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उद्धव-राज के साथ आने से CM स्टालिन खुश, बोले- हिंदी थोपे जाने के खिलाफ एकजुट हों

MK Stalin ने BJP सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश में ‘हिंदी थोपने’ की कोशिश में उन्हें दूसरी हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने Uddhav Thackeray और Raj Thackeray को उनकी ‘विजय रैली’ के लिए बधाई दी.

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एमके स्टालिन ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को बधाई दी (फोटो: इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र सरकार ने तीन-भाषा नीति को वापस ले लिया. इस भाषा नीति के खिलाफ उद्धव और राज ठाकरे एक साथ नजर आए. दोनों ने 20 साल बाद सार्वजनिक रूप से मंच साझा किया. साथ ही आगामी नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक गठबंधन के संकेत भी दे डाले. इन सबके बीच, ठाकरे ‘ब्रदर्स’ को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का भी साथ मिला. जिन्होंने इसे BJP की हार बताया और दोनों नेताओं को बधाई दी.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 5 जुलाई को एमके स्टालिन ने BJP सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश में ‘हिंदी थोपने’ की कोशिश में उन्हें दूसरी हार का सामना करना पड़ा है. स्टालिन ने तमिल में ‘एक्स’ पर लिखा, 

हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और तमिलनाडु के लोगों का पीढ़ी दर पीढ़ी चलाया गया भाषा अधिकार संघर्ष, अब राज्य की सीमाओं को पार कर गया है. जो महाराष्ट्र में विरोध के तूफान की तरह घूम रहा है.

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बताते चलें कि शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने आखिरी बार 2005 में राजनीतिक मंच साझा किया था. जिसके 20 साल बाद ‘तीन भाषा नीति’ और ‘हिंदी बनाम मराठी’ को मुद्दा बनाते हुए दोनों नेता एक हो गए हैं. उन्होंने शनिवार, 5 जुलाई को 'मराठी की आवाज' रैली का आयोजन किया. 

इस विवाद की जड़ें ‘नई शिक्षा नीति’ (NEP) से जुड़ी हैं. इसी के तहत महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की स्कूली शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश की थी. लेकिन राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ-साथ कई अन्य समूहों ने इसका सख्त विरोध किया. इसके बाद फडणवीस सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया.

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CM स्टालिन ने ठाकरे भाइयों के ‘पुनर्मिलन’ का स्वागत किया और BJP पर अराजकतापूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि BJP तभी पैसे आवंटित करेगी, जब तमिलनाडु के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. स्टालिन ने कहा कि BJP को महाराष्ट्र में दूसरी बार पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

आपको बता दें कि एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने से इनकार कर दिया है. जिसमें राज्य के स्कूल-कॉलेजों में तमिल और अंग्रेजी के अलावा एक तीसरी भाषा पढ़ाने का प्रावधान है. उन्होंने केंद्र पर ‘समग्र शिक्षा अभियान’ योजना के तहत 573 करोड़ रुपये रोकने का भी आरोप लगाया.

वीडियो: महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर सरकार के सामने Uddhav Thackeray क्या बोले?

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