Dune ऑस्कर की रेस में DNEG के VFX वाली इकलौती फिल्म नहीं थी. इस कैटेगरी में 'फ्रीगाय', 'शांग ची', 'स्पाइडरमैन- नो वे होम' और 'नो टाइम टु डाय' जैसी फिल्में भी नॉमिनेटेड थीं. इनमें से बॉन्ड मूवी 'नो टाइम टु डाय' का विज़ुअल इफेक्ट्स भी नमित मल्होत्रा की कंपनी DNEG ने ही किया था. Dune के ऑस्कर जीतने के बाद इंडिया टुडे ने नमित मल्होत्रा से बातचीत की. इस इंटरव्यू में नमित ने बताया कि DNEG के भविष्य को लेकर वो क्या सोच रहे हैं. वो कहते हैं-
''ड्यून हमारे लिए बेहद खास फिल्म है. मैं कहता आ रहा हूं कि इस फिल्म में हमने जो काम किया है, वो VFX स्पेस को दो काल खंडों में तोड़ेगा. ड्यून के पहले और ड्यून के बाद. इस फिल्म के लिए हमारी टीम ने जिस तरह का कमाल काम किया है, वो देखकर मुझे गर्व होता है. ड्यून में हमें सिर्फ बड़े VFX मोमेंट्स नहीं क्रिएट करने थे. बल्कि हमें उस कहानी के साथ न्याय करना था. हमें उस कहानी को विज़ुअल माध्यम से दिखाना था.''

फिल्म ड्यून को बेस्ट VFX का ऑस्कर मिला. इस फिल्म के लिए DNEG नाम की कंपनी ने VFX का काम किया था.
इस साल ऑस्कर में DNEG के VFX से लैस दो फिल्में एक-दूसरे के साथ मुकाबले में थीं. 'ड्यून' और 'नो टाइम टु डाय'. ऐसे में नमित की फेवरेट फिल्म कौन सी थी, जिसे वो ऑस्कर जीतते हुए देखना चाहते थे? इस सवाल के जवाब में नमित मल्होत्रा बताते हैं-
''ये बड़ा दिलचस्प सवाल है. जेम्स बॉन्ड मेरा ऑल टाइम फेवरटे कैरेक्टर है. क्योंकि मैं उसे देखते हुए बड़ा हुआ हूं. उससे भी इंट्रेस्टिंग बात ये है कि जेम्स बॉन्ड के 40-50 साल के इतिहास में पहली बार हम उसे विज़ुअल इफेक्ट्स के लिए ऑस्कर में लेकर आए हैं. जबकि हमें पता था कि इस फिल्म के लिए VFX वर्क का अप्रोच ड्यून से बिल्कुल अलग होना था.
जब हम जेम्स बॉन्ड को देखते हैं, तो हमें ऐसा लगना चाहिए कि जो कुछ भी हो रहा है, वो असल में जेम्स बॉन्ड खुद कर रहा है. वो एक कैरेक्टर है. वो जो कुछ भी करता है, वो रियल लाइफ और रियलिटी के काफी करीब रहता है. ऐसे में इस किरदार के लिए VFX करना बड़ा चैलेंजिंग और जटिल हो जाता है. मुझे लगता है कि उस फिल्म में अकैडमी ने देखा कि जो कुछ भी हो रहा है, वो बिल्कुल स्मूद तरीके से हो रहा है. लोगों ने जेम्स बॉन्ड फिल्म में जिस तरह का काम देखा, उसके बाद उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ कि वो चीज़ें प्रैक्टिकल में नहीं हुई हैं. विज़ुअल इफेक्ट के लिहाज़ से वो बड़ी बात है. बॉन्ड के लिए निजी प्रेम और ड्यून में वो प्रोफेशनल प्रगति जो भविष्य में फिल्ममेकिंग को बदलकर रख देगी, इन दोनों के बीच टकराव तो रहेगा.''

DNEG नाम की विज़ुअल इफेक्ट कंपनी के सीईओ और चेयरमैन नमित मल्होत्रा. Dune उनकी VFX कंपनी से निकली सातवीं ऑस्कर विनिंग फिल्म है.
आजकल इंडिया में भी ऐसी फिल्में बड़ी संख्या में बनने लगी हैं, जिनमें मजबूत VFX की दरकार रहती है. ऐसे में नमित मल्होत्रा इंडिया में VFX के भविष्य पर क्या सोचते हैं? इसके वाब में नमित ने कहा-
''अगर आप बैटमैन, स्पाइडरमैन या आयरनमैन की कहानी दिखाने जा रहे हैं, तो आपको लोगों के लिए कुछ हटके क्रिएट करना होगा. यहीं पर हम जैसी कंपनियों के लिए चैलेंज या यूं कहें कि मौका होता कि हम कुछ यूनीक और अलग करने की कोशिश कर, उसे एक्साइटिंग बना सकें. जहां तक इंडिया का सवाल है, तो वहां भी यही बात लागू होती है. आज के समय में अगर हम कोई ऐसी इंडियन फिल्म बनाने जा रहे हैं, जो वेस्टर्न सिनेमा के सामने खड़ी हो सके, तो हमें वो चैलेंज स्वीकार करना होगा. और मुझे यकीन है कि हम उसे कंफर्टेबल तरीके से अंजाम तक पहुंचा सकते हैं.ऑस्कर 2022 में 'ड्यून' से पहले DNEG के विज़ुअल इफेक्ट वाली 6 फिल्में ऑस्कर जीत चुकी हैं. इसमें 'इंसेप्शन', 'इंटरस्टेलर', 'एक्स माकीना', 'ब्लेड रनर 2049', 'फर्स्ट मैन' और 'टेनेट' जैसी फिल्में शामिल हैं.
मुझे ऐसा लगता है कि जिस तरह से हमारा बिज़नेस बढ़ और विकसित हो रहा है, हमारे पास एक बहुत बड़ा मौका है. तिस पर इंडिया के पास खुद के किरदारों, कहानियों और इतिहास का जो खजाना है, वो हमें किसी भी तरह की पाबंदी से मुक्त करता है. हम कुछ भी क्रिएट कर सकते हैं. मगर हमें ऐसा करते हुए ध्यान रखना होगा कि इससे जनता थक न जाए. हालांकि ऐसा होने में काफी समय लगेगा क्योंकि अभी हमने शुरुआती परतों को खुरचना भी शुरू नहीं किया है.''
'ड्यून' और 'नो टाइम टु डाय' दोनों ही फिल्मों को बेस्ट विज़ुअल इफेक्ट कैटेगरी में ऑस्कर नॉमिनेशन मिली थी. दोनों ही फिल्मों का VFX नमित मल्होत्रा की कंपनी DNEG ने किया था.