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बांग्लादेश में दो वीजा सेंटर बंद करने पर भारत को मिली खूनखराबे की धमकी

बांग्लादेश के ‘राजशाही’ में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन के पास तनाव चरम पर पहुंच गया है. प्रदर्शनकारी कमीशन के ऑफिस की तरफ मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ उनकी हल्की झड़प भी हुई.

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बांग्लादेश में IVAC के पांच केंद्र हैं. (फोटो- PTI)

भारत ने बांग्लादेश के ‘राजशाही’ और 'खुलना' में अपने इंडियन वीजा एप्लीकेशन सेंटर्स (IVAC) को ना खोलने का फैसला किया है. भारत विरोधी माहौल के बीच सुरक्षा चिंताओं के कारण ये फैसला लिया गया है. IVAC की वेबसाइट पर जारी नोटिस में कहा गया कि मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए ये सेंटर्स बंद रहेंगे. हालांकि, ढाका का मुख्य वीजा सेंटर, जो एक दिन पहले बंद था, गुरुवार, 18 दिसंबर को फिर से खोल दिया गया.

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‘राजशाही’ में अधिकारियों ने स्थिति बिगड़ने से रोकने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इस फैसले के खिलाफ "खूनखराबा" करने की धमकी दी और कहा कि जरूरत पड़ी तो तलवार या हथियार उठाएंगे.

‘राजशाही’ में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन के पास तनाव चरम पर पहुंच गया है. प्रदर्शनकारी कमीशन के ऑफिस की तरफ मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ उनकी हल्की झड़प भी हुई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की है और आगे बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए हैं.

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बांग्लादेश में IVAC के पांच केंद्र हैं. ढाका, खुलना और राजशाही के अलावा अन्य दो केंद्र उत्तर-पूर्वी शहर चटगांव और उत्तर-पूर्वी सिलहट में स्थित हैं. ढाका के जमुना फ्यूचर पार्क स्थित IVAC राजधानी में सभी भारतीय वीजा सेवाओं का मुख्य केंद्र है. ढाका केंद्र ने बुधवार, 17 दिसंबर को बढ़ते तनाव के बीच ऑफिस अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया था.

इससे पहले बुधवार, 17 दिसंबर को विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारत में बांग्लादेशी राजदूत रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया. मंत्रालय ने असुरक्षा का माहौल पैदा करने की योजना बना रहे कुछ चरमपंथी तत्वों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की. इस बीच, ढाका पुलिस ने बुधवार को एक प्रदर्शनकारियों के समूह को रोक दिया. ये लोग ढाका के गुलशन इलाके में भारतीय उच्चायोग की ओर मार्च कर रहे थे. प्रदर्शनकारी बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश भेजे जाने की मांग कर रहे थे. हसीना पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के बाद से भारत में रह रही हैं.

वीडियो: शेख हसीना के मौत की सज़ा पर UN क्यों विरोध कर रहा, भारत का पक्ष क्या है?

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