प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार 2 सितंबर को Semicon India 2025 में Vikram 32-bit चिप को लॉन्च किया. Vikram 32-bit चिप भारत का पहला सेमीकंडक्टर चिप है और पूरी तरह से भारत में निर्मित है. इसे लॉन्च करते हुए पीएम ने कहा कि भारत अपने मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिपसेट का कमर्शियल प्रोडक्शन इस साल शुरू करेगा.
पीएम मोदी ने जारी किया भारत का पहला सेमीकंडक्टर चिप, जान लीजिए क्या है यह Vikram-32 बिट
Vikram-32 एक 32-बिट प्रोसेसर चिप है, जो एक बार में 32 बिट डेटा प्रोसेस कर सकती है. इसे स्पेस लॉन्चिंग व्हीकल पर मौजूद कठिन परिस्थितियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. विक्रम चिप को ISRO के सेमीकंडक्टर लैब (SCL) मोहाली में तैयार किया गया है. यह भारत का पहला फुली मेक इन इंडिया 32-Bit माइक्रो प्रोसेसर है.


विक्रम 3201 एक खास तरह का सेमीकंडक्टर माइक्रोप्रोसेसर है, जो एक बार में 32 बिट डेटा प्रोसेस कर सकता है. यह मोबाइल या लैपटॉप में पाया जाने वाले आम प्रोसेसर की तरह नहीं है. इसे खासतौर पर रॉकेट और सैटेलाइट जैसे अंतरिक्ष यानों के लिए बनाया गया है. इसका काम लॉन्च के समय रॉकेट की नेविगेशन, कंट्रोल और मिशन मैनेजमेंट को संभालना है.
विक्रम चिप को ISRO के सेमीकंडक्टर लैब (SCL) मोहाली में तैयार किया गया है. यह भारत का पहला फुली मेक इन इंडिया 32-Bit माइक्रो प्रोसेसर है.
Vikram-32 चिप की खासियतइस चिप को बेहद मुश्किल परिस्थितियों में काम करने के लिए बनाया गया है. यह डेसिमल वाले नंबरों (जैसे 3.14) के साथ भी काम कर सकती है. इसका मतलब है कि जटिल गणनाएं करने में भी सक्षम है. यह चिप हाई मेमोरी हैंडलिंग और जटिल इंस्ट्रक्शंस को प्रोसेस करने में भी सक्षम है.

यह पहली बार है जब भारत ने इतना एडवांस प्रोसेसर खुद डिजाइन किया है. यह प्रोसेसर विक्रम 1601 का नेक्स्ट वर्जन है. विक्रम 1601, 2009 से इसरो के रॉकेट में इस्तेमाल हो रहा था. नया प्रोसेसर अब 32-बिट का है, जबकि पुराना 16-बिट का था. इसका मतलब है कि अब यह ज्यादा डेटा और ज्यादा तेजी से प्रोसेस कर सकता है.
- 32-बिट आर्किटेक्चर: एक साथ ज्यादा डेटा प्रोसेस कर सकता है.
- 64-बिट फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशन्स: रॉकेट की दिशा और स्पीड की सटीक गणना में मदद करता है.
- Ada प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सपोर्ट: एयरोस्पेस सिस्टम्स में बेहद जरूरी.
- 1553B बस इंटरफेस: यह रॉकेट के अलग-अलग मॉड्यूल्स को आपस में जोड़े रखता है.
- मिलिट्री-ग्रेड क्वालिटी: यह प्रोसेसर बेहद गर्मी, ठंड, कंपन और रेडिएशन को भी सह सकता है.
अंतरिक्ष मिशनों जैसे सैटेलाइट और लॉन्च व्हीकल्स में इसका इस्तेमाल होगा. इसके अलावा, रक्षा, एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल और ऊर्जा सेक्टर में भी इसके उपयोग की संभावनाएं हैं. इसे हाल ही में PSLV-C60 मिशन में स्पेस में टेस्ट किया गया था, जिसमें यह पूरी तरह सफल रही.
Semicon India 2025 सम्मेलन में मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि Vikram-32 सिर्फ एक चिप नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की पहचान है. यह हमारी तकनीकी क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ती भूमिका का प्रतीक है.
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