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'उमर खालिद को 5 साल बाद अंतरिम जमानत, राम रहीम जैसों को परोल पर परोल'

उमर खालिद को दिल्ली की कोर्ट ने बहन की शादी में शामिल होने के लिए 13 दिन की अंतरिम जमानत दी है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस पर देश की न्याय व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.

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उमर खालिद और गुरमीत सिंह. (Aaj Tak)

उमर खालिद को अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने देश की न्याय व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. मुफ्ती ने कहा कि गुरमीत सिंह राम रहीम जैसे रेपिस्ट को बार-बार परोल दी गई लेकिन खालिद को जमानत मिलने में 5 साल लग गए. 

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खालिद की अंतरिम जमानत की खबर आने के बाद महबूबा ने कहा,

यह दुखद और हैरान करने वाली बात है कि उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 13 दिन की परोल पाने में पांच साल इंतज़ार करना पड़ा. जबकि गुरमीत सिंह जैसे रेप और मर्डर के दोषी बार-बार परोल पर बाहर आते-जाते रहते हैं. यह फर्क साफ नज़र आता है. यह असमानता हमारे न्याय सिस्टम में एक परेशान करने वाली गड़बड़ी और भेदभाव को दिखाती है.

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गौरतलब है कि 11 दिसंबर को उमर खालिद को दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है. खालिद पर दिल्ली दंगों की साज़िश रचने का आरोप है. उनको उनकी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक अंतरिम ज़मानत दी गई है.

उमर खालिद ने कड़कड़डूमा कोर्ट में यह याचिका दायर की थी कि उन्हें इस महीने के अंत में होने वाली अपनी बहन की शादी में शामिल होना है. खालिद ने 14 दिसंबर से 29 दिसंबर तक की अंतरिम राहत मांगी थी. उनकी तरफ से कहा गया था कि उनकी बहन की शादी 27 दिसंबर को है और शादी की तैयारियों और परिवार की रस्मों के लिए उनकी मौजूदगी ज़रूरी है. कोर्ट ने इस बात को स्वीकारते हुए जमानत मुहैया कर दी.

उमर खालिद के केस में लंबे समय से यह बहस चल रही है कि उन्हें पिछले पांच साल से जेल में रखा गया है और सुनवाई नहीं की जा रही है. 30 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में इसके लिए भी खालिद को जिम्मेदार ठहरा दिया था. इस मामले पर 31 अक्टूबर को खालिद के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था,

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55 तारीखों पर ट्रायल कोर्ट के जज छुट्टी पर थे. 26 तारीखों पर समय की कमी के कारण मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी. 59 तारीखों पर सरकारी वकील के मौजूद न होने के कारण मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी. 4 तारीखों पर वकीलों की हड़ताल के कारण कोई सुनवाई नहीं हुई.

उमर खालिद को सितंबर 2020 में UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली दंगों की साजिश में भूमिका निभाई. इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए थे.

बात गुरमीत सिंह राम रहीम की करें तो आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में दोषी करार दिए जाने के बाद से अब तक वह कुल 375 दिन के लिए बाहर आ चुका है. वह रेप और मर्डर केस में दोषी है.

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