मणिपुर (Manipur Violence) के इंफाल ईस्ट जिले के पुखाओ लीटनपोकपी (Pukhao Leitanpokpi) इलाके में 15 जून की सुबह दोबारा तनाव की खबरें सामने आई हैं. यहां कथित तौर पर खेत की जमीन को लेकर हुए विवाद में मैतेई और कुकी-जो समुदाय के बीच झड़प हो गई. मणिपुर पुलिस ने कहा कि किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए राज्य की पुलिस, बीएसएफ और सीआरपीएफ सहित बाकी सुरक्षा बल मौके पर मौजूद हैं. फिलहाल विवाद वाले इलाके के अलावा आसपास के इलाकों में भी उनकी तैनाती की गई है जिससे किसी भी विवाद की स्थिति में हालात पर तुरंत काबू पाया जा सके.
मणिपुर में फिर से कुकी-मैतेई में विवाद, 'धान के खेत' को लेकर हुई झड़प
Leitanpokpi, मुख्य रूप से मैतेई बहुल जिला है जो इंफाल ईस्ट के सबसे अंतिम छोर पर पड़ता है. 3 मई, 2023 को राज्य में हुई हिंसा के दौरान ये सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक था.

मणिपुर पुलिस ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर कहा
आज (15 जून) सुबह करीब 10 बजे लीटनपोकपी का एक मैतेई किसान, कुकी गांव के पास सादु लंपक गांव में ट्रैक्टर से खेत जोतने गया था. आस-पास के कुछ कुकी गांव वालों ने यह कहते हुए विरोध किया कि धान का खेत उनका नहीं है. इस बीच आस-पास के कुछ मैतेई भी मौके पर आ गए. कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें कुकी लोगों को मैतेई किसानों को रोकने के लिए आते हुए दिखाया गया है.
मणिपुर पुलिस ने पोस्ट में कहा कि लोग किसी भी अफवाह पर यकीन न करें. पुलिस ने लिखा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक IEE के नेतृत्व में सुरक्षा बल और अन्य केंद्रीय बल पहले से ही मौके पर मौजूद हैं और स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अतिरिक्त बल भी स्थिति पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. जनता से अनुरोध है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि वायरल हुए कथित वीडियोज़ में से एक में दोनों समुदाय एक-दूसरे पर गुलेल चलाते और पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं. जबकि बीएसएफ के जवान हालात को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि झड़प के दौरान कुछ लोगों के घायल होने की खबरें हैं, लेकिन घायलों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
लीटनपोकपी, मुख्य रूप से मैतेई बहुल जिला है जो इंफाल ईस्ट के सबसे अंतिम छोर पर पड़ता है. लीटनपोकपी, कांगपोकपी जिले के सैकुल सब-डिवीजन की सीमा से लगता है. ये एक कुकी बहुल जिला है. यही वजह है कि यहां दोनों समुदाय आमने-सामने आते रहते हैं. 3 मई, 2023 को राज्य में हुई हिंसा के दौरान ये सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक था.
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