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'जो वेनेजुएला से तेल ख़रीदेगा, उस पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ़...', ट्रंप के इस एलान से भारत फंस जाएगा?

Trump tariff threat to Venezuelan oil buyers: ताजा टैरिफ भारत के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि भारत की तेल पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी कहते रहे हैं कि अगर चीज़ें अनुकूल हों, तो भारत वेनेजुएला से तेल खरीदने को तैयार है.

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अगर ट्रंप इस टैरिफ़ वाली बात पर टिके रहते हैं, तो भारत समेत कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. (फ़ोटो - AP)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला से तेल आयात करने वाले देशों पर टैरिफ़ लगाने की बात कही है (US tariff on Venezuelan oil). उनका कहना है कि अगर कोई देश वेनेजुएला से गैस और तेल ख़रीदता है, तो उसे अमेरिका के साथ व्यापार करने पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ का भरना पड़ेगा. अगर किसी देश पर पहले से टैरिफ़ लग रहा है, तो उस पर ये 25 प्रतिशत टैरिफ़ 'सेकेंडरी' होगा.

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ट्रंप ने कहा कि वेनेज़ुएला, अमेरिका के प्रति दुश्मनी रखने वाला काम करता रहता है. इसीलिए ये कार्रवाई की जा रही है. टैरिफ़ 2 अप्रैल से प्रभावी होगा. इसी दिन अमेरिकी के साथ व्यापार करने वाले भारत समेत अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ़ भी लगाए जाएंगे.

डॉनल्ड ट्रंप ने मीडिया को आगे बताया कि वेनेजुएला के कच्चे तेल के ख़रीदारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ़, किसी भी मौजूदा टैरिफ़ के अलावा होगा. टैरिफ़ उस देश पर तब तक लागू रहेगा, जब तक उसके वेनेजुएला से तेल आयात किये एक साल ना हो जाए. इसके बाद ही अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी उन्हें हटाने की मंजूरी देंगे.

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भारत पर असर

साल 2019 में अमेरिका ने वेनेजुएला से तेल ख़रीदने पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2023 में ये प्रतिबंध हटे, तो भारत ने 2023 में वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात फिर से शुरू किया. लेकिन कुछ महीनों बाद ही अमेरिकी ने फिर प्रतिबंध दिया था.

प्रतिबंधों में इस गैप के बीच भारत ने वेनेजुएला से भारी मात्रा में तेल ख़रीदा था. साल, 2024 में वेनेजुएला ने हर दिन 6.60 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात किया. इसमें भारत, चीन और स्पेन शीर्ष खरीदार बनकर उभरे.

वहीं, अमेरिका ने दूसरी बार प्रतिबंध लगाए तो, लेकिन कुछ तेल कंपनियों को ख़ास तरह की छूट मिली. इसी के ज़रिए वेनेजुएला के कच्चे तेल की कुछ मात्रा भारत समेत कई देशों तक पहुंच रही है. 2024 में, भारत ने वेनेजुएला से लगभग 22 मिलियन बैरल तेल आयात किया. ये भारत के कुल कच्चे तेल की ख़रीद का लगभग 1.5 प्रतिशत है.

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एक और बात ध्यान देने वाली थी कि 2024 में अमेरिका ख़ुद वेनेजुएला के तेल का दूसरा सबसे बड़ा आयातक बन गया था. पहला चीन है. ऐसे में आरोप लगते हैं कि अमेरिका अपने हिसाब से प्रतिबंध और छूट लगाता है. इससे बाक़ी देशों को नुक़सान झेलना पड़ता है.

भारत के कुल तेल आयात में वेनेजुएला के तेल की हिस्सेदारी 4.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन से ज़्यादा है. लेकिन ये वर्तमान में उतनी नहीं है, जितनी पहले हुआ करती थी. 2019 के अमेरिकी प्रतिबंध से पहले भारत वेनेजुएला के कच्चे तेल का बड़ा ख़रीदार था. भारत के ऑफ़िशियल ट्रेड डेटा के अनुसार, वेनेजुएला 2019 में भारत का पांचवा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था.

ताजा टैरिफ भारत के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि भारत की तेल पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है. पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल, 2024-फरवरी, 2025 में भारत की तेल आयात निर्भरता 88.2 प्रतिशत थी. जबकि ये अप्रैल, 2023-फरवरी, 2024 में 87.7 प्रतिशत थी.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी लंबे समय से कहते रहे हैं कि अगर आर्थिक स्थिति अनुकूल है और तेल पर प्रतिबंध नहीं है, तो भारत वेनेजुएला से तेल खरीदने को तैयार है. दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के नाते, भारत अपनी 85 प्रतिशत से ज़्यादा ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर है.

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