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उज्जैन में चला बुलडोजर, तकिया मस्जिद सहित 230 से अधिक मकान गिराए गए

उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास बनी बेगमबाग कॉलोनी में जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते मकानों को ध्वस्त कर दिया है. तकिया मस्जिद को भी तोड़ दिया गया है. प्रशासन ने ये कार्रवाई क्यों की है?

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उज्जैन में मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई (फोटो-इंडिया टुडे)

उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास बनी बेगमबाग कॉलोनी में जिला प्रशासन (Ujjain Takiya Masjid Demolished) ने कार्रवाई की. इस कार्रवाई में 230 से अधिक मकानों को ध्वस्त किया गया. इस दौरान तकिया मस्जिद को भी तोड़ दिया गया. कार्रवाई के बीच हल्का विरोध भी देखने को मिला. लेकिन पुलिस बल ने हालात पर काबू पा लिया.

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उज्जैन में लोगों के घर ध्वस्त

इंडिया टुडे से जुड़े संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 11 जनवरी को प्रशासन ने ये कार्रवाई की. दोपहर 3 बजे तक इलाके के 100 घरों को जमींदोज कर दिया गया. इस दौरान प्रशासन और पुलिस की देखरेख में तकिया मस्जिद को भी तोड़ दिया गया. इस बीच थोड़ा विरोध हुआ, पर पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया. 

रिपोर्ट के मुताबिक महाकाल मंदिर क्षेत्र के सौंदर्यीकरण और विस्तारीकरण के बीच में बेगमबाग कॉलोनी आ रही थी. जिसके बाद मामला उच्च न्यायालय तक गया. जहां कोर्ट ने कॉलोनी वालों की अपील खारिज कर दी थी. लेकिन निचली अदालत में केस पहुंचने की वजह से प्रशासन वहां कार्रवाई नहीं कर पाया. पर अब निचली अदालत से भी फैसला प्रशासन के पक्ष में आया है. कार्रवाई करने से पहले प्रशासन ने लोगों को घर खाली करने की अंतिम सूचना दी थी. शनिवार सुबह प्रशासन की मौजूदगी में नगर निगम की टीम ने घरों पर जेसीबी और अन्य मशीनें चलानी शुरू कर दीं.

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एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया, 

“कार्रवाई के दौरान कोई विरोध की स्थिति उत्पन्न न हो. और कार्रवाई शांति से हो जाए इसलिए पुलिस के करीब 200 जवान यहां मौजूद हैं.” 

वहीं, मामले में प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्हें मकान खाली करने का समय नहीं दिया गया. रात 8 बजे नोटिस थमाया गया था, उससे पहले किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई थी. इन लोगों का कहना है कि उन्हें बहुत कम मुआवजा दिया गया है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, तकिया मस्जिद के आसपास बसी कॉलोनी में कुल 257 मकानों पर कार्रवाई की जानी है. इनमें से कुछ मकानों का मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. इसके अलावा बाकी मकानों पर कार्रवाई के लिए अनुमति मिल चुकी है. रिपोर्ट की मानें तो इस मामले में मकान मालिकों को शासन के नियमानुसार मुआवजा भी मिल चुका है. जबकि कोर्ट में जिनका केस चल रहा है उन्हें मुआवजा अभी नहीं मिला है.

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