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उदयपुर: महाराणा प्रताप के वंशजों की लड़ाई अब सड़क पर आई, समर्थकों के बीच पथराव, 3 घायल

Udaipur royal family property row: उदयपुर राजपरिवार संपत्ति विवाद सड़क तक पहुंच गया है. Mahendra Singh Mewar और Arvind Singh Mewar के समर्थकों के बीच सिटी पैलेस के बाहर पथराव हुआ. जिसमें 3 लोग घायल बताए जा रहे हैं.

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सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन के दौरान समर्थकों और पुलिस में झड़प (फोटो: आज तक)

उदयपुर में मेवाड़ राजपरिवार  (Udaipur royal family) संपत्ति विवाद सड़क तक पहुंच गया है. महेंद्र सिंह मेवाड़ (Mahendra Singh Mewar) और अरविंद सिंह मेवाड़ (Arvind Singh Mewar) के समर्थकों के बीच सिटी पैलेस के बाहर पथराव हुआ. जिसमें 3 लोग घायल बताए जा रहे हैं. ये राजपरिवार महाराणा प्रताप सिंह के वंशज हैं.

दरअसल, चित्तौड़गढ़ दुर्ग में नाथद्वारा विधायक और राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़  (Vishwaraj Singh Mewar)  का 25 नवंबर को पारंपरिक राजतिलक हुआ. राजतिलक के बाद सिटी पैलेस स्थित धूणी माता के दर्शन का कार्यक्रम था. राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ समर्थकों का काफिला सिटी पैलेस पहुंचा. लेकिन सिटी पैलेस के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी.

इस वजह से पुलिस और विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थकों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. समर्थकों ने बैरिकेड तोड़कर पैलेस के अंदर प्रवेश करने की कोशिश भी की. इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया गया. वहीं, दूसरे पक्ष के सर्मथक भी वहां आ गए और फिर दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई.

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दरअसल, सिटी पैलेस वर्तमान में अरविंद सिंह मेवाड़ के अधीन है, जो दिवंगत भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत के आधार पर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. ऐसे में अरविंद सिंह मेवाड़ परिवार की तरफ से दूसरे पक्ष को कथित तौर पर एंट्री देने से मना किया गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की तरफ से सिर्फ तीन गाड़ियों को अंदर जाने की अनुमति दी गई. जबकि समर्थकों की मांग थी कि 10 गाड़ियों के साथ एंट्री दी जाए.

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इस पूरे विवाद पर विश्वराज सिंह की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि रीत निभाने से रोकना गलत है. भगवान एकलिंगनाथ की कृपा पूरे मेवाड़ पर बनी रहे. राजतिलक कार्यक्रम 452 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा था. घटना को लेकर जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. महल के प्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के प्रतिनिधियों से भी बातचीत चल रही है. वो कुछ मुद्दों पर सहमत हो गए हैं, जबकि कुछ अन्य मुद्दों पर अभी भी बातचीत चल रही है.

खून से किया गया तिलक

बताते चलें कि विश्वराज सिंह मेवाड़, जिन्हें गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई, वो नाथद्वारा विधानसभा से BJP के विधायक हैं. विश्वराज सिंह की पत्नी महिमा कुमारी मेवाड़ (Mahima Kumari Mewar) भी राजसमंद से बीजेपी सांसद हैं. पगड़ी दस्तूर की ये रस्म चित्तौड़गढ़ जिले के ‘फतह प्रकाश महल’ (Fateh Prakash Palace) में अदा की गई. गद्दी पर बैठने के दौरान सलूम्बर के रावत देवब्रत सिंह ने उंगली काटकर खून से उन्हें तिलक लगाया. पगड़ी दस्तूर की ये रस्म चित्तौड़गढ़ जिले के ‘फतह प्रकाश महल’ (Fateh Prakash Palace) में अदा की गई. 

बताते चलें कि खून से राजतिलक करने की परंपरा महराणा प्रताप के समय हुई थी, जब तिलक करने के लिए किसी को कुमकुम नहीं मिला था तो चुंडा जी के वंशज वरिष्ठ रावत ने गोगूंदा में महाराणा प्रताप का अपनी उंगली काटकर खून से राजतिलक किया था. 

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