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IMPACT FEATURE : क्या प्यार में लड़के और लड़की के लिए रूल्ज़ अलग होते हैं? रित्विक साहोर के साथ बातचीत

'इंदौरी इश्क़': एकतरफा प्यार में चोट खाए एक जुनूनी आशिक़ की कहानी.

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Ritvik Sahor
बतौर बाल कलाकार 'फरारी की सवारी' और 'दंगल' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाले रित्विक साहोर अब अपने करियर की अगली पारी के लिए तैयार हैं. 20 साल के रित्विक MX Player की नयी वेब सीरीज़ 'इंदौरी इश्क़' ( Indori Ishq ) में पहली बार एक मच्योर रोल में नज़र आएंगे. समित कक्कड़ के निर्देशन में बनी इस सीरीज़ में रित्विक ने एक ऐसे नौजवान का किरदार निभाया है जिसकी गर्लफ्रेंड पहले तो उस पर चीट करती है और फिर उसे छोड़ कर चली जाती है. बेचारा नौजवान लाख कोशिशें करने के बाद भी इस सदमे से उबर नहीं पाता और उसका प्यार एक ऐसे जूनून में तब्दील हो जाता है जो उसे बर्बादी की राह पर ले जाता है. हमने रित्विक से इस सीरीज़ और उनके किरदार के बारे में कुछ सवाल किये. पेश हैं उनके साथ हमारी बात-चीत के कुछ अंश. 'इंदौरी इश्क़' का ट्रेलर देख कर इतना तो समझ आ गया है कि ये एकतरफा प्यार में घायल एक नौजवान की कहानी है. इस सीरीज़ के बारे में अपने अल्फ़ाज़ों में कुछ बताइये. हम अक्सर ऐसा देखते हैं कि जब बात प्यार, कमिटमेंट या बेवफाई की हो, तो लड़के और लड़की के लिए रूल्ज़ अलग-अलग होते हैं. अपने पार्टनर पर चीट करना सरासर गलत है, लेकिन समाज में चीटिंग को ले कर एक डबल स्टैण्डर्ड देखने को मिलता है. अगर गलती लड़के की होती है, तो उसे बुरा-भला कहा जाता है, ज़लील किया जाता है, जो कि सही भी है. लेकिन जब गलती लड़की की होती है, तब भी लड़की को ज़िम्मेदार ठहराने के बजाय लड़के पर ही मूव ऑन करने का दबाव बनाया जाता है. 'इंदौरी इश्क़' में किसी भी तरह बेवफाई या चीटिंग को बढ़ावा नहीं दिया गया है. बल्कि इसमें एक रिलेशनशिप की बारीकियों और समाज में इसे ले कर जो डबल स्टैण्डर्ड है, उसे दिखाया गया है. इससे पहले भी आप रोमांटिक किरदार निभा चुके हैं. कुणाल उन किरदारों से कितना अलग है? इससे पहले मैंने जितने भी रोमांटिक किरदार निभाए हैं, उनके मुक़ाबले कुणाल एक काफी डार्क कैरेक्टर है. वो एक सिरफिरा आशिक़ है जिसे प्यार के बदले बेवफाई मिलती है. एकतरफा प्यार में पड़ कर वो खुद को ही तकलीफ पहुँचाने लगता है, शराब और सिगरेट पीने लगता है, मर्चेंट नेवी में अच्छे-खासे करियर को ख़राब कर लेता है, यहाँ तक कि अपनी फैमिली और दोस्तों से भी दूरियां बना लेता है. वो तारा के प्यार में इतना पागल हो जाता है कि सही और गलत में फर्क ही नहीं कर पाता. उसका मानना है कि सच्चे प्यार का मतलब ज़िन्दगी भर का साथ होता है. लेकिन जब उसे प्यार में धोखा मिलता है, तो वो इस बात को हज़म नहीं कर पाता और बर्बादी कि राह पर चल पड़ता है. ये पहली बार है जो आप एक इतना इंटेंस और गुस्सैल किरदार निभा रहे हैं. इसके लिए आपने खुद को किस तरह तैयार किया? अपने किरदारों और उनकी सोच को समझने के लिए मैं सबसे पहले स्क्रिप्ट की मदद लेता हूँ. ‘इंदौरी इश्क़’ की स्क्रिप्ट भी मैंने बार-बार पढ़ी. रीडिंग्स और वर्कशॉप्स के दौरान समित कक्कड़, जो कि शो के डायरेक्टर हैं, उनके साथ बैठ कर भी मैंने अपने कैरेक्टर को समझा. साथ ही एक एक्टर होने के नाते मेरा अपना एक प्रोसेस है, जिससे मुझे खुद को अपने किरदार में ढालने में मदद मिलती है. मिसाल के तौर पर मैं कैरेक्टर के मूड में आने के लिए म्यूज़िक का इस्तेमाल करता हूँ, मिलते-जुलते किरदारों को स्टडी करता हूँ. ये एक पर्सनल प्रोसेस है जिसे शब्दों में समझा पाना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल है. अगला सवाल थोड़ा पर्सनल है. 'इंदौरी इश्क़' में आप एक सेल्फ डिस्ट्रक्टिव लवर बने हैं. असल ज़िन्दगी में आप कुणाल से कितना अलग हैं? मुझे लगता है कि असल ज़िन्दगी में मैं कुणाल से बिलकुल अलग हूँ. वो एक पागल आशिक़ है जिसके सर पर प्यार का जूनून सवार है, जैसा मेरे साथ बिलकुल भी नहीं है. में इमोशनल होने के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी हूँ. मैं असल ज़िन्दगी में शांत और शर्मीला हूँ, जबकि कुणाल काफी लाउड और गुस्सैल है. डायरेक्टर समित कक्कड़ के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा? समित सर के साथ ये मेरा पहला प्रोजेक्ट है और मुझे उनके साथ काम करने में काफी मज़ा आया. वो बहुत ही प्यारे और मज़ाकिया किस्म के इंसान हैं. शूटिंग के दौरान हमने बहुत मस्ती की, बहुत बातें करीं. उनकी तकनीक और सेट पर उनका कंट्रोल क़ाबिल-ए-तारीफ हैं. जब आप शो देखेंगे तो आप को साफ़ दिखेगा कि ये शो उन्होंने कितने प्यार से बनाया है. सीरीज़ के ज़्यादातर कास्ट मेंबर्स काफी यंग हैं. ऐसे में सेट का माहौल कैसा था? 'इंदौरी इश्क़' की कास्ट यंग होने के साथ-साथ काफी टैलेंटेड भी हैं. उनके साथ काम कर के मुझे काफी कुछ सीखने को मिला. शूटिंग के दौरान हम लोगों में काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी. सीन्स के बीच में हम खूब मज़ा करते थे, गप्पें मारते थे, साथ खाते-पीते थे. ख़ासकर वेदिका, आशय और धीर मेरे काफी अच्छे दोस्त बन गए हैं. फिल्में या सीरीज़ - बतौर अभिनेता आपका पसंदीदा फॉर्मेट कौन सा है और क्यूं? सही बताऊँ तो मुझे ये दोनों ही फॉर्मेट्स पसंद हैं और दोनों ने ही मुझे बहुत कुछ दिया है. मेरा लगाव बचपन से ही फिल्मों की तरफ ज़्यादा रहा है. इसलिए मैं चाहूंगा कि मैं आगे फिल्में भी करूँ और उन फिल्मों में अच्छा काम करूँ. मेरे लिए वो एक्सपीरियंस बहुत स्पेशल है जब आप अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ सिनेमाघर जा कर पॉप कॉर्न खाते-खाते एक फिल्म देखते हैं. मैं चाहूंगा कि मैं उस एक्सपीरियंस का हिस्सा बन पाऊँ और लोग मुझे बड़े परदे पर देखें. हम अक्सर देखते हैं कि एकतरफा आशिक़ प्यार के नाम पर लड़कियों को परेशान करते हैं. ऐसे दिलजलों के लिए आपकी क्या सलाह है? मैं एकतरफा प्यार को गलत नहीं मानता लेकिन मेरी नज़र में हर वो काम गलत है जिससे कोई लड़की अनकम्फर्टेबल महसूस करे. किसी लड़की के बारे में अफवाहें फैलाना, उसका पीछा करना या उसे परेशान करना, इन सब वाहियात चीज़ों का सच्चे प्यार का दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. एकतरफा आशिक़ों से मैं यही कहूंगा कि अगर किसी से प्यार करते हो, तो तो उनकी और उनकी फीलिंग्स की इज़्ज़त करो. उन्हें परेशान मत करो, क्यूंकि ऐसा करने से सबसे ज़्यादा नुक्सान आपका ही होगा. 'इंदौरी इश्क़' के सभी एपिसोड 10 जून को MX Player पर रिलीज़ किये जाएंगे.                                                               NOTE - ( ये स्टोरी प्रायोजित है )