The Lallantop

इलेक्टोरल बॉन्ड बंद होने का कोई असर नहीं, BJP की तिजोरी में 50% का इजाफा

बीजेपी को 2024-25 में 6 हजार 88 करोड़ रुपये मिले. ये 2023-24 के 3 हजार 967 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 53 प्रतिशत अधिक है.

Advertisement
post-main-image
2024-25 में भाजपा को मिलने वाला चंदा 2019-20 के बाद से पिछले छह सालों में सबसे अधिक है. (फोटो- PTI)

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2024 में स्कीम को असंवैधानिक करार दिया था. स्कीम खत्म होने के बाद उम्मीद थी कि राजनीतिक फंडिंग पर असर पड़ेगा, लेकिन BJP पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. स्कीम बंद होने के बाद 2024-25 में BJP को 6,088 करोड़ रुपये का चंदा मिला. ये 2023-24 के 3,967 करोड़ रुपये से 53% ज्यादा था.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

बीजेपी की 2024-25 की कॉन्ट्रिब्यूशन रिपोर्ट के अनुसार पार्टी को 6 हजार 88 करोड़ रुपये मिले. ये 2023-24 के 3 हजार 967 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 53 प्रतिशत अधिक है. इंडियन एक्सप्रेस की जानकारी के अनुसार ये रिपोर्ट बीजेपी ने 8 दिसंबर को इलेक्शन कमीशन को जमा की थी. 2024-25 में कांग्रेस को 522.13 करोड़ रुपये फंडिंग मिली थी. ये भाजपा की तुलना में लगभग 12 गुना कम है. कांग्रेस सहित एक दर्जन विपक्षी दलों को कुल 1,343 करोड़ रुपये फंडिंग नहीं मिली. माने, बीजेपी को इन सभी पार्टियों से 4.5 गुना ज्यादा पैसा मिला.

किस कंपनी ने सबसे ज्यादा पैसा दिया?

2024-25 में चुनावी ट्रस्टों ने भाजपा को 3,744 करोड़ रुपये डोनेट किए. ये पार्टी को मिले कुल फंड का 61 प्रतिशत है. वहीं, बकाया 2,344 करोड़ रुपये बाकी रूट्स से आए, जिनमें इंडिविजुअल और कॉर्पोरेट शामिल हैं.

Advertisement

ट्रस्टों के अलावा, 2024-25 में भाजपा के टॉप 30 डोनर्स में कई कंपनियां भी शामिल हैं. इनमें सबसे बड़ी डोनर कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है. कंपनी ने भाजपा को 100 करोड़ रुपये का दिए. इसके बाद रूंगटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम है. जिसने 95 करोड़ रुपये दिए. वेदांता लिमिटेड ने 67 करोड़, मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड ने 65 करोड़, डेराइव इन्वेस्टमेंट्स ने 53 करोड़, मॉडर्न रोड मेकर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 52 करोड़ और लोटस होमटेक्सटाइल्स लिमिटेड ने 51 करोड़ रुपये पार्टी को डोनेट किए.

6 साल में सबसे ज्यादा पैसा मिला

इतना ही नहीं, 2024-25 में भाजपा को मिलने वाला चंदा 2019-20 के बाद से पिछले छह सालों में सबसे अधिक है. रिपोर्ट में 20 हजार रुपये से अधिक के सभी व्यक्तिगत डोनेशन भी शामिल हैं. कॉर्पोरेट कंपनियां चेक, डिमांड ड्राफ्ट या बैंक ट्रांसफर के माध्यम से पार्टियों को दान दे सकती हैं. पार्टियों को चुनाव आयोग को इन सभी डोनेशन की जानकारी देनी होती है.

बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम साल 2017-18 में लाई गई थी. पिछले साल तक पार्टियों की फंडिंग के लिए यही एकमात्र चैनल था. इस स्कीम के तहत, राजनीतिक दलों को 16,000 करोड़ रुपये से अधिक का डोनेशन मिला. जिनमें से अधिकांश भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिले. स्कीम को असंवैधानिक करार देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2024 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और चुनाव आयोग को सभी डोनर्स और लाभार्थियों पार्टियों के नाम पब्लिश करने का आदेश दिया था.

Advertisement
चार ट्रस्टों ने कोई जानकारी नहीं दी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिसंबर, 2025 तक रजिस्टर्ड 19 इलेक्टोरल ट्रस्टों में से 13 की चंदा रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास उपलब्ध थी. नौ ट्रस्टों ने पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये का चंदा देने की जानकारी दी है. बीते साल यानी 2023-2024 को देखें, तो ट्रस्टों द्वारा दिए गए कुल 1,218 करोड़ रुपये के चंदे में 200% से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है. यानी इस बार तीन गुना ज्यादा चंदा मिला. इनमें चार ट्रस्टों जनहित, परिवर्तन, जयहिंद और जयभारत ने 2024-2025 में कोई चंदा नहीं देने की जानकारी दी है.

अब कैसे चल रही है चंदे की व्यवस्था?

फिलहाल ये व्यवस्था है कि अभी कॉर्पोरेट कंपनियां पार्टियों को चेक, डीडी, UPI और बैंक ट्रांसफर के जरिए डोनेट कर सकती हैं. साथ ही पार्टियों को अपने डोनेशन की जानकारी इलेक्शन कमीशन को अपनी कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट और सालाना ऑडिट रिपोर्ट में देनी होती है. इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कंपनियां और व्यक्ति एक ट्रस्ट को डोनेट कर सकते हैं, जो आगे पार्टियों को डोनेट करता है. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस, टीएमसी, AAP, टीडीपी और दूसरी पार्टियों को डोनेट किया है. हालांकि, 2024-2025 में उसके कुल 2,668 करोड़ रुपये के डोनेशन का बड़ा हिस्सा या लगभग 82 परसेंट बीजेपी को गया.

वहीं, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कई कंपनियों से मिले कंट्रीब्यूशन से 917 करोड़ रुपये जुटाए. इसमें से उसने 914.97 करोड़ रुपये डोनेट किए. पूरे डोनेशन का 80.82 परसेंट बीजेपी को गया. प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट में मुख्य कंट्रीब्यूटर टाटा ग्रुप की कंपनियां थीं, जिनमें टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा स्टील्स लिमिटेड, टाटा मोटर्स लिमिटेड, टाटा पावर कंपनी लिमिटेड शामिल हैं.
 

वीडियो: वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman पर Electoral Bond मामले में FIR

Advertisement