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'मारो पर वीडियो मत बनाओ', राज ठाकरे के इस बयान के बाद उद्धव भी बोले- '...हां हम गुंडे हैं'

Uddhav Thackeray ने कहा है कि वो 'न्याय' के लिए गुंडागिरी भी करेंगे. Raj Thackeray ने तो मराठी न बोलने वालों के साथ-साथ मारपीट करने की बात की है.

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Raj Thackeray and Uddhav Thackeray Rally
मंच पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे. (तस्वीर: PTI)
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रवि सुमन
5 जुलाई 2025 (Updated: 5 जुलाई 2025, 06:25 PM IST) कॉमेंट्स
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5 जुलाई को महाराष्ट्र के वर्ली में एक दुर्लभ संयोग देखने को मिला. 20 सालों के राजनीतिक मनमुटाव के बाद, उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे एक मंच पर साथ नजर आए. ‘तीन भाषा नीति’ और ‘हिंदी बनाम मराठी’ को मुद्दा बनाते हुए दोनों नेता एक हो गए हैं. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा,

मुंबई में 92 के दंगों में मराठी लोगों ने ही हिंदुओं को बचाया था. फडणवीस ने कहा कि वो गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे. लेकिन अगर अपनी भाषा के लिए लड़ना गुंडागर्दी है, तो हां हम गुंडे हैं.

Raj Thackeray and Uddhav Thackeray Rally
रैली के दौरान उद्धव और राज. (तस्वीर: X/शिवसेना-UBT)
'मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ'

इस मामले पर राज ठाकरे ने कहा,

चाहे वो गुजराती हो या कोई और उसे मराठी बोलनी चाहिए लेकिन इसके लिए किसी को पीटने की जरूरत नहीं है. फिर भी, अगर कोई ड्रामा करता है, तो उसे कान के नीचे मार सकते हो. अगर तुम किसी को मारो, तो उस घटना का वीडियो मत बनाओ. जिसको मारा गया है, वही बताए कि उसे मारा गया है, तुम्हें सभी को बताने की जरूरत नहीं है.

राज ठाकरे ने इस मिलन का क्रेडिट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिया है. उन्होंने कहा है,

मैंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और लड़ाई से बड़ा है. आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ आए हैं. जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया... हम दोनों को साथ लाने का काम.

उद्धव ठाकरे ने इस दौरान भाषाई पहचान का जिक्र करते हुए कहा,

भाषाई पहचान पर राज, मैं और यहां मौजूद हर व्यक्ति एकजुट है. 

हम साथ आए हैं और आगे भी साथ रहेंगे.

उद्धव ने ये भी कहा कि वो BMC चुनाव में जीत हासिल करेंगे और आगे महाराष्ट्र की सत्ता पर भी काबिज होंगे.

ये भी पढ़ें: उद्धव ने कहा- 'अब हम साथ हैं', राज ठाकरे बोले- ‘जो बालासाहेब न कर पाए, फडणवीस ने कर दिया...’

इस विवाद की जड़ें ‘नई शिक्षा नीति’ (NEP) से जुड़ी हैं. इसी के तहत महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की स्कूली शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश की थी. लेकिन राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ-साथ कई अन्य समूहों ने इसका सख्त विरोध किया. इसके बाद फडणवीस सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है.

वीडियो: 'मराठी बोलो...', राज ठाकरे के MNS कार्यकर्ताओं ने रेस्टोरेंट मालिक को मारा थप्पड़, वीडियो वायरल

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