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रामजी गौतमः कभी सीटें बेचने का आरोप लगा था, अब BSP के फ्यूचर स्टार कहे जा रहे हैं

बीएसपी ने लखीमपुर के रामजी गौतम को राज्यसभा भेजा है

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बहुजन समाज पार्टी ने रामजी गौतम (बीच में, लेटर के साथ) को इस बार यूपी से राज्यसभा भेजा है. उनके राजनैतिक करियर ने बहुतों को चौंकाया है.
यूपी में 10 सीटों के लिए हाल के राज्यसभा चुनाव में जिस कैंडिडेट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा थी, वो थे बीएसपी के रामजी गौतम. यूपी के राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि बीएसपी की भविष्य की टीम में एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर रामजी गौतम के रोल को देखा जा रहा है. कौन हैं रामजी गौतम और कैसा रहा उनका यूपी के एक छोटे से शहर से लेकर दिल्ली तक का सफर, आइए जानते हैं.
छोटे शहर से दिल्ली तक का सफर
रामजी गौतम का जन्म यूपी के लखीमपुर (खीरी) जिले में एक साधारण परिवार में हुआ. पिता जगत नारायण गौतम जिला सहकारी बैंक में नौकरी करते थे. फिलहाल रिटायर हैं. मां हाउस वाइफ हैं. रामजी गौतम का घर अब भी लखीमपुर के रामगढ़ मोहल्ले में है. पत्नी वर्तिका गौतम लखीमपुर के करीबी जिले सीतापुर में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाती हैं. रामजी गौतम ने 12वीं तक की पढ़ाई लखीमपुर में ही की. बाद में, केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लखीमपुर से बाहर गए. उन्हें जानने वाले कहते हैं कि पार्टी में काम करने के दौरान उन्होंने कभी कोई बिजनेस आदि नहीं किया, पत्नी की कमाई से ही परिवार चलता रहा.
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बीएसपी सांसद रामजी गौतम एक रिटायर्ड सहकारी बैंक कर्मचारी के बेटे हैं.

इंजीनियरिंग, एमबीए करके पॉलिटिक्स में एंट्री
इंजीनियरिंग करने के बाद रामजी गौतम ने एमबीए किया. नौकरी करने लगे. नौकरी के लिए पंजाब और राजस्थान भी गए. उनके साथ लंबे वक्त से जुड़े साथी बताते हैं कि उनका नौकरी में मन नहीं लगा. 1998 के आसपास वह नौकरी छोड़कर घर आ गए. इसके बाद से ही लगातार बहुजन समाज पार्टी के लिए काम करने लगे. लगातार पार्टी मीटिंग्स में आना-जाना होता रहा. पार्टी ने उन्हें सबसे पहले यूपी के बांदा जिले का कोऑर्डिनेटर बनाया. पार्टी ने काम से खुश होकर उन्हें दूसरे कई जिलों की जिम्मेदारी भी दी. 2015 तक उन्हें जिला लेवल की जिम्मेदारियां ही दी गईं.
बहुजन समाज पार्टी में उन्होंने बड़ी छलांग तब लगाई, जब 2018 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का जिम्मा मिला. जून 2019 में उन्हें बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद के साथ नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया. बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान के चीफ कोऑर्डिनेर की जिम्मेदारियां दी गईं. इस दौरान मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावों में कुछ सीटों पर जीत में उनकी भी भूमिका रही. फिलहाल वह बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनावों की जिम्मेदारी बतौर चीफ कोऑर्डिनेटर संभाल रहे हैं.
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रामजी गौतम नौकरी छोड़कर 1998 में राजनीति में आ गए थे.

2019 में लगा था सीट बेचने का इल्जाम
रामजी गौतम के राजनैतिक करियर में 2019 जहां बड़ी जिम्मेदारी लेकर आया, वहीं बड़े इल्जाम का सामना भी करना पड़ा. उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव में चीफ कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई थी. उसी दौरान बीएसपी के कुछ नेताओं ने उन पर पैसे लेकर टिकट देने के इल्जाम लगाए. उनके साथ हाथापाई भी की गई थी. हालांकि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया और रामजी गौतम पर पूरा भरोसा जताया.
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2019 में राजस्थान के विधानसभा चुनाव के वक्त रामजी गौतम पर पैसे लेकर सीट बेचने का आरोप लगा था.

साधारण स्वभाव और ईमानदारी का मिला इनाम
मायावती ने जब राज्यसभा के लिए रामजी गौतम के नाम का ऐलान किया, तो लोगों को काफी आश्चर्य हुआ. मायावती ने इसे ईमानदारी और मेहनत का इनाम बताया. पार्टी से जुड़े नेताओं का दावा है कि फिलहाल रामजी गौतम बहुजन समाज पार्टी में मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद के सबसे करीबी लोगों में से एक माने जाते हैं. लोगों को लगता है कि आकाश जब भी पार्टी की जिम्मेदारी संभालेंगे, रामजी गौतम को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.

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