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टैरिफ वॉर: ब्राजील ने सोयाबीन से अमेरिका में हाहाकार मचाया, किसान ट्रंप से बोले- 'ये सह नहीं पाएंगे'

ब्राज़ील ने अमेरिका की जगह चीन का प्रमुख सोयाबीन सप्लायर बनकर अमेरिकी किसानों को बड़ा झटका दिया है. दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी किसानों ने ट्रंप को चेतावनी देते हुए पत्र लिखा है कि वे अपने सबसे बड़े ग्राहक के साथ लंबे समय तक चलने वाले इस विवाद को झेल नहीं सकते.

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बाएं से दाहिने. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. (Reuters)

डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने भारत समेत कई देशों के खिलाफ मनमाने तरीके से ट्रेड वॉर शुरू कर दिया. इस पर ब्रिक्स देशों ने अब वॉशिंगटन पर सीधा दबाव बनाना शुरू कर दिया है. रूस और चीन पहले ही भारतीय वस्तुओं के लिए अपने बाज़ार खोलने की बात कह चुके हैं. अब ब्राज़ील ने भी अमेरिका की जगह चीन का प्रमुख सोयाबीन सप्लायर बनकर अमेरिकी किसानों को बड़ा झटका दिया है. ब्रिक्स देश ब्राज़ील पर भी ट्रंप ने भारत की तरह 50% तक के टैरिफ लगाया है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन आयातक चीन अब अमेरिकी सोयाबीन से दूरी बना रहा है. सितंबर और अक्टूबर के लिए उसने अमेरिका से एक भी टन अग्रिम खरीद नहीं की है. चीन ने जुलाई में अमेरिका से 4.20 लाख टन सोयाबीन खरीदा, जो पिछले साल की तुलना में करीब 11.5% कम है. फिलहाल चीन अमेरिकी उत्पादों पर 20% टैरिफ भी वसूल रहा है.

इसके विपरीत, चीन ने पिछले महीने अपनी सोयाबीन खरीद को लगभग 19% बढ़ाया. इसमें से 90% ब्राज़ील से आया, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी सिर्फ 4% रही. नतीजतन, अमेरिकी किसानों को अरबों डॉलर के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि चीन अमेरिका के सोयाबीन निर्यात का आधे से अधिक हिस्सा खरीदता रहा है.

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी किसानों ने ट्रंप को चेतावनी देते हुए पत्र लिखा है कि वे अपने सबसे बड़े ग्राहक के साथ लंबे समय तक चलने वाले इस विवाद को झेल नहीं सकते.

चीन का यह रुख उस समय सामने आया है जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के साथ बातचीत में कहा कि चीन ब्राज़ील के अधिकारों और हितों की 'रक्षा के समर्थन में है'. जिनपिंग का यह बयान ट्रंप पर परोक्ष टिप्पणी माना जा रहा है.

भारत से चीन जाने वाला निर्यात पिछले दो वर्षों की गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़कर 4.4 अरब डॉलर हो गया. चीन के साथ व्यापार में यह नई तेज़ी ऐसे समय में आई है जब डॉनल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने का प्रस्ताव रखा है. नई टैरिफ़ व्यवस्था 27 अगस्त से लागू होने वाली है.

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वीडियो: क्या पुतिन पर दबाव बनाने के लिए ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया? व्हाइट हाउस ने क्या कहा है?

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