"अब इसका सारा काम ऑनलाइन हो रहा है. जिले के हिसाब से आप ऑनलाइन नंबर सलेक्ट कर सकते हैं. उसे बुक करा सकते हैं. ऑनलाइन बोली लगेगी. अधिक बोली लगाने वाले को नंबर दे दिया जाता है. यूपी में दो से तीन लाख रुपये तक नंबरों की बोली चली जाती है, लेकिन इससे अधिक देखा नहीं गया है. वो भी ऐसे नंबर, जिनका बेस प्राइस 1 लाख है. बोली फाइनल होने पर पैसे भी ऑनलाइन जमा करने होते हैं. बाकी प्रोसेस भी वहीं हो जाता है."ये ऑनलाइन प्रोसेस क्या है, जानने के लिए हमने वेबसाइट खंगाली, तो क्या मिला # सबसे पहले तो ऑनलाइन प्रोसेस के लिए आपको vahan.parivahan.gov.in/fancy पर जाना होगा. # आपको यहां बिडिंग के लिए अपना अकाउंट बनाना होगा. ये काम खासा मुश्किल नहीं है. जैसे ईमेल अकाउंट बनता है, फेसबुक अकाउंट बनता है, वैसे ही ये वाला भी बन जाता है. # अकाउंट बनाने के बाद यूजरनेम और पासवर्ड डालकर एंटर करिए. इसके बाद आपको स्क्रीन पर दो ऑप्शन दिखाई देंगे. ऑक्शन प्रोसेस वाला और पहले आओ पहले पाओ वाला. # 15 हजार से नंबर शुरू होते हैं. अधिकतम एक लाख रुपये तक जाते हैं. आपको पता चल जाता है कि कौन कौन से नंबर बुक हो चुके हैं. कौन से नंबर अभी खाली हैं. ये बिल्कुल ऐसा ही है, जैसा बुक माई शो में सीटें बुक करना. # आप अपना प्रदेश, अपना जिला भरें और अपनी पसंद के नंबर को बुक कर लें. # लेकिन अगर आपने एक बार पेमेंट कर दी तो पैसे वापस नहीं होंगे, लिहाजा नंबर पर अच्छी तरह विचार करने के बाद ही ही पेमेंट करें. हां, जब बात नंबर प्लेट की हो ही रही है तो लगे हाथों आपको ये भी बता दें कि अगर आपने नंबर प्लेट पर फैंसी तरीकों से नंबर लिखाए तो भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. यही नहीं, आपको प्राईवेट गाड़ी पर सफेद बैकग्राउंड वाली नंबर प्लेट पर काले अक्षरों से होरिजोंटल लाइन में ही नंबर लिखाने होंगे वो भी अंग्रेजी में. हिंदी में नंबर प्लेट होने पर भी जुर्माना हो सकता है.
अपनी नई नवेली कार के लिए धांसू नंबर चाहिए तो ये तरीका आजमाना होगा
एक शख्स ने 40 लाख की कार के लिए 34 लाख में स्पेशल नंबर खरीदा है.
Advertisement

कुछ लोग अपनी गाड़ियों के लिए खास नंबर पाने को जेब ढीली करने में भी चूकते. (प्रतीकात्मक तस्वीर. PTI)
गुजरात के अहमदाबाद में एक शख्स ने अपनी नई नवेली SUV के लिए एक नंबर खरीदा है. नंबर भी ऐसा वैसा नहीं, जेम्स बॉन्ड वाला नंबर. यानि 007. और इस नंबर के लिए गाड़ी के मालिक ने चुकाए हैं 34 लाख रुपये. जी हां, वैसे तो ये अपनी तरह का कोई पहला मामला नहीं है, लेकिन नंबरों की इस दीवानगी से मामला सुर्खियों में है. तो चलिए आपको बताते हैं ये पूरा मामला, और साथ में ये भी कि अगर आपको ऐसा ही कोई वीआईपी नंबर चाहिए तो उसके लिए कितना बटुआ खाली करना होगा. पहले इन साहब का मामला जान लीजिए एक साहब हैं, नाम है आशिक पटेल. पेशे से ट्रांसपोर्टर हैं. जनाब को इश्क है जेम्स बॉन्ड की कहानियों से. पटेल साहब का मानना है कि ये नंबर उनके लिए बहुत लकी है. उनकी पुरानी गाड़ी का नंबर भी यही था. अब जब उन्होंने नई गाड़ी खरीदी, तो भी उन्हें यही नंबर चाहिए था. वैसे बता दें कि आशिक पटेल ने टोयोटा फॉर्चूनर खरीदी है, जो करीब 40 लाख की है. यानि करीब 6 लाख का फासला रह गया, वरना नंबर भी गाड़ी जितना महंगा ही पड़ता. खैर, लेकिन इस नंबर को हासिल करने के लिए भी खूब मशक्कत करनी पड़ी. अमूमन ये नंबर इतना महंगा नहीं होता, लेकिन एक और जनाब को भी यही नंबर चाहिए था. बोली लगी तो दोनों भिड़े हुए थे. ना तो आशिक पटेल पीछे हटने तो तैयार थे और ना ही वो शख्स. जब बोली 25 लाख पर पहुंची तो आशिक पटेल ने 34 लाख की बोली लगाई. उसके बाद सामने वाले शख्स ने हार मान ली. और आशिक पटेल इस नंबर के जेम्स बॉन्ड बन गए. आपको ऐसा नंबर लेना हो तो क्या करना होगा? चलिए ये तो बात थी गुजरात के आशिक पटेल की, लेकिन अगर आप भी ऐसा ही कोई नंबर लेना चाहें तो आपको क्या करना होगा, ये जान लीजिए. इस बारे में जानकारी के लिए हमने बात की यूपी के एडिशनल टीसी रेवेन्यू अरविंद कुमार पांडे से. उन्होंने बताया,
Advertisement
Advertisement
Advertisement