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दिल्ली दंगे: उमर खालिद, शरजील इमाम को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

बेंच ने शरजील, उमर, गुलफिशा, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर और शादाब अहमद की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

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जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शलिंदर कौर की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की. (फोटो- X)

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़ी साजिश के मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम सहित नौ आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है (Umar Khalid refused bail). JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद सहित अन्य आरोपियों पर दंगों की साजिश रचने का आरोप है. ये दंगे फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए थे. हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे.

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जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शलिंदर कौर की बेंच ने 2 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की. बेंच ने शरजील इमाम और उमर खालिद के अलावा गुलफिशा, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर और शादाब अहमद की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

तीसरी बार जमानत के लिए दलीलें दीं

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में सैफी, गुलफिशा, मोहम्मद सलीम खान और शिफा उर रहमान ने दिल्ली हाई कोर्ट में दो अलग-अलग बेंच के सामने जमानत के लिए दो बार दलीलें पूरी की थीं. हालांकि, मामले की सुनवाई कर रहे जज अन्य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त होने के बाद मामले पर फैसला नहीं सुना पाए थे. ऐसे में इन चारों आरोपियों ने जस्टिस चावला और जस्टिस कौर के सामने तीसरी बार जमानत के लिए दलीलें दीं.

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वहीं, जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की एक बेंच ने तस्लीम अहमद की जमानत भी खारिज कर दी. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उनकी अपील खारिज की जाती है. इस पर विस्तृत आदेश आने का अभी इंतजार है. 

बता दें कि तस्लीम को अप्रैल 2020 में एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद जून 2020 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें 'बड़ी साजिश के मामले' में गिरफ्तार किया था.

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साल 2022 के मार्च महीने में कड़कड़डूमा सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा था कि तस्लीम के खिलाफ आरोप सही हैं. इसके बाद उन्होंने फिर से जमानत याचिका दायर की. इसे कड़कड़डूमा के एक सेशन कोर्ट ने फरवरी 2024 में दूसरी बार खारिज कर दिया था. मामले में तस्लीम ने मुख्य रूप से जमानत पर रिहा हुए अन्य सह-आरोपियों के साथ समानता के आधार पर जमानत मांगी थी.

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 से 25 फरवरी 2020 के बीच दंगे हुए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक 18 लोगों पर दंगे भड़काने की साजिश रचने के आरोप हैं. इन सभी पर IPC, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम (PDPP) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और UAPA के तहत मामले दर्ज किए गए थे.

मार्च 2020 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक शिकायत दर्ज की थी. इसकी जांच स्पेशल सेल द्वारा की जा रही है. 18 आरोपियों में से एक्टिविस्ट सफूरा जरगर को जून 2020 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं एक आरोपी फैजान को अक्टूबर 2020 में जमानत दी गई थी. नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को जून 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी. पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां को इस मामले में मार्च 2022 में जमानत मिली थी. 

वहीं आरोपी सलीम मलिक को अप्रैल 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी इस मामले में हिरासत में हैं.

वीडियो: कोर्ट ने क्यों कहा कि उमर ख़ालिद और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की साज़िश रची थी?

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