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एयरपोर्ट के अकाउंट देखता था, 'जीरो' की मदद से पब्लिक के 232 करोड़ रुपये खा गया!

जांच के दौरान CBI ने पाया कि आरोपी ने फर्जी संपत्तियां बनाकर और कुछ संपत्तियों के दाम बढ़ाकर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया था.

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CBI ने AAI से आरोपी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मामले में FIR दर्ज की थी. (फोटो- LinkedIn/Rahul Vijay)

CBI ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के एक सीनियर मैनेजर को 232 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है (CBI airport authority manager 232 crore). बताया गया है कि ये घोटाला देहरादून एयरपोर्ट पर 2019 से 2023 के बीच हुआ. जहां आरोपी मैनेजर फाइनेंस और अकाउंट्स सेक्शन में तैनात था.

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इंडिया टुडे से जुड़े मनीष चंंद्र पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक CBI की जांच में आरोपी मैनेजर का नाम राहुल विजय पता चला है. विजय ने कथित तौर पर आधिकारिक और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में हेरफेर कर फर्जी और डुप्लीकेट संपत्तियां बनाईं. साथ ही कुछ संपत्तियों के दाम को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, जैसे कि आंकड़ों में शून्य जोड़कर. आरोप है कि इस तरह उन्होंने 232 करोड़ रुपये अपने निजी बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिए. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक CBI ने AAI की तरफ से आरोपी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मामले में FIR दर्ज की थी. जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया,

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"हमने राहुल विजय नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो 2019 से 2023 तक AAI के देहरादून एयरपोर्ट पर फाइनेंस और अकाउंट्स सेक्शन का प्रमुख था. वर्तमान में, वो इसी विभाग में जयपुर एयरपोर्ट पर तैनात है. पिछले हफ्ते जयपुर स्थित उसके आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई. जिसमें अचल संपत्तियों और सिक्योरिटीज के डॉक्यूमेंट्स सहित कई और डॉक्यूमेंट बरामद हुए."

जांच के दौरान CBI ने पाया कि आरोपी ने नकली और फर्जी संपत्तियां बनाकर और कुछ संपत्तियों के दाम बढ़ाकर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया था. एजेंसी ने बताया कि आरोपी राहुल विजय ने जांच से बचने के लिए डेटा में ‘शून्य’ जोड़े थे. प्रवक्ता ने कहा,

"करीब 232 करोड़ रुपये की राशि कथित तौर पर आरोपी के निजी बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी. बैंक लेनदेन की शुरुआती जांच में ये भी पता चलता है कि इस प्रकार जमा की गई राशि को बाद में आरोपी ने अपने बिजनेस अकाउंट्स में ट्रांसफर किया था. जिससे जनता के पैसे की हेराफेरी हुई."

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शिकायत AAI के फाइनेंस डिपार्टमेंट के सीनियर मैनेजर चंद्रकांत पी ने कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया कि आरोपी ने देहरादून में तैनाती के दौरान आधिकारिक और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में हेरफेर की थी. चंद्रकांत ने दावा किया,

"जांच के बाद ये पाया गया कि ये राशि आरोपी द्वारा ट्रांसफर की गई थी. उसने लगभग 232 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि को अपने निजी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर लिया."

चंद्रकांत ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्हें पता चला कि आरोपी ने SBI बैंक में AAI के आधिकारिक बैंक अकाउंट के लिए तीन अलग-अलग यूजर आईडी बनाई थीं. उन्होंने आरोप लगाया,

"उसने AAI के खाते से अपने बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करने का एक गुप्त तरीका अपनाया. पहले छोटी रकम और फिर बड़ी रकम ट्रांसफर की ताकि किसी को भी भनक न लगे. उसने आधिकारिक रिकॉर्ड में लगभग 189 करोड़ रुपये की संपत्ति की जानकारी दिखाई, जो कभी अस्तित्व में ही नहीं थी और फर्जी पाई गई. ये सब उसने इसलिए किया ताकि पैसों को अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर सके.”

शिकायतकर्ता ने ये भी आरोप लगाया कि आरोपी ने AAI के एक ठेकेदार को पैसे ट्रांसफर किए थे. जिसके बाद उसने ये राशि बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर अपने खाते में ट्रांसफर कर ली. सीनियर मैनेजर के मुताबिक,

"29 सितंबर, 2021 को उसने (राहुल) नई टर्मिनल बिल्डिंग के पहले फेज के इलेक्ट्रिक काम के लिए 67.81 करोड़ रुपये की वास्तविक संपत्तियां बनाईं. 30 सितंबर को 13.58 करोड़ रुपये की 13 मूल संपत्तियों में एक ‘शून्य’ जोड़कर 189 करोड़ रुपये की 17 काल्पनिक संपत्तियां बना दीं, और पूरी राशि अपने खाते में ट्रांसफर करा ली.”

एजेंसी ने अधिकारी के खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का मामला दर्ज कर लिया है.

राहुल विजय के लिंक्डइन पेज के अनुसार, गिरफ्तारी के समय वो जयपुर एयरपोर्ट पर AAI के फाइनेंस इंचार्ज के रूप में तैनात थे. उन्होंने कोल इंडिया में भी काम किया है.

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