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गुजरात में जैन समुदाय ने मिलकर खरीदीं 186 लग्ज़री कारें, 21 करोड़ बचा लिए

भारवाड़ युवा संगठन गुजरात ने 121 जेसीबी मशीनों की बुकिंग इकट्ठे की. उन्हें हर मशीन पर औसतन 3.3 लाख रुपये की छूट मिली. लगभग 4 करोड़ रुपये की बचत हुई.

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पूरे भारत से 149.54 करोड़ रुपये में 186 कारें खरीदी गईं. (प्रतीकात्मक फोटो- AI)

गुजराती अपने दिमाग का इस्तेमाल कर पैसा कमाने या बचाने के लिए जाने जाते हैं. इसका एक हालिया उदाहरण राज्य के जैन समुदाय द्वारा शुरू की गई एक पहल भी है. इसके तहत, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) ने हाल ही में पूरे भारत से 149.54 करोड़ रुपये में 186 कारें खरीदी हैं. इन कारों की कीमतें 60 लाख रुपये से 1.34 करोड़ रुपये के बीच रहीं. खास बात ये रही कि इस सामुदायिक खरीद से 21.22 करोड़ रुपये की छूट मिली है.

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टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस देशव्यापी खरीदारी में गुजरातियों, खासकर अहमदाबाद के लोगों का बड़ा हिस्सा था. JITO के भारत में लगभग 65,000 सदस्य हैं. इसने अपने सदस्यों के लिए बेहतर दरें हासिल करने के लिए ऑडी, BMW, मर्सिडीज और सैमसंग जैसे 15 प्रमुख ब्रांडों के डीलर्स के साथ काम किया.

बताया गया कि इस कोशिश की सफलता के बाद JITO ने सामुदायिक खरीदारी के लिए एक अलग ब्रांच बनाई है. संगठन ऐसे ग्रुप सौदों को इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों और गहनों जैसी दूसरी कैटिगरिस में भी एक्सपैंड करने की योजना बना रहा है. JITO एपेक्स के वाइस चेयरमैन हिमांशु शाह ने TOI को बताया,

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सामुदायिक खरीदारी हमें और बेहतर मोलभाव करने की ताकत देती है. ब्रांड्स को सुनिश्चित बिक्री और कम मार्केटिंग लागत का फायदा मिलता है. वहीं, सदस्यों को बचत होती है. अकेले इस अभियान में सदस्यों ने 149.54 करोड़ रुपये की कीमत की लग्जरी कारें खरीदीं, जिससे सामूहिक रूप से 21.22 करोड़ रुपये की बचत हुई.

सामुदायिक खरीदारी के चलन को आगे बढ़ाने वाले सिर्फ जैन ही नहीं हैं. गुजरात के भारवाड़ समुदाय ने भी इस कॉन्सैप्ट को अपनाया है. भारवाड़ युवा संगठन गुजरात ने 121 जेसीबी मशीनों की बुकिंग इकट्ठे की. रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें हर मशीन पर औसतन 3.3 लाख रुपये की छूट मिली, जिससे कुल मिलाकर लगभग 4 करोड़ रुपये की बचत हुई.

संगठन के अध्यक्ष दिलीप भारवाड़ ने कहा, ‘हमारा अभियान युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने में मदद करता है.’ दिलीप भारवाड़ के मुताबिक, जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, उन्हें सिर्फ पैन और आधार वेरिफिकेशन के आधार पर जीरो डाउन पेमेंट पर जेसीबी मिल गई.

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