भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 27 नवंबर को यूट्यूब, नेटफ्लिक्स और अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म पर "अश्लील" और वयस्क कंटेंट को लेकर गंभीर चिंता जताई है. कॉमेडियन समय रैना और रणवीर अलाहाबादिया से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने नाबालिगों को वयस्क कंटेंट तक पहुंचने से रोकने के लिए आधार-आधारित आयु सत्यापन को एक संभावित पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तलाशने का सुझाव दिया है. कोर्ट ने इस विषय पर गंभीर चिंता जताते हुए कई टिप्पणी कीं हैं. जानने के लिए देखिए वीडियो.
सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना केस की सुनवाई के दौरान अडल्ट कंटेंट पर टिप्पणी की, आधार कार्ड पर क्या कहा?
कॉमेडियन समय रैना और रणवीर अलाहाबादिया से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने नाबालिगों को अडल्ट कंटेंट तक पहुंचने से रोकने के लिए आधार का इस्तेमाल करने को कहा है.
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