ज़रूरी हो जाती है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत इस सच्चाई से दो-चार हो चुका है. तब देश ने देखा कि सीमाओं पर सन्नाटे का मतलब सिर्फ अमन ओ चैन नहीं बल्कि जंग की तैयारी भी हो सकती है.
ब्रह्मोस, अग्नि और राफेल की मार से बचा पाएंगे पाकिस्तान को जर्मन और चीनी एयर डिफेंस सिस्टम?
Pakistan के पास China से खरीदा हुआ HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही है. अब खबर है कि वो Germany से IRIS-T SLM खरीद रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि भारत के BrahMos, अग्नि, Rafale Fighter Jets और Rudram Missiles के आगे पाकिस्तानी Air Defence System कहां तक टिक पाएगा?
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इसी बीच एक और चौंकाने वाली खबर आई. ब्लूमबर्ग के मुताबिक पाकिस्तान जर्मनी से अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम IRIS-T SLM खरीदने की बातचीत कर रहा है. और याद रखें, उसके पास पहले से ही चीन का लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस HQ-9 सिस्टम मौजूद है.
अब ज़रा कल्पना कीजिए, अगर पाकिस्तान इन दोनों सिस्टम को एकसाथ तैनात कर ले. और ऑपरेशन सिंदूर जैसे हालात दोबारा बन जाएं. क्या हो भारत के Rafale और Su-30MKI जैसे लड़ाकू विमान ऑपरेशन मोड में आएं, साथ में SCALP, HAMMER, ब्रह्मोस, रुद्रम जैसी घातक मिसाइलें हवा में छोड़ दी जाएं. जरा सोचिए उस हालात में क्या होगा?
क्या पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम इन मिसाइलों को रोक पाएंगे? या फिर भारत की मिसाइलें इन सुरक्षा घेरों को चीरते हुए अपने टारगेट तक पहुंच जाएंगी? चलिए, एक-एक कर जानते हैं दोनों देशों की ताकत, कमजोरियां और तकनीकी आंकड़ों के साथ इस रणनीतिक टकराव का विश्लेषण.

SCALP यानी Storm Shadow एक स्टील्थ क्रूज़ मिसाइल है, जिसे Rafale से लॉन्च किया जाता है. जानी मानी अंतरराष्ट्रीय डिफेंस वेबसाइट मिसाइल थ्रेट के मुताबिक SCALP की रेंज करीब 250 से 560 किलोमीटर तक हो सकती है और ये बेहद कम ऊंचाई पर उड़ती है. इसमें 450 किलो का BROACH वारहेड होता है जो बंकरों को भी ध्वस्त कर सकता है.
अब बात करें IRIS-T SLM की, तो बेल्जियम के डिफेंस पोर्टल आर्मी रिकॉग्निशन के मुताबिक इसकी रेंज सिर्फ 40 किलोमीटर है और HQ-9 की अधिकतम रेंज 200 किलोमीटर तक जाती है. लेकिन SCALP इतनी निचली उड़ान भरती है कि ये दोनों सिस्टम इसे रडार पर पकड़ ही नहीं पाते.
नतीजा: SCALP को रोक पाना इन दोनों डिफेंस सिस्टम के लिए लगभग नामुमकिन है.
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2. HAMMER vs पाकिस्तानी एयर डिफेंसHAMMER (Highly Agile Modular Munition Extended Range) एक स्मार्ट बम है जिसकी रेंज 70 से 120 किलोमीटर तक होती है. इसका इस्तेमाल भी Rafale से किया जाता है.
IRIS-T SLM इसके खिलाफ थोड़ी बहुत कारगर हो सकती है, लेकिन सही वक्त और सही लोकेशन में. HQ-9 अगर अच्छे से नेटवर्क्ड हो तो इससे टक्कर ले सकता है. फिर भी स्टील्थ फ्लाइट और मल्टीपल लांचर से ये भी चकमा खा सकते हैं.
नतीजा: संभावित तौर पर IRIS-T SLM को थोड़ी बढ़त, लेकिन असली असर लॉन्च की रणनीति पर निर्भर होगी.
3. हवा से छोड़ी गई ब्रह्मोस vs पाकिस्तानी एयर डिफेंसSu-30 MKI से छोड़ी जाने वाली BrahMos एयरक्राफ्ट वर्ज़न सुपरसोनिक है. ब्रह्मोस की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक ये मिसाइल Mach 2.8 स्पीड से उड़ती है और रेंज 290 किमी तक होती है. इसमें 200 से 300 किलोग्राम का घातक वारहेड होता है.
HQ-9 इस स्पीड से उड़ती मिसाइल को पकड़ने की कोशिश तो कर सकता है, लेकिन ब्रह्मोस की लो-फ्लाइट प्रोफाइल और टारगेट से पहले zig-zag maneuver से वो इसे मिस कर सकता है. IRIS-T SLM तो इसकी रेंज में आता ही नहीं.
नतीजा: ब्रह्मोस साफ़ तौर पर भारी है.

जमीन से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल भी लगभग वही खूबियां रखती है. HQ-9 के लिए इसे ट्रैक करना एक चुनौती है और IRIS-T के बस की बात नहीं.
नतीजा: ब्रह्मोस फिर भारी.
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5. रुद्रम-1 / रुद्रम-2 / Kh-59MK2 vs पाकिस्तानी एयर डिफेंसये सभी एंटी-रेडार या एयर टू सरफेस गाइडेड मिसाइलें हैं. रेंज 150 से 285 किमी तक होती है. गति सबसोनिक होती है, लेकिन बेहद सटीक होती हैं.
HQ-9 इन्हें ट्रैक करने की स्थिति में आ सकता है अगर सही टाइमिंग और लॉन्चिंग न हो. लेकिन IRIS-T के लिए इन्हें ट्रैक करना कठिन है.
नतीजा: आंशिक तौर पर HQ-9 इनसे निपट सकता है, लेकिन पूरा भरोसा नहीं.
6. अग्नि सीरीज़ और पृथ्वी मिसाइलें vs एयर डिफेंसअग्नि और पृथ्वी दोनों भारत की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज 350 किमी से लेकर 5000 किमी से ज्यादा तक हो सकती है. ये वायुमंडल के पार जाकर हमला करती हैं.
IRIS-T या HQ-9 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम इनकी फ्लाइट प्रोफाइल तक नहीं पहुंच सकते. इन्हें रोकने के लिए S-400 जैसे हाई एंड डिफेंस सिस्टम चाहिए, जो फिलहाल पाकिस्तान के पास नहीं हैं.
नतीजा: भारत की बैलिस्टिक मिसाइलें पूरी तरह सुरक्षित.
अब जरा इसी तुलना को ग्राफिक्स के जरिए फिर से, साफ-साफ समझने की कोशिश करते हैं.
हथियार | पकड़ने की संभावना | कौन भारी? |
SCALP | नहीं | भारत (SCALP) |
HAMMER | संभव (IRIS-T) | दोनों बराबर |
ब्रह्मोस (एयर टू सरफेस) | HQ-9 को चुनौती | भारत (ब्रहमोस) |
ब्रह्मोस (सरफेस टू सरफेस) | HQ-9 के लिए कठिन | भारत (ब्रहमोस) |
रुद्रम / Kh-59MK2 | HQ-9 कुछ कर सकता | आंशिक संतुलन |
अग्नि / पृथ्वी | कोई रोक नहीं सकता | भारत (बैलिस्टिक) |
अगर आप इस पूरे विश्लेषण को गौर से देखें, तो साफ है कि पाकिस्तान का IRIS-T और HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम भारत के आधुनिक मिसाइल सिस्टम-SCALP, ब्रह्मोस, अग्नि आदि-के सामने टिक नहीं पाएंगे.
यह भी गौर करने वाली बात है कि भारतीय मिसाइल सिस्टम केवल रेंज में नहीं बल्कि स्ट्रैटजिक सोच, फ्लाइट प्रोफाइल और वारहेड इम्पैक्ट के मामले में काफी आगे हैं. SCALP और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें न सिर्फ एयर डिफेंस को चकमा दे सकती हैं, बल्कि दुश्मन के एयर डिफेंस को सबसे पहले खत्म करने की क्षमता रखती हैं.
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यह मुकाबला हथियारों का है, तकनीक का है और रणनीति का है-और इसमें भारत के हाथ कहीं ज़्यादा मजबूत नज़र आते हैं.
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