Uttarkashi के बाढ़ पीड़ितों ने मुआवजे की राशि को लेने से मना कर दिया है. उन्हें उत्तराखंड सरकार की तरफ से 5 हजार रुपये के चेक थमाए जा रहे हैं. लेकिन नाराज बाढ़ पीड़ितों ने ये चेक लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जो राशि दी जा रही है, वह नाकाफी है. उधर, प्रशासन ने भी इस पर संज्ञान लिया है और इसे लेकर जवाब दिया है.
उत्तरकाशी में मुख्यमंत्री कह गए 5 लाख का तुरंत मुआवजा, चेक आए तो उनपर लिखा था 5 हजार
Uttarkashi Flood Victim: Uttarkhand के CM Pushkar Singh Dhami ने 9 अगस्त को बाढ़ पीड़ितों को 5 लाख रुपये तुरंत मुआवजा देने का एलान किया था. लेकिन 5 लाख के बजाय लोगों को 5 हजार रुपये के चेक बांटे गए हैं. इसे लेकर जब विरोध हुआ तो अधिकारियों ने सफाई दी है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी में अचानक आई बाढ़ के कहर के बाद अब अधिकारियों ने 5 हजार रुपये के चेक “तत्काल राहत” बताकर धराली और हर्षिल के प्रभावित परिवारों को देने शुरू किए हैं. लेकिन बाढ़ पीड़ितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार पर उनके नुकसान को कम करके आंकने का आरोप लगाया है. लोगों ने इसका विरोध करते हुए चेक लेने से इनकार कर दिया है.
एक दिन पहले शनिवार 9 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ पीड़ितों को 5 लाख रुपये तुरंत मुआवजा देने का एलान किया था. ये राशि उनको दी जानी है जिनके घर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे या जिन परिवारों ने आपदा में अपनों को खो दिया था. लेकिन 5 लाख रुपये के चेक के बजाय लोगों को 5 हजार रुपये के चेक बांटे गए.
इसे लेकर उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने कहा,
“यह राशि सिर्फ एक फौरी उपाय है. पूरे नुकसान का आकलन करने और एक डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार करने के बाद पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.”
प्रशासन आगे के मुआवजे की प्रक्रिया के लिए घरों, खेतों और अन्य संपत्तियों को हुए नुकसान का भी सर्वे कर रहा है. दूसरी तरफ रेवेन्यू सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी पुनर्वास और आजीविका योजना की तैयारी में जुटी है. इसकी शुरुआती रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर आनी है.
इस बीच उत्तरकाशी में बचाव कार्य अब भी जारी हैं. हेलीकॉप्टरों ने फंसे हुए निवासियों को निकाला और दूर-दराज के इलाकों में खाने के पैकेट पहुंचाए. NDRF की टीमों ने, डॉग स्क्वॉड और थर्मल इमेजिंग की मदद से धराली बाजार में मलबा साफ किया. यहां हुए भूस्खलन ने होटल, होमस्टे और दुकानों को बुरी तरह से तहस-नहस कर दिया था.
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अधिकारियों के मुताबिक, इस त्रासदी में पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. 49 लोग लापता हैं. वहीं अब तक प्रभावित हिस्सों से 1,000 से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है.
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