
पत्रकार पुष्यमित्र की नई किताब आई है, 'रुकतापुर'. इस किताब की खूब चर्चा हो रही है. किताब बिहार को लेकर है. इस किताब को आप किसी पत्रकार की डायरी भी कह सकते हैं जहां किस्सों के रूप में छोटे-बड़े रिपोर्ट्स हैं. कोसी की बाढ़ है. चमकी बुखार है. पटना का जलभराव है. बेरोजगारी है. पलायन है. हाल के सालों में बिहार में घटी हर बड़ी घटना को पुष्यमित्र ने कवर किया है. 2018 में इनकी किताब 'जब नील का दाग मिटा चंपारण- 1917' आई थी जिसकी खूब तारीफ़ हुई थी. अभी 'रुकतापुर' के कुछ अंश पढ़िए.