यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट यानी USAID की 21 मिलियन डॉलर (करीब 182 करोड़ रुपये) की फंडिंग का संबंध भारत से है या नहीं, ये अभी तक पूरी तरह साफ नहीं है. पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ने USAID फंडिंग से जुड़ा एक बयान दिया और भारत में बवाल हो गया. ट्रंप ने कहा था, "मुझे लगता है कि वे (USAID) किसी और को चुनाव जिताने की कोशिश कर रहे थे. हमें भारत सरकार को बताना होगा."
कौन हैं वीना रेड्डी जिनका नाम USAID फंडिंग से जुड़े विवाद में लिया गया?
वीना रेड्डी USAID की पूर्व मिशन डायरेक्टर हैं. डॉनल्ड ट्रंप के बयान के बाद बीजेपी ने वीना रेड्डी की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं. रेड्डी ने 5 अगस्त, 2021 को USAID इंडिया मिशन जॉइन किया था.

बयान सामने आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी में शब्द बाण चलने लगे. बीजेपी ने सवाल किया कि क्या इस फंडिंग के जरिये भारत के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की गई. वहीं कांग्रेस ने ट्रंप के बयान को ही खारिज कर दिया. इस बीच इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट सामने आई. इसमें बताया गया कि 182 करोड़ रुपये की ये फंडिंग असल में बांग्लादेश के लिए थी, ना कि भारत के लिए.
उधर ट्रंप के बयान को लेकर अमेरिकी प्रशासन की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है. यानी मामले को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. इसी दौरान नाम उछला है वीना रेड्डी का. USAID की पूर्व डायरेक्टर. ट्रंप के बयान के बाद बीजेपी ने वीना रेड्डी की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं. इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रेड्डी ने 5 अगस्त, 2021 को USAID इंडिया मिशन जॉइन किया था. 17 जुलाई, 2024 को वो अमेरिका लौट गईं. यानी लोकसभा चुनाव के नतीजों के एक महीने बाद उन्होंने भारत छोड़ा था.
वीना रेड्डी एक अमेरिकी विदेश अधिकारी हैं. उनका जन्म भारत के आंध्र प्रदेश में हुआ था. वीना रेड्डी ने शिकागो यूनिवर्सिटी से M.A. और B.A. किया है. इसके बाद उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर (J.D) प्रोग्राम किया, जिसे अमेरिका में कानून की डिग्री माना जाता है.
यूएस फॉरेन सर्विस ऑफिसर के तौर पर काम करने से पहले वीना रेड्डी ने न्यूयॉर्क, लंदन और लॉस एंजिल्स में कॉर्पोरेट अटॉर्नी (वकील) के तौर पर काम किया है. वो न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया बार की मेंबर भी हैं.
वो 2021 से लेकर 2024 तक USAID में भारत और भूटान के लिए मिशन डायरेक्टर रहीं. उन्हीं के कार्यकाल में 21 मिलियन डॉलर वाली फंडिंग रिलीज की गई थी. फिलहाल वीना USAID कंबोडिया में मिशन डायरेक्टर की भूमिका निभा रही हैं. USAID की वेबसाइट के मुताबिक, रेड्डी इंडिया, पाकिस्तान, सेंट्रल एशिया और सेट्रल अमेरिका में USAID मिशन के तहत काम कर चुकी हैं. उनके कार्यकाल के दौरान USAID से इंडियन प्रोजेक्ट्स को मिलने वाली फंडिंग में बड़ा इजाफा हुआ.
अमेरिकी दूतावास के अनुसार, वीना रेड्डी भारत और भूटान में USAID को लीड करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं. भारत में आने से पहले रेड्डी ने कंबोडिया में USAID के मिशन को लीड किया था. उन्होंने हैती में डिप्टी मिशन हेड के तौर पर भी काम किया और एजेंसी के साथ असिस्टेंट जनरल काउंसल के रूप में जुड़ी रहीं. यहां उन्होंने एशिया, मिडिल ईस्ट, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में USAID के प्रोग्राम के लिए कानूनी मामलों को कवर किया. वीना रेड्डी नई दिल्ली में अमेरिकी एंबेसी से भूटान के लिए भी USAID मिशन चला रही थीं.
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, मिशन डायरेक्टर के तौर पर लगभग 3 सालों के कार्यकाल में वीना ने हेल्थ, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, एजुकेशन और सोशल सर्विस, डेमोक्रेसी, ह्यूमन राइट्स और गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में विभिन्न प्रोजेक्ट्स की देखरेख की.
मिशन डायरेक्टर में रहते हुए वीना रेड्डी ने कई भारतीय मंत्रालयों, संस्थाओं और योजनाओं के लिए फंडिंग दिलाने में अहम भूमिका निभाई. इनमें भारतीय रेलवे से लेकर भारत सरकार के कई मंत्रालय शामिल हैं.
अब वीना रेड्डी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने USAID फंडिंग की जांच करने की मांग की है. हालांकि, अमेरिकी सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर विस्तार से नहीं बताया है.
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