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मिग-21 की जगह अब आसमान में गरजेगा तेजस एमके 1ए, क्या है इसकी खासियत?

Indian Air Force का Tejas Mk1A (तेजस एमके 1ए) एक स्वदेशी विमान है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये आने वाले कई सालों तक अपनी तकनीक को अपग्रेड करके समय के साथ तालमेल बिठा कर चलेगा. कहावत की भाषा में कहें तो तेजस लंबी रेस का घोड़ा है. 17 अक्टूबर को इस विमान ने पहली उड़ान भरी.

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इंडियन एयरफोर्स के तेजस को मिग-21 की जगह लेनी है (PHOTO- Indian Air Force)

हमारी नई पीढ़ी जिसने 1999 यानी कारगिल (Kargil War) की जंग नहीं देखी, उसने पहली बार 2019 और फिर 2025 में इंडियन एयरफोर्स का आक्रामक चेहरा देखा. Mig-21 ने 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन के साथ जो लड़ाई लड़ी, उसे पायलट्स को सब्जेक्ट्स की तरह पढ़ाया जाता है. लेकिन मिग-21 पुराने हो रहे थे. इसलिए करीब 6 दशक पुराने विमान की दो स्क्वाड्रन को 26 सितंबर को रिटायर कर दिया गया. और अब रूसी मिग की जगह लेने के लिए भारत का स्वदेशी विमान तेजस एमके 1ए (Tejas Mk1A) वेरिएंट तैयार है. 17 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की मौजूदगी में Tejas Mk1A ने नासिक स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स फैसिलिटी (HAL) से पहली उड़ान भरी. साथ ही HTT Trainer Aircraft और Tejas Mk1A की नई असेंबली लाइन का भी उद्घाटन हुआ.

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तेजस मार्क 1A इंडियन एयरफोर्स के मिग-21 की जगह लेंगे (PHOTO-Indian Air Force)

तेजस का तकनीकी नाम लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) है. ये एक हल्का, सिंगल इंजन वाला फाइटर जेट है, जो 4.5 जेनरेशन का है. यानी सेंसर्स और रडार के लिहाज में इसमें लगी टेक्नोलॉजी बहुत ही नई और उन्नत है. ये पहली उड़ान उस दिन हुई जब भारत की एयरफोर्स ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट की रैंकिंग के मुताबिक भारत से आगे अब सिर्फ रूस और अमेरिका हैं. अब तेजस की पहली उड़ान होने के साथ उम्मीद है कि इंडियन एयरफोर्स की ताकत में और इजाफा होगा. क्योंकि एक बड़ा मुद्दा तेजस के इंजन का है. जिनकी सप्लाई में अमेरिकन कंपनी GE Aerospace ने काफी देरी की है.

पाकिस्तान से तुलना होना लाजमी है 

पाकिस्तान ही वो देश है जिससे भारत चार बार जंग लड़ चुका है, और चारों बार भारत ने उसे शिकस्त दी है. लेकिन बीते कुछ सालों में पाकिस्तान ने एक नया दोस्त, या यूं कहें कि बड़ा भाई ढूंढा है. नाम है चीन. चीन लगातार रक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान को सपोर्ट कर रहा है. एयर डिफेंस से लेकर फाइटर जेट, कुछ भी उठा लें तो पाकिस्तान के बेड़े में चीन का माल बहुत आसानी से मिल जाएगा. और भारत के सामने पाकिस्तान जिसकी शेखी सबसे अधिक बघारता है, वो है उसका JF-17. तो पहले ये जान लेते हैं कि चीन और पाक के इस जॉइंट प्रोजेक्ट की तुलना में भारत का स्वदेशी जेट तेजस कहां टिकता है.

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पाकिस्तान का JF-17 (PHOTO-X)

तेजस एक स्वदेशी विमान है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये आने वाले कई सालों तक अपनी तकनीक को अपग्रेड करके समय के साथ तालमेल बिठा कर चलेगा. कहावत की भाषा में कहें तो तेजस लंबी रेस का घोड़ा है. दूसरी ओर JF-17 जल्दबाजी में तैयार किया हुआ एक प्रोडक्ट है. ये चलता तो है, लेकिन कब बैठ जाए इसपर संशय बना रहता है. इसे पाकिस्तानी एयरफोर्स का 'Quick Fix' भी कहा जाता है. क्योंकि तत्काल गैप भरने के लिए पाकिस्तान ने इसे चीन के साथ मिलकर बनाया.

हथियार एकदम सटीक लगेगा

आम पब्लिक सबसे पहले किसी फाइटर जेट के बारे में एक सवाल करती है, इसमें लगा हथियार कितना खतरनाक है? और इस रेस में तेजस के हथियार शानदार हैं. तेजस में अस्त्र मिसाइल के अलावा ASRAAM और लेजर गाइडेड बम लगते हैं. हाल ही में भारत ने अस्त्र मिसाइल के मार्क 2 वर्जन (Astra Mk2) का सफल टेस्ट किया है. Astra Mk2 200 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल है. इंडियन एयरफोर्स इसके 700 यूनिट्स के ऑर्डर भी देने वाली है. इसके अलावा इसमें ASRAAM मिसाइल भी लगती है जो डॉगफाइट के लिए शानदार मानी जाती है. तेजस मार्क 1A में बेहतर क्वालिटी के सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर लगे हैं जो दुश्मन के रडार सिग्नल को बेहतर ढंग से चकमा देने में सक्षम हैं. जबकि इसके एडवांस इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स दुश्मन की मिसाइलों को चकमा देने की काबिलियत रखते हैं.

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दूसरी ओर पाकिस्तान के JF-17 में मुख्य तौर पर PL-15 का इस्तेमाल होता है. PL-15 वही मिसाइल है जिसके टुकड़े भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की वजह से मैदानों में बिखरे पड़े मिले थे. दूसरा हथियार CM-400 है जो एक सुपरसॉनिक हथियार है. ये है तो बढ़िया, लेकिन इसका इस्तेमाल पाकिस्तान बहुत लिमिटेड स्तर पर करता है. 

Tejas Mk1A maiden flight delays due to engine supply issues HAL production  update - India Today
HAL Nashik में बनते तेजस विमान (PHOTO-India Today)

तेजस के पहले वर्जन के तौर पर 40 तेजस विमानों को भारतीय वायुसेना के लिए लेने का करार हुआ था, जो लगभग पूरा हो चुका है. इसके तहत अब तक दो स्क्वाड्रन स्थापित किए जा चुके हैं. इसके बाद, साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1A का ऑर्डर दिया था, जिससे कुल 4 स्क्वॉड्रन बनेंगे. इसके लिए करार पूरा हो गया है और इन सभी 83 विमानों की डिलीवरी अब जल्द शुरू हो जाएगी. इसी डील के पहले तेजस ने 17 अक्टूबर को नासिक से उड़ान भरी. एक नजर डालते हैं तेजस Mk1A के क्विक फैक्ट्स पर-

  • लंबाई: 43.3 फीट 
  • ऊंचाई: 14.4 फीट 
  • विंगस्पैन (साइड वाले डैने जिन्हें पंख भी कहते हैं): 26.9 फीट 
  • अधिकतम टेक-ऑफ वजन: 13,500 किलोग्राम 
  • पेलोड क्षमता: 5,300 किलोग्राम 
  • इंजन: सिंगल इंजन- GEF404-IN20 
  • इंजन की ताकत (थ्रस्ट): 84kN 
  • रेंज: 3 हजार किलोमीटर 
  • स्पीड: मैक 1.8 (लगभग 2,200 किलोमीटर प्रति घंटा) 
  • सर्विस सीलिंग (अधिकतम ऊंचाई): लगभग 50 हजार फीट 

इंजन की देरी की वजह से LCA मार्क 1A का प्रोजेक्ट समय से पीछे चल रहा है. इंजन देने वाली अमेरिकन कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE Aerospace) ने इस कैलेंडर ईयर में कुल 12 इंजन देने का वादा किया है.

वीडियो: रखवाले: LCA तेजस अब ऑपरेशनल एरिया में तैनात, क्या इन समस्याओं का कोई हल निकलेगा?

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