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एक बेटे ने इंस्पेक्टर पिता की हत्या की, दूसरे ने ASI बनकर भाई का मर्डर करवा दिया

पुलिस के अनुसार, भानु ने अपने भाई की हत्या के लिए इंस्टाग्राम के माध्यम से शूटर धर्मेंद्र कुशवाह को 1 लाख रुपये में सुपारी दी थी.

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हत्या के बाद भानु बैंकॉक भाग गया. (फोटो- सोशल मीडिया)

मध्य प्रदेश के इंदौर में एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) पर अपने भाई की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है. ASI ने ये साजिश कथित तौर पर अपने इंस्पेक्टर पिता की हत्या का बदला लेने के लिए रची थी (ASI hires killer on Instagram to avenge fathers murder). पुलिस ने इस मामले में एक शूटर और एक नाबालिग लड़की को गिरफ्तार किया है. वहीं आरोपी ASI हत्या के बाद कथित तौर पर बैंकॉक भाग गया है.

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पिता की हत्या और पारिवारिक विवाद

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में ग्वालियर के दीदनगर में अजय तोमर ने पारिवारिक विवाद के दौरान अपने पिता, इंस्पेक्टर हनुमान तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हमले में उसके भाई भानु तोमर को भी गोली लगी थी, लेकिन उसकी जान बच गई. अजय को हत्या के आरोपों में सजा सुनाई गई और उसे जेल भेज दिया गया. इस दौरान उसकी पत्नी ने उससे तलाक ले लिया.

भानु को सहानुभूति नियुक्ति के तहत इंदौर पुलिस में ASI की नौकरी मिल गई. इस दौरान भानु ने अपना पैतृक घर बेच दिया. रिपोर्ट के मुताबिक अजय 14 जुलाई 2025 को परोल पर रिहा हुआ. जिसके बाद से दोनों भाइयों में संपत्ति और पैसे को लेकर तनाव और बढ़ गया.

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23 जुलाई के दिन अजय शिवपुरी से ग्वालियर जा रहा था. बीच रास्ते में अज्ञात हमलावरों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. भानु ने संदेह से बचने के लिए अपने भाई के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया. हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में भानु की कार को अजय की कार के पीछे जाते देखा गया. हत्या के बाद उसका फोन भी बंद पाया गया. 

शिवपुरी के SP अमन सिंह राठौर ने इस मामले की जांच शुरू की. उन्होंने बताया,

"प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शिकायतकर्ता ड्राइवर भगत सिंह ने बताया था कि एक अज्ञात महिला, जो परोल के बाद अजय के संपर्क में थी, घटना वाले दिन शिवपुरी के कठमई तिराहे पर कार में सवार हुई थी. उसने टॉयलेट जाने के लिए एक सुनसान जगह पर कार रोकने को कहा, जिसके बाद अज्ञात हमलावरों ने अजय की गोली मारकर हत्या कर दी."

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पुलिस की कार्रवाई

सीसीटीवी की जांच के आधार पर पुलिस ने धर्मेंद्र, नाबालिग लड़की और मोनेश तोमर नाम के आरोपियों की पहचान की. धर्मेंद्र के बयान और सीसीटीवी फुटेज से भानु की साजिश का खुलासा हुआ. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

"वो हत्या और हत्या के प्रयास सहित सात गंभीर मामलों में शामिल था. 2011 में उसने अपने इलाके में पिंकड़ दादा नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और 26 जनवरी को अपनी सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा हुआ था. जेल में उसकी मुलाकात अजय से भी हुई थी."

महिला की पहचान एक नाबालिग लड़की के रूप में हुई है जो इंदौर में हिरासत से भाग गई थी. एक अधिकारी ने बताया,

"वो 12 जुलाई को भागी थी और सीसीटीवी फुटेज में उसे भानु के एक वाहन से उतरते हुए भी देखा गया था. तभी हमें पता चला कि ASI का उससे कोई संबंध हो सकता है."

इंस्टाग्राम के जरिए सुपारी

पुलिस के अनुसार, भानु ने अपने भाई की हत्या के लिए इंस्टाग्राम के माध्यम से शूटर धर्मेंद्र कुशवाह को 1 लाख रुपये में सुपारी दी थी. अधिकारी ने बताया,

"भानु ने ही अजय से महिला की दोस्ती करवाई थी... एक गुप्त सूचना के आधार पर धर्मेंद्र और लड़की को पकड़ लिया गया. पूछताछ में धर्मेंद्र ने कबूल किया कि जेल से छूटने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें पोस्ट कीं और भानु ने उससे संपर्क किया. उसने कई बार उसके खाते में पैसे ट्रांसफर किए और कथित तौर पर अजय की हत्या का काम सौंपा."

अधिकारी ने आगे बताया,

"घटना वाले दिन महिला ने योजना के मुताबिक अजय से एक सुनसान इलाके में कार रुकवाई. जहां भानु और धर्मेंद्र कार में आए और कथित तौर पर अजय की गोली मारकर हत्या कर दी. धर्मेंद्र को एक लाख रुपये में सुपारी दी गई थी."

हत्या के बाद भानु बैंकॉक भाग गया. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया है. मामले में आगे की जांच जारी है.

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