19 सितंबर को, ट्रंप ने एक बड़ी घोषणा की कि H1B वीज़ा शुल्क 21 सितंबर से प्रभावी होकर 1,500 डॉलर से बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर कर दिया गया है. इस अचानक बढ़ोतरी ने पूरे भारत में चिंताएं पैदा कर दी हैं, और कुछ सवाल उठ रहे हैं: क्या इससे अमेरिका में काम करने के इच्छुक भारतीय छात्रों और पेशेवरों के सपने टूट जाएंगे? इसका भारत की आईटी कंपनियों और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा? या क्या यह प्रतिभा पलायन को रोकने का एक अवसर हो सकता है? H1B वीज़ा कार्यक्रम में भारत का दबदबा कैसे है, जहां 71% वीज़ा भारतीय पेशेवरों को मिलते हैं. देखें कि इस बढ़ोतरी ने भारतीय आईटी शेयरों को कैसे प्रभावित किया है और नैसकॉम और श्रीधर वेम्बू और गुरुप्रसाद श्रीनिवासन जैसे सीईओ भविष्य के बारे में क्या कहते हैं. H1B वीज़ा क्या है और भारत के प्रतिभाशाली कर्मचारियों के लिए इसका क्या अर्थ है। क्या यह भारतीय तकनीक के लिए एक झटका है या एक नई शुरुआत? जानने के लिए देखें वीडियो.
आखिर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने H1B US visa वाला फैसला क्यों लिया? शेयर मार्केट पर क्या असर होगा?
H1B वीज़ा शुल्क 21 सितंबर से प्रभावी होकर 1,500 डॉलर से बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर कर दिया गया है.
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