एक फुटवियर ब्रांड है जिसका मार्केट में खूब रौला है. हर कोई, मतलब आम जनता से लेकर सेलिब्रिटी तक इनको पहने नजर आता है. कंफरटेबल या कहें अल्ट्रा कंफरटेबल शब्द इस प्रोडक्ट के साथ गोंद की तरह चिपका हुआ है. क्वालिटी इतनी शानदार कि एक बार खरीद लो तो सालों की टेंशन खत्म. अपने से खराब होने या फटने के चांस नहीं के बराबर हैं. पढ़कर आपको लगेगा कि लगता है जैसे इस ब्रांड के साथ सब कुछ चंगा सी. एकदम सही, मगर एक जगह गंदा वाला पंगा सी.
Crocs फुटवियर का 'भद्दापन' ब्रांड कैसे बना गया? सेलेब्रिटी हर जगह पहने दिखते हैं
हम बात कर रहे हैं फुटवियर ब्रांड crocs की. ब्रांड के साथ Ugly शब्द ऐसा जुड़ा हुआ है कि गूगल पर सर्च करने पर भी Ugly Crocs स्क्रीन पर चलने लगता है. मगर कंपनी इसको लेकर रत्ती भर भी चिंतित नहीं. उलटा उसने इसको अपनी ताकत बना रखा है. कैसे, चलिए 'पहनकर' देखते हैं.

हम बात कर रहे हैं फुटवियर ब्रांड Crocs की. ब्रांड के साथ Ugly शब्द ऐसा जुड़ा हुआ है कि गूगल पर सर्च करने पर भी 'Ugly Crocs' स्क्रीन पर चलने लगता है. मगर कंपनी इसको लेकर रत्ती भर भी चिंतित नहीं. उलटा उसने इसको अपनी ताकत बना रखा है. कैसे, चलिए 'पहन' कर देखते हैं.
भद्दा होना ही वरदान बनासाल 2002 में Scott Seamans और George Boedecker नाम के दो दोस्तों ने कनाडा की एक कंपनी के लिए Crocs बनाए. मगर कंपनी ने नहीं खरीदे तो सिर्फ समझने के लिए उन्होंने अपने एक और दोस्त Lyndon Hanson को इनको पहनने के लिए दिया. Lyndon ने पहली ही नजर में इन Crocs को बेहद भद्दा (exceptionally Ugly) बता दिया. लेकिन साथ में ये भी कहा कि प्रोडक्ट पहनने में बड़ा कंफरटेबल है. स्लिप नहीं होता और पानी में भी तैरता रहता है. इनको पहनने से बदबू नहीं आती और बोटिंग के लिए तो कमाल का प्रोडक्ट है. Lyndon ने Crocs पहने और साथ ही उसके पीछे की तरफ स्ट्रिप लगाने की सलाह भी दी.

Scott Seamans थोड़े निराश जरूर हुए, फिर भी उन्होंने अपने दोस्त की बात मानी. स्ट्रिप लगाई और फिर उसी साल एक बोट शो में 200 जोड़े लेकर पहुंच गए. Scott की उम्मीद से इतर उनके सारे पीस बिक गए. सिर्फ बोट मालिकों ने नहीं बल्कि अस्पताल और होटल के लोगों ने भी Crocs खरीद लिए. हालांकि यहां भी 'भद्दा' वाला ठप्पा लगा रहा.
लेकिन-वेकिन से इतर दोनों दोस्तों को समझ आ गया कि यही भद्दापन उनकी असल ताकत है. तब का दिन और आज का दिन, 30 करोड़ से ज्यादा जोड़ी Crocs जमीन पर चल रहे. कंपनी ने भद्देपन पर नजर ही नहीं डाली बल्कि कंफर्ट पर और मार्केटिंग के लिए अपनाई Orry वाली स्ट्रेटजी. क्या हुआ जोर का झटका जोर से लगा, कोई बात नहीं हम बताते.
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अब Orry भाई क्या हैं और आज की तारीख में कहां हैं ये बताने की जरूरत नहीं. आज वो जो भी हैं उसमें उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी का भी बड़ा योगदान है. जिधर देखो उधर Orry भाई नजर आ जाते हैं. क्या पेज थ्री की पार्टीज और क्या करण जौहर का शो. हर कोई उनके बारे में अच्छी बातें ही करता है. हर जगह वो नजर आते हैं और कहते हैं ना- जो दिखता है वो बिकता है.
Crocs ने भी यही रणनीति अपनाई. हर जगह नजर आने की. दुनिया के बड़े से बड़े सेलिब्रिटी इनको पहने नजर आते हैं. कंपनी ने बच्चों के लिए भी फुटवियर बनाए और कोका-कोला से लेकर KFC से हाथ मिलाया. Priyanka Chopra Jonas से लेकर Yang Mi जैसे सितारों को ब्रांड एंबेस्डर बनाया.

कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रेटजी और बेहतरीन कंफर्ट ने इनके भद्दे होने का अहसास ही नहीं होने दिया. अंग्रेजी में कहते हैं ना- Love them or hate them but you can't ignore them.
सब बता दिया तो ये भी बता देते हैं कि आज हमने इनको क्यों ‘पहना’. दरअसल पिछले दिनों Anant Ambani-Radhika Merchant's Pre-Wedding में कई सेलेब्रिटी Crocs पहने नजर आए थे. हमें लगा चलो इसी बहाने थोड़ा चल लेते हैं.
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