दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने शुक्रवार को 'संविधान होने' और 'संवैधानिकता का पालन करने' के बीच एक लकीर खींची. उन्होंने जोर देकर कहा कि तानाशाही शासन के पास भी संविधान होता है, लेकिन संवैधानिकता नहीं होती. उन्होंने दिल्ली में 29वें जस्टिस सुनंदा भंडारे मेमोरियल लेक्चर मे यह टिप्पणी की. उन्होंने इसका सबसे अच्छा उदाहरण प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में एडॉल्फ हिटलर के उदय को दिया. चीफ जस्टिस ने हिटलर और संविधान के बारे में और क्या कहा? जानने के लिए पूरा वीडियो देखें.